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बिहार की सांस्कृतिक नायिका शारदा सिन्हा के निधन से लोकसंस्कृति को अपूरणीय क्षति, पूरा बिहार शोक में

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR 

बिहार :- की लोकसंस्कृति की पहचान और छठ महापर्व की आवाज मानी जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। उनके जाने से न केवल संगीत जगत बल्कि पूरा बिहार शोक में है। बिहार की इस सांस्कृतिक नायिका के बिना छठ पर्व अधूरा महसूस होता है। आइए जानते हैं, कैसे पूरा राज्य इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।

स्वर कोकिला" शारदा सिन्हा

बिहार की "स्वर कोकिला" शारदा सिन्हा का निधन राज्य की लोकसंस्कृति और विरासत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके गाए छठ महापर्व के गीत बिहार के लोकजीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं और उनके बिना यह पर्व अधूरा सा महसूस होता है। पूरे बिहार में शोक की लहर है, और संगीत प्रेमियों के साथ ही आम जनता भी उनके परिवार के दुःख में शामिल है।

शारदा सिन्हा, जिन्हें लोक संगीत की दुनिया में विशेष स्थान प्राप्त था, ने अपने मधुर गीतों से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके गीतों ने न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में लोकगीतों को एक अलग पहचान दिलाई। उनकी आवाज में गाए छठ के गीत लोगों के ह्रदय में बसे हुए हैं और उनका जाना लोकसंस्कृति में एक गहरा खालीपन छोड़ गया है।

बिहार के लोग इस दुखद क्षण में उनके परिजनों के साथ खड़े हैं। सभी की ईश्वर से प्रार्थना है कि शारदा सिन्हा की आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति दें। ऊँ शांति।

बिहार की सांस्कृतिक नायिका शारदा सिन्हा के निधन से लोकसंस्कृति को अपूरणीय क्षति, पूरा बिहार शोक में

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बिहार :- की लोकसंस्कृति की पहचान और छठ महापर्व की आवाज मानी जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। उनके जाने से न केवल संगीत जगत बल्कि पूरा बिहार शोक में है। बिहार की इस सांस्कृतिक नायिका के बिना छठ पर्व अधूरा महसूस होता है। आइए जानते हैं, कैसे पूरा राज्य इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।

स्वर कोकिला" शारदा सिन्हा

बिहार की "स्वर कोकिला" शारदा सिन्हा का निधन राज्य की लोकसंस्कृति और विरासत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके गाए छठ महापर्व के गीत बिहार के लोकजीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं और उनके बिना यह पर्व अधूरा सा महसूस होता है। पूरे बिहार में शोक की लहर है, और संगीत प्रेमियों के साथ ही आम जनता भी उनके परिवार के दुःख में शामिल है।

शारदा सिन्हा, जिन्हें लोक संगीत की दुनिया में विशेष स्थान प्राप्त था, ने अपने मधुर गीतों से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके गीतों ने न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में लोकगीतों को एक अलग पहचान दिलाई। उनकी आवाज में गाए छठ के गीत लोगों के ह्रदय में बसे हुए हैं और उनका जाना लोकसंस्कृति में एक गहरा खालीपन छोड़ गया है।

बिहार के लोग इस दुखद क्षण में उनके परिजनों के साथ खड़े हैं। सभी की ईश्वर से प्रार्थना है कि शारदा सिन्हा की आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और शक्ति दें। ऊँ शांति।