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पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

* डा. बी एन चौबे फाउंडेशन की तरफ से दो ज्ञापन दिये गए।

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बक्सर :- बिहार के पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे बिनोद चौबे ने आज बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और राज्य के विभिन्न मंदिरों में सेवा दे रहे पुजारियों को मासिक भत्ता दिलाने हेतु एक ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल से मुलाकात के दौरान बिनोद चौबे ने कहा

"बिहार के हिन्दू मंदिर/मठ, जैन मंदिर, गुरुद्वारा और बौद्ध मंदिर/मठ के पंडित, पुजारी और पुरोहित, सिख ग्रंथी की दयनीय स्थिति को देखते हुए उन्हें सरकार की तरफ़ से प्रतिमाह 25,000 से 30,000 रुपय तक न्यूनतम भत्ता तथा इनके बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, और आवास मुहैया कराया जाए। इन पण्डित, पुजारियों और पुरोहितों के वज़ह से सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और धार्मिक विकास तथा समाज को एक जुट रखने और आगे की पीढ़ियों को इन सब के बारे में संदेश देने में इन लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने ज्ञापन के जरिए यह भी कहा है कि हजारों मंदिरों में ऐसे पुजारी कार्यरत हैं, जो बेहद दयनीय आर्थिक स्थिति में जी रहे हैं। वे बिना किसी नियमित आय के केवल धार्मिक आस्थाओं के आधार पर सेवा कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इन पुजारियों को एक निश्चित मासिक भत्ता प्रदान कर उनके जीवन यापन को सम्मानजनक बनाए

सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम

बिनोद चौबे ने ज्ञापन में बक्सर के अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए, इसे पूरे बिहार का अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी तथा केंद्र बनाया जाए। इसे काशी, अयोध्या, प्रयागराज तथा उज्जैन के तौर पर एक धार्मिक स्थान की तरह विकसित किया जाये। यहां पूरे भारत तथा विदेशों से लोग आएंगे। यह एक पर्यटन स्थल की तरह भी विकसित होगा। इससे न केवल स्थानीय बल्कि पूरे बिहार को आर्थिक लाभ मिलेगा। रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार के राजस्व में भी विभिन्न रूप से वृद्धि होगी।

मंदिरों के रख-रखाव और धार्मिक धरोहरों की रक्षा

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुजारी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, तो मंदिरों की व्यवस्था, धार्मिक परंपराएं और सांस्कृतिक धरोहरें भी सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह एक नियमित प्रणाली बनाकर सभी पंजीकृत मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर उन्हें मासिक सहयोग राशि दे।

राज्यपाल ने दिया आश्वासन

बिनोद चौबे द्वारा दिए गए ज्ञापन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गंभीरता से लिया और कहा कि यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील एवं विचारणीय है। और अश्वासन दिया कि वे इन मुद्दों को लेकर बिहार सरकार से विचार विमर्ष करेंगे और आगे की कारवाई करेंगे.

स्थानीय लोगों में सराहना

इस पहल की खबर फैलते ही स्थानीय धार्मिक संगठनों और आम जनता ने बिनोद चौबे की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मांग उन लोगों के लिए आवाज है, जो वर्षों से धर्म की सेवा कर रहे हैं, लेकिन खुद आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। हालांकि ज्ञापन देने के समय बिनोद चौबे के साथ हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व पंडित भक्ति शरण शास्त्री, जैन धर्म से शशांक जैन, सिख धर्म से कृपाल सिंह तथा साथ में कमला कान्त तिवारी, शंभूनाथ चौबे मौजूद रहे. इनके अलावा डॉ सरोज चौबे, सुजीत दूबे, गिरीश चंद्र दूबे, शैलेंद्र ओझा, संजय कुमार, और शैलेंद्र तिवारी थे.

पूर्व आई.आर.एस. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे की यह पहल एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की ओर संकेत करती है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मांग को कितनी प्राथमिकता देती है और कब तक पुजारियों को यह सम्मानजनक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

पूर्व I.R.S. अधिकारी एवं समाजसेवी बिनोद चौबे ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, मंदिरों के पुजारियों को मासिक भत्ता देने की रखी मांग

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

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बक्सर : बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जानी जाती है, जिसके पुनरुद्धार और संरक्षण की मांग उठाई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा पांडेय ने सरकार और जिला प्रशासन से इन ऐतिहासिक स्थलों के पुनर्निर्माण और संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। बताते चलें कि पंचकोसी परिक्रमा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह परिक्रमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि बक्सर की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाती है।

वर्षा पांडेय ने कहा, "पंचकोसी परिक्रमा का महत्व सिर्फ बक्सर के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने का समय है। सरकार को चाहिए कि वह इन धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार करे और उन्हें पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित करे। इससे न केवल धार्मिक आस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

मांगें:

