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बक्सर के इस गाव से विश्वामित्र सेना के राजकुमार चौबे ने किया धर्म जागरण का शंखनाद

*हर साल 51 गरीब परिवार की लड़कियों का विवाह कराएगी विश्वामित्र सेना : राज कुमार चौबे* 

जो करेगा सनातन की बात विश्वामित्र सेना देगी उसका साथ तो किया पडेग विधानसभा चुनाव में पार्टियों पर असर 

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बक्सर : बक्सर के चक्की में आज सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम सह सनातनी सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया है। इस दौरान विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए संबोधित करते हुए कहा कि बक्सर केवल एक ज़िला नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का केंद्र है, जहां भगवान राम ने धर्म और युद्ध का पाठ पढ़ा और विश्वामित्र मुनि ने यज्ञ की रक्षा की। चौबे ने बक्सर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यही वह भूमि है जहां ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ, च्यवन ऋषि ने आयुर्वेदिक अमृत च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या उद्धार हुआ, वामन अवतार की पुण्यभूमि है और पंचकोशी परिक्रमा आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इतनी महान विरासत होने के बावजूद बक्सर को आज तक उसका उचित सम्मान नहीं मिला।

इसके लिए उन्होंने  स्थानीय नेताओं के साथ - साथ सांसद, विधायक और मंत्री को जिम्मेदार बताया और कहा कि उन्होंने बक्सर को कभी आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में कदम नहीं उठाए। उन्होंने सड़कों की जर्जर हालत, अस्पतालों की बदतर स्थिति और सांस्कृतिक धरोहरों की उपेक्षा को गंभीर चिंता का विषय बताया। साथ ही, उन्होंने 10 ठोस मांगें रखीं — जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा देना और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है।

चौबे ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पीएमओ को पत्र भेजा था और वहां से फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी बातें संज्ञान में ली गई हैं और कार्य शुरू हो रहा है। इसे उन्होंने पूरे बक्सर के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया। कार्यक्रम में चौबे ने बिहार के अन्य धार्मिक स्थलों के विकास की भी मांग की। उन्होंने सीतामढ़ी, गया, अजगैबीनाथ (सुल्तानगंज), मां मुंडेश्वरी (कैमूर), देव (औरंगाबाद) और वाल्मीकिनगर जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए विशेष योजनाएं बनाने और श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने का आग्रह किया।


उन्होंने बक्सर के युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर गहरी चिंता जताई। साथ ही कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा नहीं मिल जाता, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान नहीं मिलता और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं दी जाती, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने पूरे बिहार से आह्वान किया कि “बक्सर को उसकी गरिमा चाहिए” और “सनातन की लड़ाई लड़ी जाएगी।” उन्होंने कहा की चक्की गाँव से ही एक नई शुरुआत की जाएगी हर साल 51 ग़रीब परिवारों की लड़कियों का विवाह किया जाएगा। 


इस अवसर पर कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में कृष्ण शर्मा शाहाबाद संयोजक, राजेश यादव, अनूप सिंह, लाल यादव, परमेश्वर सिंह, दिनेश सिंह, राहुल पांडे, गोवर्धन चौबे, मुनमुन चौबे, अभय चौबे को सनातनी सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का मंच संचालन जिला संयोजक मोहित दुबे ने किया। मौके पर अशोक उपाध्याय, तुलसी निषाद, कन्हैया जी, रमेश पासवान आदि लोग उपस्थित थे।

बक्सर के इस गाव से विश्वामित्र सेना के राजकुमार चौबे ने किया धर्म जागरण का शंखनाद

गुरु पूर्णिमा पर कलेक्ट्रेट हनुमान मंदिर में पवन की टीम ने भेंट किया इनवर्टर बैटरी

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बक्सर :- गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर बक्सर कलेक्ट्रेट स्थित श्री हनुमान मंदिर में श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब समाजसेवी पवन कुमार चौरसिया की टीम ने मंदिर को एक इनवर्टर बैटरी दान में भेंट किया।

