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महावीर पूजा समिति ट्रस्ट, नियाज़ीपुर के द्वारा इस बार भी आयोजित होगा महावीर पूजनोत्सव और 3 दिवसीय विराट खेल महोत्सव

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बक्सर :- जिले के नियाज़ीपुर में महावीर पूजा समिति ट्रस्ट के तत्वावधान में इस बार भी बड़े धूमधाम से महावीर पूजनोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही 3 दिवसीय विराट खेल महोत्सव भी आयोजित होगा, जिसमें क्षेत्र के युवा खिलाड़ी के साथ देश के कई अन्य राज्यों के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

समिति के वरिष्ट कार्यकर्ता मनोज पाठक ने बताया कि महावीर पूजनोत्सव हर वर्ष की भांति इस बार भी श्रद्धा और आस्था के साथ संपन्न होगा। शरद पूर्णिमा के दो दिन पूर्व से चलता है यह कार्यक्रम पिछले 47 वर्षों से होते हुए आ रहा है. इसमे बक्सर जिले समेत आसपास के क्षेत्रों की टीमें हिस्सा लेंगी। विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और आकर्षक पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।

खेल कार्यक्रम का विवरण 

5 अक्टूबर 25 राज्य स्तरीय विराट घोड़ा दौड़ शील्ड प्रतियोगिता (नंकद, दो दाँत एवं पाठा घोड़ा सभी रेस अलग-अलग होगी ।

6 अक्टूबर 25 संपूर्ण खेल-कूद प्रतियोगिता (5000 मी. शिल्ड प्रतियोगिता, 3000 मी., 1600 मी., 800 मी., 400 मी., 100 मी. लम्बी कूद-उच्ची कूद गोला फेंकना, भाला फेंकना आदि)

7 अक्टूबर 25 विराट दंगल के साथ पुरस्कार वितरण एवं महावीर पूजनोत्सव ।

महावीर पूजा समिति ट्रस्ट समिति के पदाधिकारि मार्कण्डेय पाठक ने बताते हुए कहा कि इस दंगल में न सिर्फ बिहार, बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों के पहलवान भी हिस्सा लेंगे। आयोजकों के अनुसार, इस अखाड़े पर होने वाला मुकाबला पारंपरिक दंगल की ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित करेगा। इस दंगल का उद्देश्य युवाओं को भारतीय परंपरा और व्यायाम की संस्कृति से जोड़ना है। अखाड़े में विशेष तैयारियां की जा रही हैं और स्थानीय लोग भी इस आयोजन को लेकर 

महावीर पूजा समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य सिर्फ धार्मिक आस्था को जीवित रखना ही नहीं बल्कि खेलों के माध्यम से युवाओं में जोश और उत्साह का संचार करना भी है। धर्म और खेल दोनों ही समाज को जोड़ने का काम करते हैं।” पूरे गांव और आसपास के इलाकों में इस आयोजन को लेकर उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोग और युवा वर्ग आयोजन की तैयारियों में सक्रिय रूप से जुड़ रहे हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व को उजागर करेगा बल्कि खेलों के माध्यम से सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी देगा।

महावीर पूजा समिति ट्रस्ट, नियाज़ीपुर के द्वारा इस बार भी आयोजित होगा महावीर पूजनोत्सव और 3 दिवसीय विराट खेल महोत्सव

तृतीय चरण सनातन जोड़ो यात्रा में बक्सर वासियों में दिखा विशेष ऊर्जा और जोश का संचार

यदि बक्सरवासी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाएँ तो बक्सर को अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित बना देंगे --राजकुमार चौबे बोले

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बक्सर/ डुमराँव विश्वामित्र सेना द्वारा “सनातन जोड़ो यात्रा” के तृतीय चरण का आयोजन रविवार, 14 सितम्बर को बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ किया गया। इस यात्रा में संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बक्सर के जनमानस ने भारी संख्या में सहभागिता करते हुए अपनी आस्था और समर्थन का प्रदर्शन किया।

विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक आदरणीय श्री राजकुमार चौबे जी स्वयं इस यात्रा में सम्मिलित हुए और पूरे मार्ग में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं तथा जनता का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने नेनुआं में आयोजित जनसभा को संबोधित किया, जहाँ जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने ओजस्वी उद्बोधन में उन्होंने कहा कि विश्वामित्र सेना की यह लड़ाई समय की आवश्यकता है, और यदि बक्सरवासी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाएँ तो बक्सर को अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता।

यात्रा की शुरुआत सुबह 10:30 बजे प्रधान कार्यालय (कार्यालय संख्या-11, लख नारायणपुर, लख अदफा, मठिला) से हुई। वहीं 3:00 बजे नेनुआं में स्वागत समारोह सह जनसभा का आयोजन किया गया। संध्या 4:30 बजे यात्रा पुनः सभास्थल से सम्हार, बनकट, के०सी० कॉलेज, डुमरांव ब्लॉक, डुमरांव स्टेशन, पुराना भोजपुर होते हुए फोरलेन मार्ग से कार्यालय लौटकर सम्पन्न हुई। तृतीय चरण की यह यात्रा अपने आप में अद्वितीय रही। पूर्व के दोनों चरणों की सफलता के पश्चात इस बार भी यात्रा में विशेष ऊर्जा और जोश का संचार देखने को मिला। बक्सर की धरती ने एक बार फिर सनातन संस्कृति और परंपरा के प्रति अपनी गहन आस्था तथा संगठन की लड़ाई में अपना अटूट समर्थन प्रदर्शित किया।

तृतीय चरण सनातन जोड़ो यात्रा में बक्सर वासियों में दिखा विशेष ऊर्जा और जोश का संचार

समाहरणालय में धूमधाम से मना हिंदी दिवस, मौजूद रही सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय

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बक्सर : समाहरणालय में आज हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिले के कई अधिकारी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विशेष उपस्थिति सोशल एक्टिविस्ट सह भाजपा नेत्री वर्षा पांडेय वर्षा पांडेय की रही, जिन्होंने हिंदी भाषा के महत्व और उसके संरक्षण पर अपने विचार रखी। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी भाषा की समृद्ध परंपरा, साहित्यिक महत्व और इसे जन-जन की भाषा बनाए रखने की जिम्मेदारी पर चर्चा की।

सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय ने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी हमारी पहचान और हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसे केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा मानकर आगे बढ़ाने की जरूरत है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिंदी को डिजिटल और आधुनिक माध्यमों में अधिक से अधिक प्रयोग करें ताकि इसका महत्व और भी बढ़ सके। आज की युवा पीढ़ी को अंग्रेज़ी के आकर्षण से ऊपर उठकर हिंदी को गर्व और आत्मविश्वास के साथ अपनाने की आवश्यकता है। हिंदी को अपनाना किसी भाषा का विरोध नहीं बल्कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संकल्प है।

साहित्यकार की है जन्मभूमि 

उन्होंने इस अवसर पर याद दिलाते हुए कहा कि बक्सर, जो सुप्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य शिवपूजन सहाय की जन्मभूमि है, यहाँ उनके नाम पर एक भव्य हिंदी ग्रंथालय की स्थापना के लिए प्रयास किए जाए। इस ग्रंथालय में बिहार सहित देश के प्रख्यात साहित्यकारों और कवियों की रचनाओं का संग्रह होगा, ताकि नई पीढ़ी को ज्ञान, साहित्य और संस्कृति से जोड़कर हिंदी के महत्व का बोध कराया जा सके ।


समाहरणालय में धूमधाम से मना हिंदी दिवस, मौजूद रही सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय

हरितालिका तीज पर महिलाओं ने की भगवान शिव की पूजा, मांगी पति की लंबी उम्र

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बक्सर :- सावन-भाद्रपद माह के पावन अवसर पर हरितालिका तीज का पर्व बक्सर जिले में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विवाहित महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की और अपने पति की लंबी उम्र व वैवाहिक सुख-समृद्धि की कामना की।

सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधान—साड़ी और श्रृंगार से सुसज्जित होकर शिवालयों और मंदिरों में पहुंचीं। महिलाओं ने व्रत कथा का श्रवण किया और पूरे दिन निर्जला रहकर पूजा की। शाम को भगवान शिव-पार्वती की आरती कर व्रत का समापन किया गया।

शहर के विभिन्न मंदिरों—जैसे कि रामरेखा घाट स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर और नाथ बाबा मंदिरों में विशेष भीड़ देखी गई। पूजा के दौरान महिलाओं ने गीत गाए और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ तीज का पर्व मनाया।

नाथ बाबा मंदिर के पंडित सिद्धेश्वर नाथ पांडे ने बताया कि हरितालिका तीज का विशेष महत्व है। माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। तभी से इस व्रत को महिलाएं अपने अखंड सुहाग और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं।

इस पावन अवसर पर श्रद्धालु महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। तीज व्रत ने पूरे क्षेत्र में भक्ति और आस्था का माहौल बना दिया।

हरितालिका तीज पर महिलाओं ने की भगवान शिव की पूजा, मांगी पति की लंबी उम्र

बक्सर के इस गाव से विश्वामित्र सेना के राजकुमार चौबे ने किया धर्म जागरण का शंखनाद

*हर साल 51 गरीब परिवार की लड़कियों का विवाह कराएगी विश्वामित्र सेना : राज कुमार चौबे* 

जो करेगा सनातन की बात विश्वामित्र सेना देगी उसका साथ तो किया पडेग विधानसभा चुनाव में पार्टियों पर असर 

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बक्सर : बक्सर के चक्की में आज सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम सह सनातनी सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया है। इस दौरान विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए संबोधित करते हुए कहा कि बक्सर केवल एक ज़िला नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का केंद्र है, जहां भगवान राम ने धर्म और युद्ध का पाठ पढ़ा और विश्वामित्र मुनि ने यज्ञ की रक्षा की। चौबे ने बक्सर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यही वह भूमि है जहां ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ, च्यवन ऋषि ने आयुर्वेदिक अमृत च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या उद्धार हुआ, वामन अवतार की पुण्यभूमि है और पंचकोशी परिक्रमा आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि इतनी महान विरासत होने के बावजूद बक्सर को आज तक उसका उचित सम्मान नहीं मिला।

इसके लिए उन्होंने  स्थानीय नेताओं के साथ - साथ सांसद, विधायक और मंत्री को जिम्मेदार बताया और कहा कि उन्होंने बक्सर को कभी आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में कदम नहीं उठाए। उन्होंने सड़कों की जर्जर हालत, अस्पतालों की बदतर स्थिति और सांस्कृतिक धरोहरों की उपेक्षा को गंभीर चिंता का विषय बताया। साथ ही, उन्होंने 10 ठोस मांगें रखीं — जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा देना और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है।

चौबे ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पीएमओ को पत्र भेजा था और वहां से फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी बातें संज्ञान में ली गई हैं और कार्य शुरू हो रहा है। इसे उन्होंने पूरे बक्सर के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया। कार्यक्रम में चौबे ने बिहार के अन्य धार्मिक स्थलों के विकास की भी मांग की। उन्होंने सीतामढ़ी, गया, अजगैबीनाथ (सुल्तानगंज), मां मुंडेश्वरी (कैमूर), देव (औरंगाबाद) और वाल्मीकिनगर जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए विशेष योजनाएं बनाने और श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने का आग्रह किया।


उन्होंने बक्सर के युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर गहरी चिंता जताई। साथ ही कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा नहीं मिल जाता, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान नहीं मिलता और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं दी जाती, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने पूरे बिहार से आह्वान किया कि “बक्सर को उसकी गरिमा चाहिए” और “सनातन की लड़ाई लड़ी जाएगी।” उन्होंने कहा की चक्की गाँव से ही एक नई शुरुआत की जाएगी हर साल 51 ग़रीब परिवारों की लड़कियों का विवाह किया जाएगा। 