1. सभी स्थलों पर प्राथमिक सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, विश्राम और बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

2. इन स्थलों का उचित संरक्षण , विकास और प्रचार-प्रसार हो ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले।

3. केंद्र और राज्य सरकार से इन ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विशेष निधि आवंटन की अपील की गई है।


यह परिक्रमा उन स्थलों से होकर गुजरती है, जहां भगवान श्रीराम ने देवर्षियों से आशीर्वाद लिया था। इन धार्मिक स्थलों, जैसे कि ऋषियों के आश्रम, मंदिर, और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों की स्थिति आज चिंताजनक है। संरक्षण के अभाव में यह धरोहर समाप्ति के कगार पर हैं

स्थानीय लोगों ने भी वर्षा पांडेय की इस मांग का समर्थन किया है। उनका मानना है कि पंचकोसी परिक्रमा बक्सर के गौरव का प्रतीक है और इसका संरक्षण अति आवश्यक है।

पंचकोसी परिक्रमा के धार्मिक धरोहरों और पुनरुद्धार की वर्षा पांडेय ने की सरकार से मांग

नियाज़ीपुर जयनाथ महर्षि खेल मैदान में तीन दिवसीय महावीर पूजा का आगाज़, कल होगा घोड़ा दौड़

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बक्सर : सिमरी प्रखंड क्षेत्र के नियाज़ीपुर स्थित जयनाथ महर्षि खेल मैदान में हर साल की भांति इस साल भी तीन दिवसीय महावीर पूजा उत्सव का शुभारंभ हो चुका है।जहां देश-विदेश के नामी पहलवानों का बड़ा जमावड़ा होने जा रहा है. 15 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के साथ-साथ नेपाल के चर्चित पहलवान अपनी कुश्ती का प्रदर्शन करेंगे. इसका उद्घटान मंगलवार को अध्यक्ष एकराम जी पाठक, सचिव रविशंकर पाठक, मुख्य अतिथि मार्कण्डेय जी पाठक, उप मुखिया प्रतिनिधि पिंटू पाठक, चंद्रकांत पाठक आदि ने फीता काटकर किया.
बता दे कि दूसरे दिन, यानी 16 अक्टूबर को अंतर्राज्यीय घोड़ा दौड़ का आयोजन किया जाएगा, जहां स्थानीय और दूर-दराज से आए घुड़सवार अपने घोड़ों के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। घोड़ा दौड़ को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और प्रतियोगिता का आनंद लेते हैं।

वहीं 17 अक्टूबर को होने वाले विराट दंगल जो आयोजन का मुख्य आकर्षणों का केंद्र बन जाता है जहा बिहार केशरी और उत्तर प्रदेश केसरी हरियाणा केसरी जैसे प्रतिष्ठित पहलवान शामिल होंगे, वहीं नेपाल के देवा थापा और हरियाणा के बाबा लड़ी भी दंगल में हिस्सा लेंगे. यह कार्यक्रम 1978 से निरंतर हो रहा है और इस बार भी इसकी भव्यता में कोई कमी नहीं होगी.

आयोजन समिति के सदस्य मनोज पाठक ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल खेलों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और परम्पराओं को जीवित रखना भी है. बाहरी पहलवानों और खिलाड़ियों के लिए ठहरने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है.

हर साल की तरह इस वर्ष भी हजारों की संख्या में दर्शक जुटने की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 हजार से अधिक लोग इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगे. कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है. उद्घाटन के मौके पर मनोज कुमार पाठक, जन्मेजय पाठक, परशुराम पाठक, हरेंद्र पाठक, बिहारी यादव, संजय पासवान, उमाशंकर राम आदि मौजूद रहे. 

हालांकि आज हुए दौड़ प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश की विदुषी पांडे उम्र महज 8 साल जो 5000 मीटर की दौड़ में शामिल हो करके अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को पीछा करते हुए शील्ड पर कब्जा की और मौजूद सभी लोगों के दिलों पर राज करते हुए अपने पिता का नाम रोशन की

नियाज़ीपुर जयनाथ महर्षि खेल मैदान में तीन दिवसीय महावीर पूजा का आगाज़, कल होगा घोड़ा दौड़

डुमराँव SDO ने किया विभिन्न पंडालों का निरीक्षण

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बक्सर : डुमराँव अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) राकेश कुमार ने नवरात्रि पर्व पर मां दुर्गा के बने पंडालो का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य सुरक्षा और शांति व्यवस्था सुनिश्चित करना था, ताकि त्योहारों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।

वही पंडालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की और आयोजकों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आयोजकों से कहा कि वे पंडालों में अग्नि सुरक्षा उपकरण, आपातकालीन निकास द्वार, और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था को सुनिश्चित करें, ताकि भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही, उन्होंने आयोजकों को सख्त हिदायत दी कि पंडालों में अत्यधिक भीड़ न हो और सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जाए।