इस अवसर पर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सेवा भावना के तहत पवन कुमार और उनकी टीम ने मंदिर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह सराहनीय योगदान दिया।


पवन कुमार चौरसिया ने इस अवसर पर कहा, “गुरु पूर्णिमा केवल गुरु के सम्मान का नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की सेवा का भी पर्व है। हम चाहते हैं कि मंदिर में श्रद्धालुओं को किसी भी समय रोशनी की कमी न हो, इसलिए इनवर्टर बैटरी भेंट की गई है।”

मंदिर के पुजारी त्यागी बाबा और स्थानीय श्रद्धालुओं ने पवन कुमार और उनकी टीम के इस कार्य की सराहना की और आभार व्यक्त किया। मंदिर पुजारी त्यागी बाबा ने बताया कि यह उपकरण अब मंदिर में रात्रिकालीन आरती और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में मददगार साबित होगा।

बता दे कि इनके टीम के अंकित साह, मनीष उपाध्याय, आदित्य केशरी, शिवम केशरी, और राज सिंह इस पुनीत अवसर पर सहभागी बने, गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर किए गए इस सहयोगात्मक कार्य ने समाज में सेवा, श्रद्धा और सहयोग की भावना को और अधिक प्रबल किया है।

गुरु पूर्णिमा पर कलेक्ट्रेट हनुमान मंदिर में पवन की टीम ने भेंट किया इनवर्टर बैटरी

पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

* डा. बी एन चौबे फाउंडेशन की तरफ से दो ज्ञापन दिये गए।

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बक्सर :- बिहार के पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे बिनोद चौबे ने आज बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और राज्य के विभिन्न मंदिरों में सेवा दे रहे पुजारियों को मासिक भत्ता दिलाने हेतु एक ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान बिनोद चौबे ने कहा

"बिहार के हिन्दू मंदिर/मठ, जैन मंदिर, गुरुद्वारा और बौद्ध मंदिर/मठ के पंडित, पुजारी और पुरोहित, सिख ग्रंथी की दयनीय स्थिति को देखते हुए उन्हें सरकार की तरफ़ से प्रतिमाह 25,000 से 30,000 रुपय तक न्यूनतम भत्ता तथा इनके बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, और आवास मुहैया कराया जाए। इन पण्डित, पुजारियों और पुरोहितों के वज़ह से सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और धार्मिक विकास तथा समाज को एक जुट रखने और आगे की पीढ़ियों को इन सब के बारे में संदेश देने में इन लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने ज्ञापन के जरिए यह भी कहा है कि हजारों मंदिरों में ऐसे पुजारी कार्यरत हैं, जो बेहद दयनीय आर्थिक स्थिति में जी रहे हैं। वे बिना किसी नियमित आय के केवल धार्मिक आस्थाओं के आधार पर सेवा कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इन पुजारियों को एक निश्चित मासिक भत्ता प्रदान कर उनके जीवन यापन को सम्मानजनक बनाए

सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम

बिनोद चौबे ने ज्ञापन में बक्सर के अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए, इसे पूरे बिहार का अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी तथा केंद्र बनाया जाए। इसे काशी, अयोध्या, प्रयागराज तथा उज्जैन के तौर पर एक धार्मिक स्थान की तरह विकसित किया जाये। यहां पूरे भारत तथा विदेशों से लोग आएंगे। यह एक पर्यटन स्थल की तरह भी विकसित होगा। इससे न केवल स्थानीय बल्कि पूरे बिहार को आर्थिक लाभ मिलेगा। रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार के राजस्व में भी विभिन्न रूप से वृद्धि होगी।

मंदिरों के रख-रखाव और धार्मिक धरोहरों की रक्षा

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुजारी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, तो मंदिरों की व्यवस्था, धार्मिक परंपराएं और सांस्कृतिक धरोहरें भी सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एक नियमित प्रणाली बनाकर सभी पंजीकृत मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर उन्हें मासिक सहयोग राशि दे।

राज्यपाल ने दिया आश्वासन

बिनोद चौबे द्वारा दिए गए ज्ञापन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गंभीरता से लिया और कहा कि यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील एवं विचारणीय है। और अश्वासन दिया कि वे इन मुद्दों को लेकर बिहार सरकार से विचार विमर्ष करेंगे और आगे की कारवाई करेंगे.