इस अवसर पर कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में कृष्ण शर्मा शाहाबाद संयोजक, राजेश यादव, अनूप सिंह, लाल यादव, परमेश्वर सिंह, दिनेश सिंह, राहुल पांडे, गोवर्धन चौबे, मुनमुन चौबे, अभय चौबे को सनातनी सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का मंच संचालन जिला संयोजक मोहित दुबे ने किया। मौके पर अशोक उपाध्याय, तुलसी निषाद, कन्हैया जी, रमेश पासवान आदि लोग उपस्थित थे।

बक्सर के इस गाव से विश्वामित्र सेना के राजकुमार चौबे ने किया धर्म जागरण का शंखनाद

गुरु पूर्णिमा पर कलेक्ट्रेट हनुमान मंदिर में पवन की टीम ने भेंट किया इनवर्टर बैटरी

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बक्सर :- गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर बक्सर कलेक्ट्रेट स्थित श्री हनुमान मंदिर में श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब समाजसेवी पवन कुमार चौरसिया की टीम ने मंदिर को एक इनवर्टर बैटरी दान में भेंट किया।

इस अवसर पर मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सेवा भावना के तहत पवन कुमार और उनकी टीम ने मंदिर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह सराहनीय योगदान दिया।


पवन कुमार चौरसिया ने इस अवसर पर कहा, “गुरु पूर्णिमा केवल गुरु के सम्मान का नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की सेवा का भी पर्व है। हम चाहते हैं कि मंदिर में श्रद्धालुओं को किसी भी समय रोशनी की कमी न हो, इसलिए इनवर्टर बैटरी भेंट की गई है।”

मंदिर के पुजारी त्यागी बाबा और स्थानीय श्रद्धालुओं ने पवन कुमार और उनकी टीम के इस कार्य की सराहना की और आभार व्यक्त किया। मंदिर पुजारी त्यागी बाबा ने बताया कि यह उपकरण अब मंदिर में रात्रिकालीन आरती और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में मददगार साबित होगा।

बता दे कि इनके टीम के अंकित साह, मनीष उपाध्याय, आदित्य केशरी, शिवम केशरी, और राज सिंह इस पुनीत अवसर पर सहभागी बने, गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर किए गए इस सहयोगात्मक कार्य ने समाज में सेवा, श्रद्धा और सहयोग की भावना को और अधिक प्रबल किया है।

गुरु पूर्णिमा पर कलेक्ट्रेट हनुमान मंदिर में पवन की टीम ने भेंट किया इनवर्टर बैटरी

पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

* डा. बी एन चौबे फाउंडेशन की तरफ से दो ज्ञापन दिये गए।

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बक्सर :- बिहार के पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे बिनोद चौबे ने आज बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और राज्य के विभिन्न मंदिरों में सेवा दे रहे पुजारियों को मासिक भत्ता दिलाने हेतु एक ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान बिनोद चौबे ने कहा

"बिहार के हिन्दू मंदिर/मठ, जैन मंदिर, गुरुद्वारा और बौद्ध मंदिर/मठ के पंडित, पुजारी और पुरोहित, सिख ग्रंथी की दयनीय स्थिति को देखते हुए उन्हें सरकार की तरफ़ से प्रतिमाह 25,000 से 30,000 रुपय तक न्यूनतम भत्ता तथा इनके बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, और आवास मुहैया कराया जाए। इन पण्डित, पुजारियों और पुरोहितों के वज़ह से सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और धार्मिक विकास तथा समाज को एक जुट रखने और आगे की पीढ़ियों को इन सब के बारे में संदेश देने में इन लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने ज्ञापन के जरिए यह भी कहा है कि हजारों मंदिरों में ऐसे पुजारी कार्यरत हैं, जो बेहद दयनीय आर्थिक स्थिति में जी रहे हैं। वे बिना किसी नियमित आय के केवल धार्मिक आस्थाओं के आधार पर सेवा कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इन पुजारियों को एक निश्चित मासिक भत्ता प्रदान कर उनके जीवन यापन को सम्मानजनक बनाए

सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम

बिनोद चौबे ने ज्ञापन में बक्सर के अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए, इसे पूरे बिहार का अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी तथा केंद्र बनाया जाए। इसे काशी, अयोध्या, प्रयागराज तथा उज्जैन के तौर पर एक धार्मिक स्थान की तरह विकसित किया जाये। यहां पूरे भारत तथा विदेशों से लोग आएंगे। यह एक पर्यटन स्थल की तरह भी विकसित होगा। इससे न केवल स्थानीय बल्कि पूरे बिहार को आर्थिक लाभ मिलेगा। रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार के राजस्व में भी विभिन्न रूप से वृद्धि होगी।

मंदिरों के रख-रखाव और धार्मिक धरोहरों की रक्षा

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुजारी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, तो मंदिरों की व्यवस्था, धार्मिक परंपराएं और सांस्कृतिक धरोहरें भी सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एक नियमित प्रणाली बनाकर सभी पंजीकृत मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर उन्हें मासिक सहयोग राशि दे।

राज्यपाल ने दिया आश्वासन

बिनोद चौबे द्वारा दिए गए ज्ञापन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गंभीरता से लिया और कहा कि यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील एवं विचारणीय है। और अश्वासन दिया कि वे इन मुद्दों को लेकर बिहार सरकार से विचार विमर्ष करेंगे और आगे की कारवाई करेंगे.

स्थानीय लोगों में सराहना

इस पहल की खबर फैलते ही स्थानीय धार्मिक संगठनों और आम जनता ने बिनोद चौबे की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मांग उन लोगों के लिए आवाज है, जो वर्षों से धर्म की सेवा कर रहे हैं, लेकिन खुद आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालांकि ज्ञापन देने के समय बिनोद चौबे के साथ हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व पंडित भक्ति शरण शास्त्री, जैन धर्म से शशांक जैन, सिख धर्म से कृपाल सिंह तथा साथ में कमला कान्त तिवारी, शंभूनाथ चौबे मौजूद रहे. इनके अलावा डॉ सरोज चौबे, सुजीत दूबे, गिरीश चंद्र दूबे, शैलेंद्र ओझा, संजय कुमार, और शैलेंद्र तिवारी थे.

पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे की यह पहल एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की ओर संकेत करती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मांग को कितनी प्राथमिकता देती है और कब तक पुजारियों को यह सम्मानजनक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

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बक्सर : बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जानी जाती है, जिसके पुनरुद्धार और संरक्षण की मांग उठाई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा पांडेय ने सरकार और जिला प्रशासन से इन ऐतिहासिक स्थलों के पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। बताते चलें कि पंचकोसी परिक्रमा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह परिक्रमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि बक्सर की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाती है।

वर्षा पांडेय ने कहा, "पंचकोसी परिक्रमा का महत्व सिर्फ बक्सर के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने का समय है। सरकार को चाहिए कि वह इन धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार करे और उन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित करे। इससे न केवल धार्मिक आस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

मांगें:

1. सभी स्थलों पर प्राथमिक सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, विश्राम और बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

2. इन स्थलों का उचित संरक्षण , विकास और प्रचार-प्रसार हो ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले।

3. केंद्र और राज्य सरकार से इन ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विशेष निधि आवंटन की अपील की गई है।


यह परिक्रमा उन स्थलों से होकर गुजरती है, जहां भगवान श्रीराम ने देवर्षियों से आशीर्वाद लिया था। इन धार्मिक स्थलों, जैसे कि ऋषियों के आश्रम, मंदिर, और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों की स्थिति आज चिंताजनक है। संरक्षण के अभाव में यह धरोहर समाप्ति के कगार पर हैं

स्थानीय लोगों ने भी वर्षा पांडेय की इस मांग का समर्थन किया है। उनका मानना है कि पंचकोसी परिक्रमा बक्सर के गौरव का प्रतीक है और इसका संरक्षण अति आवश्यक है।

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

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