एसडीओ ने बिजली के तारों और जेनरेटर सेट की सुरक्षा स्थिति की भी जांच की, ताकि किसी भी प्रकार की आगजनी या अन्य दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि सभी पंडाल आयोजकों को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या या घटना की तुरंत जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान एसडीओ राकेश कुमार ने पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे पंडालों के आस-पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखें और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित गश्त करें। साथ ही, यातायात को सुचारू रखने के लिए भी विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए।

उन्होने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि लोग सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से त्योहारों का आनंद ले सकें। किसी भी प्रकार की असुविधा या सुरक्षा में चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें सुरक्षित माहौल में त्योहार मनाने का मौका मिलेगा। पंडाल आयोजकों ने भी प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही और आश्वासन दिया कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा।

बताते चले की पडरी, कोरान सराय, नियाज़ीपुर, सिमरी,नावानगर,डुमराँव, चौगाई, केसठ, बलिहार, नगवा, भोजपुर जैसे क्षेत्र में पंडाल भव्य रूप से बनाए जाते हैं जहां काफी भीड़ लगती है वही इसको ध्यान मे रखते हुए इन पंडालो का निरीक्षण किया क्या

डुमराँव SDO ने किया विभिन्न पंडालों का निरीक्षण

राम के जन्म भूमि मे गोध्वज स्थापना के बाद अब शिक्षस्थली पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

. गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत बक्सर पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी, करेंगे ध्वज स्थापना

. गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत बक्सर पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

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बक्सर :- 23 मार्च 2024: गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के तहत शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी का बक्सर आगमन होने वाला है। यह यात्रा पूरे देश में धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से की जा रही है। स्वामी जी के आगमन से बक्सर के श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

शंकराचार्य जी का यह दौरा गोध्वज स्थापना के उद्देश्य से किया जा रहा है, बताते चले की 23 अगस्त को भगवान राम की जन्मस्थली में ध्वज का स्थापना करने के बाद 24 अगस्त को राम की शिक्षस्थली में पहुंचेंगे जहां रात्रि विश्राम करेंगे उसके अगले सुबह भारतीय संस्कृति के महत्व को लेकर के मीडिया से भी वार्तालाप करेगे तत्पश्चात पटना पहुंचेंगे और वहां गोध्वज का प्रतिष्ठान करेंगे। यह ध्वज स्थापना भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का प्रतीक माना जा रहा है।

शंकराचार्य के आगमन पर अनुराग पांडेय ने कहा कि स्वामी जी का यात्रा बक्सर के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलेगी। और धार्मिक आस्थाओं को मजबूत करेगी। हालाकि 

राम के जन्म भूमि मे गोध्वज स्थापना के बाद अब शिक्षस्थली पहुंचेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी

पुरन्दर ब्रह्म बाबा के यहाँ हुआ अखंड हरिकीर्तन, भक्तिमय हुआ पूरा इलाका

बक्सर, 4 अगस्त 2024: बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड क्षेत्र के नियाज़ीपुर गांव मे स्थित पुरन्दर ब्रह्म बाबा के स्थान पर आयोजित अखंड हरिकीर्तन ने पूरे इलाके को भक्तिमय बना दिया। इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और भगवान के भजनों में लीन होकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

अखंड हरिकीर्तन का आयोजन दो दिनों तक निरंतर चलता रहा, जिसमें स्थानीय और दूर-दराज से आए भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हरिकीर्तन के दौरान, पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा, जिससे माहौल भक्तिमय और आध्यात्मिक हो गया।

इस अवसर पर, पुरन्दर ब्रह्म बाबा के मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था। मंदिर के चारों ओर रोशनी और फूलों की सजावट ने इस पवित्र स्थल को और भी आकर्षक बना दिया। भक्तों ने हरिकीर्तन में भाग लेकर भगवान के प्रति अपनी भक्ति और आस्था को प्रकट किया।

हरिकीर्तन के समापन के अवसर पर,  पंडित मार्कण्डेय पाठक जी ने कहा, "इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में एकता और सद्भावना का संदेश जाता है। हम सभी को भगवान की भक्ति में लीन रहकर एक-दूसरे के साथ मिलकर समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।

भक्तों ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी और संतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन उनके जीवन में शांति और सुख का संचार करते हैं और उन्हें अध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस अखंड हरिकीर्तन ने पुरन्दर ब्रह्म बाबा के स्थान को एक बार फिर से धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है, जहां भक्तगण अपनी भक्ति और श्रद्धा को प्रकट करने के लिए आते हैं। वही इस मौके पर कृपाशंकर पाठक, बिनय शंकर पाठक, अनिस कुमार पाठक, मनीष कुमार पांडेय,यश चौबे, प्रथम पांडे समेत पूरे ग्रामवासी मौजूद थे