स्थानीय लोगों में सराहना

इस पहल की खबर फैलते ही स्थानीय धार्मिक संगठनों और आम जनता ने बिनोद चौबे की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मांग उन लोगों के लिए आवाज है, जो वर्षों से धर्म की सेवा कर रहे हैं, लेकिन खुद आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालांकि ज्ञापन देने के समय बिनोद चौबे के साथ हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व पंडित भक्ति शरण शास्त्री, जैन धर्म से शशांक जैन, सिख धर्म से कृपाल सिंह तथा साथ में कमला कान्त तिवारी, शंभूनाथ चौबे मौजूद रहे. इनके अलावा डॉ सरोज चौबे, सुजीत दूबे, गिरीश चंद्र दूबे, शैलेंद्र ओझा, संजय कुमार, और शैलेंद्र तिवारी थे.

पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे की यह पहल एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की ओर संकेत करती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मांग को कितनी प्राथमिकता देती है और कब तक पुजारियों को यह सम्मानजनक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

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बक्सर : बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जानी जाती है, जिसके पुनरुद्धार और संरक्षण की मांग उठाई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा पांडेय ने सरकार और जिला प्रशासन से इन ऐतिहासिक स्थलों के पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। बताते चलें कि पंचकोसी परिक्रमा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह परिक्रमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि बक्सर की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाती है।

वर्षा पांडेय ने कहा, "पंचकोसी परिक्रमा का महत्व सिर्फ बक्सर के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने का समय है। सरकार को चाहिए कि वह इन धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार करे और उन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित करे। इससे न केवल धार्मिक आस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

मांगें:

1. सभी स्थलों पर प्राथमिक सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, विश्राम और बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

2. इन स्थलों का उचित संरक्षण , विकास और प्रचार-प्रसार हो ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले।

3. केंद्र और राज्य सरकार से इन ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विशेष निधि आवंटन की अपील की गई है।


यह परिक्रमा उन स्थलों से होकर गुजरती है, जहां भगवान श्रीराम ने देवर्षियों से आशीर्वाद लिया था। इन धार्मिक स्थलों, जैसे कि ऋषियों के आश्रम, मंदिर, और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों की स्थिति आज चिंताजनक है। संरक्षण के अभाव में यह धरोहर समाप्ति के कगार पर हैं

स्थानीय लोगों ने भी वर्षा पांडेय की इस मांग का समर्थन किया है। उनका मानना है कि पंचकोसी परिक्रमा बक्सर के गौरव का प्रतीक है और इसका संरक्षण अति आवश्यक है।

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

नियाज़ीपुर जयनाथ महर्षि खेल मैदान में तीन दिवसीय महावीर पूजा का आगाज़, कल होगा घोड़ा दौड़

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बक्सर : सिमरी प्रखंड क्षेत्र के नियाज़ीपुर स्थित जयनाथ महर्षि खेल मैदान में हर साल की भांति इस साल भी तीन दिवसीय महावीर पूजा उत्सव का शुभारंभ हो चुका है।जहां देश-विदेश के नामी पहलवानों का बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है. 15 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के साथ-साथ नेपाल के चर्चित पहलवान अपनी कुश्ती का प्रदर्शन करेंगे. इसका उद्घटान मंगलवार को अध्यक्ष एकराम जी पाठक, सचिव रविशंकर पाठक, मुख्य अतिथि मार्कण्डेय जी पाठक, उप मुखिया प्रतिनिधि पिंटू पाठक, चंद्रकांत पाठक आदि ने फीता काटकर किया.
बता दे कि दूसरे दिन, यानी 16 अक्टूबर को अंतर्राज्यीय घोड़ा दौड़ का आयोजन किया जाएगा, जहां स्थानीय और दूर-दराज से आए घुड़सवार अपने घोड़ों के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। घोड़ा दौड़ को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और प्रतियोगिता का आनंद लेते हैं।

वहीं 17 अक्टूबर को होने वाले विराट दंगल जो आयोजन का मुख्य आकर्षणों का केंद्र बन जाता है जहा बिहार केशरी और उत्तर प्रदेश केसरी हरियाणा केसरी जैसे प्रतिष्ठित पहलवान शामिल होंगे, वहीं नेपाल के देवा थापा और हरियाणा के बाबा लड़ी भी दंगल में हिस्सा लेंगे. यह कार्यक्रम 1978 से निरंतर हो रहा है और इस बार भी इसकी भव्यता में कोई कमी नहीं होगी.

आयोजन समिति के सदस्य मनोज पाठक ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल खेलों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और परम्पराओं को जीवित रखना भी है. बाहरी पहलवानों और खिलाड़ियों के लिए ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है.

हर साल की तरह इस वर्ष भी हजारों की संख्या में दर्शक जुटने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 हजार से अधिक लोग इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगे. कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है. उद्घाटन के मौके पर मनोज कुमार पाठक, जन्मेजय पाठक, परशुराम पाठक, हरेंद्र पाठक, बिहारी यादव, संजय पासवान, उमाशंकर राम आदि मौजूद रहे. 

हालांकि आज हुए दौड़ प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश की विदुषी पांडे उम्र महज 8 साल जो 5000 मीटर की दौड़ में शामिल हो करके अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को पीछा करते हुए शील्ड पर कब्जा की और मौजूद सभी लोगों के दिलों पर राज करते हुए अपने पिता का नाम रोशन की

नियाज़ीपुर जयनाथ महर्षि खेल मैदान में तीन दिवसीय महावीर पूजा का आगाज़, कल होगा घोड़ा दौड़

डुमराँव SDO ने किया विभिन्न पंडालों का निरीक्षण

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बक्सर : डुमराँव अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) राकेश कुमार ने नवरात्रि पर्व पर मां दुर्गा के बने पंडालो का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य सुरक्षा और शांति व्यवस्था सुनिश्चित करना था, ताकि त्योहारों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।

वही पंडालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की और आयोजकों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आयोजकों से कहा कि वे पंडालों में अग्नि सुरक्षा उपकरण, आपातकालीन निकास द्वार, और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था को सुनिश्चित करें, ताकि भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही, उन्होंने आयोजकों को सख्त हिदायत दी कि पंडालों में अत्यधिक भीड़ न हो और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जाए।

एसडीओ ने बिजली के तारों और जेनरेटर सेट की सुरक्षा स्थिति की भी जांच की, ताकि किसी भी प्रकार की आगजनी या अन्य दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि सभी पंडाल आयोजकों को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या या घटना की तुरंत जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान एसडीओ राकेश कुमार ने पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे पंडालों के आस-पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित गश्त करें। साथ ही, यातायात को सुचारू रखने के लिए भी विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए।

उन्होने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि लोग सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से त्योहारों का आनंद ले सकें। किसी भी प्रकार की असुविधा या सुरक्षा में चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें सुरक्षित माहौल में त्योहार मनाने का मौका मिलेगा। पंडाल आयोजकों ने भी प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही और आश्वासन दिया कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा।

बताते चले की पडरी, कोरान सराय, नियाज़ीपुर, सिमरी,नावानगर,डुमराँव, चौगाई, केसठ, बलिहार, नगवा, भोजपुर जैसे क्षेत्र में पंडाल भव्य रूप से बनाए जाते हैं जहां काफी भीड़ लगती है वही इसको ध्यान मे रखते हुए इन पंडालो का निरीक्षण किया क्या