पुरन्दर ब्रह्म बाबा के यहाँ हुआ अखंड हरिकीर्तन, भक्तिमय हुआ पूरा इलाका

पंचकोशी स्थलों का विकास करने के संकल्प के साथ शुरू हुआ महाआरती


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M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर :-  के विरासत को बचाने के संकल्प के साथ जाने माने चिकित्सा एवं समाजसेवी डॉक्टर राजेश मिश्रा के द्वारा नदाव गाव में स्थित नारद मुनि सरोवर पर पवित्र श्रावण मास के अवसर पर महाआरती का आयोजन किया गया। जहां उन्होंने पंचकोशी स्थलों के विकास एवं जन जागृति को लेकर बक्सर भविष्य निर्माण मिशन के माध्यम से विभिन्न पंचकोशी स्थलों पर धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन करने की बात कहीं।


  डॉक्टर राजेश मिश्रा ने यह भी कहा की सभी पंचकोशी स्थलों पर भव्य आरती एवं संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन नियमित रूप से किया जाएगा ताकि जन जागृति को आगे बढ़ाया जा सके! बता दें कि बक्सर भविष्य निर्माण मिशन के संरक्षक डॉक्टर राजेश मिश्रा ने यह भी बाते कहा कि पंचकोशी स्थलों के विकास के लिए वे कृत संकल्प है जिसके लिए बक्सर भविष्य निर्माण मिशन के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री एवं देश के पर्यटन मंत्री को ज्ञापन देकर जन भावनाओं को देखते हुए पंचकोशीय स्थलों की विकास की मांग की जाएगी। पंचकोशी महा आरती में पंडितपुर, जासो, महदह सहित कहीं गांव के लोगों ने सैकड़ो की संख्या में भाग लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में समाजसेवी पृथ्वी सिंह, संतोष उपाध्याय, दिनेश मिश्रा, मंटू कुमार मनोज सिंह, जयशंकर यादव, रंजीत कुमार, अश्वनी सिंह, पंकज पटेल, हिमांशु कुमार, राजेश यादव, अंकित सिंह, चिंता हरण चौबे, राज दुबे, टुन्नालाल, उमेश मिश्रा, सरपंच मनोज दुबे, संतोष यादव बीडीसी, पृथ्वी सिंह, मुन्ना सिंह, दिलीप सिंह, संजय सिंह, श्रीमान सिंह, मुन्ना पांडे, गणेश पांडे, मनु चौहान, बैजनाथ केसरी, रामदेव कुशवाहा, विजेंद्र सिंह, बिजेंद्र दुबे सहित आम जनों की सहभागिता रही।

पंचकोशी स्थलों का विकास करने के संकल्प के साथ शुरू हुआ महाआरती

 गुरुदेव श्री श्री रविशंकर प्रेम और ज्ञान के सागर हैं - वर्षा पाण्डेय

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M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर/आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी का जन्मोत्सव के अवसर पर आर्ट ऑफ़ लिविंग बक्सर के तत्वावधान में वर्षा पाण्डेय के संगीतमयी भजन संध्या सह सत्संग का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर 'ज्ञान-ध्यान-गान कि अविरल धारा प्रवाहित की गई।

आर्ट ऑफ़ लिविंग की लाइफ कोच सह सोशल एक्टिविस्ट  वर्षा पाण्डेय ने कहा कि पूरे विश्व में शांति एवं मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए सदैव प्रयत्नरत लोगों को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सिखाने वाले आध्यात्मिक गुरु पूज्य श्री श्री रविशंकर जी का जन्मोत्सव मनाना हम सभी के लिए सौभाग्य कि बात है,


बक्सर के हज़ारों जीवन को आर्ट ऑफ़ लिविंग ने आध्यात्मिक ज्ञान योग और ध्यान के बदौलत बदला है। सेंट्रल जेल के हज़ारों कैदीयों को आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा संचालित कार्यक्रम प्रिजन स्मार्ट प्रोग्राम के तहत मानसिक और बौद्धिक तौर पर मजबूत बना मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। हमारे गुरुदेव ने ना सिर्फ़ भारत बल्कि देश विदेश में शांति स्थापना और भाईचारा का संदेश दिया। अपने देश में राममन्दिर के लिए सफल मध्यस्था कर सैकड़ों वर्षो के विवाद को ख़त्म कराया और मंदिर बनने के रास्ते को मजबूत बनाया।

आज गुरुदेव के जन्मोत्सव पर संगीतमयी भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें वर्षा पांडेय के द्वारा गुरुपूजा, ज्ञान चर्चा सह सत्संग किया गया साथ ही संगीतमय भजन प्रस्तुत के द्वारा सुकीर्ति मिश्रा , विश्वास वर्मा और सुजाता ने अपने सुमधुर भजनों से कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर प्रेम और ज्ञान के सागर हैं - वर्षा पाण्डेय

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