डुमराँव SDO ने किया विभिन्न पंडालों का निरीक्षण

राम के जन्म भूमि मे गोध्वज स्थापना के बाद अब शिक्षस्थली पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

. गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत बक्सर पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी, करेंगे ध्वज स्थापना

. गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत बक्सर पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

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बक्सर :- 23 मार्च 2024: गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी का बक्सर आगमन होने वाला है। यह यात्रा पूरे देश में धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से की जा रही है। स्वामी जी के आगमन से बक्सर के श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

शंकराचार्य जी का यह दौरा गोध्वज स्थापना के उद्देश्य से किया जा रहा है, बताते चले की 23 अगस्त को भगवान राम की जन्मस्थली में ध्वज का स्थापना करने के बाद 24 अगस्त को राम की शिक्षस्थली में पहुंचेंगे जहां रात्रि विश्राम करेंगे उसके अगले सुबह भारतीय संस्कृति के महत्व को लेकर के मीडिया से भी वार्तालाप करेगे तत्पश्चात पटना पहुंचेंगे और वहां गोध्वज का प्रतिष्ठान करेंगे। यह ध्वज स्थापना भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का प्रतीक माना जा रहा है।

शंकराचार्य के आगमन पर अनुराग पांडेय ने कहा कि स्वामी जी का यात्रा बक्सर के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलेगी। और धार्मिक आस्थाओं को मजबूत करेगी। हालाकि 

राम के जन्म भूमि मे गोध्वज स्थापना के बाद अब शिक्षस्थली पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

पुरन्दर ब्रह्म बाबा के यहाँ हुआ अखंड हरिकीर्तन, भक्तिमय हुआ पूरा इलाका

बक्सर, 4 अगस्त 2024: बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड क्षेत्र के नियाज़ीपुर गांव मे स्थित पुरन्दर ब्रह्म बाबा के स्थान पर आयोजित अखंड हरिकीर्तन ने पूरे इलाके को भक्तिमय बना दिया। इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और भगवान के भजनों में लीन होकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

अखंड हरिकीर्तन का आयोजन दो दिनों तक निरंतर चलता रहा, जिसमें स्थानीय और दूर-दराज से आए भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हरिकीर्तन के दौरान, पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा, जिससे माहौल भक्तिमय और आध्यात्मिक हो गया।

इस अवसर पर, पुरन्दर ब्रह्म बाबा के मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। मंदिर के चारों ओर रोशनी और फूलों की सजावट ने इस पवित्र स्थल को और भी आकर्षक बना दिया। भक्तों ने हरिकीर्तन में भाग लेकर भगवान के प्रति अपनी भक्ति और आस्था को प्रकट किया।

हरिकीर्तन के समापन के अवसर पर,  पंडित मार्कण्डेय पाठक जी ने कहा, "इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में एकता और सद्भावना का संदेश जाता है। हम सभी को भगवान की भक्ति में लीन रहकर एक-दूसरे के साथ मिलकर समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।

भक्तों ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी और संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन उनके जीवन में शांति और सुख का संचार करते हैं और उन्हें अध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस अखंड हरिकीर्तन ने पुरन्दर ब्रह्म बाबा के स्थान को एक बार फिर से धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है, जहां भक्तगण अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने के लिए आते हैं। वही इस मौके पर कृपाशंकर पाठक, बिनय शंकर पाठक, अनिस कुमार पाठक, मनीष कुमार पांडेय,यश चौबे, प्रथम पांडे समेत पूरे ग्रामवासी मौजूद थे

पुरन्दर ब्रह्म बाबा के यहाँ हुआ अखंड हरिकीर्तन, भक्तिमय हुआ पूरा इलाका

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