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रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा मनाया गया विश्व रेड क्रॉस दिवस, DM की रही उपस्थिति

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS

बक्सर :- रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा बुधवार को विश्व रेड क्रॉस दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का आयोजन रेड क्रॉस भवन, बक्सर में किया गया, जहां बड़ी संख्या में स्वयंसेवक, समाजसेवी, अधिकारीगण और आम नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत फ्लोरेंस नाइटिंगेल और हेनरी ड्यूनेंट की तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित के साथ भारत के आन बान शान तिरंगे के नीचे खडे होकर सलामी देते हुए की गई।

अतिथियों के स्वागत क्रम में रेडक्रॉस के चेयमैन श्री सुरेश अग्रवाल जी के द्वारा जिला पदाधिकारी महोदय को अंगवस्त एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत अभिनंदन किया गया. सौरव तिवारी उपाध्यक्ष के द्वारा सिविल सर्जन महोदय का स्वागत किया गया, वही कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल जी के द्वारा चेयरमैन नगरपालिका कमरू निशा फरीदी जी का स्वागत किया गया.

कार्यक्रम का संचालन रेडक्रॉस सचिव डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी के द्वारा किया गया, तिवारी ने रेडक्रॉस बीते वर्ष  के किए गए पूरे कार्य की विवरणी को जिलापदाधिकारी एवं समस्त रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्यों के बीचप्रस्तुत किए और आगे की कार्य योजना की रूपरेखा को भी बताएं.

जिलाधिकारी ने की रेड क्रॉस के कार्यों की सराहना

इस अवसर पर बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा किए जा रहे मानवीय कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा,"रेड क्रॉस न केवल आपदा के समय मदद करता है, बल्कि यह समाज में सेवा, समर्पण और मानवता की भावना को जीवंत रखता है।"उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे आगे आकर इस संगठन से जुड़ें और सामाजिक सेवा में अपनी भागीदारी निभाएं।

स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान का आयोजन

कार्यक्रम के अंतर्गत निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें दर्जनों लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया। चिकित्सकों की टीम ने लोगों की स्वास्थ्य जांच की और आवश्यक परामर्श दिया।

सम्मानित किए गए रेड क्रॉस कार्यकर्ता

रेड क्रॉस सोसाइटी बक्सर की ओर से समाजसेवा में सक्रिय कई स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया। रेड क्रॉस दिवस का मूल उद्देश्य मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता जैसे मूल सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाना है।

कार्यक्रम में उपस्थित आपदा प्रभारी राजीव सिंह, राज्य प्रतिनिधि सचिन कुमार राय, सत्येंद्र सिंह ,ओम जी यादव, अनिल केजरीवाल, मनोज कुमार राय, अविनाश जयसवाल, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री मनोज पांडे ,पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष डॉ पीके पांडे,  जिला परिषद अध्यक्ष महोदया एवं प्रति निधि परमा यादव जी विद्या चौबे जी ,कामेश्वर पांडे ,जी कांग्रेस नेता रविकांत ओझा जी पप्पू मिश्रा, जी रोटरी के मनोज जी केसरी जी एवं पूर्व सैनिक संघ के करीब सभी सदस्य समिति के कार्यों में सहयोग हेतु अपनी महती भूमिका निभाने सोसाइटी पीड़ित मानवता की सेवा में सदा कार्य करती रहेगी वही कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल जी के द्वारा किया गया

रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा मनाया गया विश्व रेड क्रॉस दिवस, DM की रही उपस्थिति

बक्सर भविष्य निर्माण मिशन ने लगाया स्वास्थ्य शिविर, होम गार्ड के जवानों को डॉ. राजेश ने दिया हेल्थ टिप्स

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS 

बक्सर :- भविष्य निर्माण मिशन के तहत एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें होम गार्ड के जवानों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए भाग लिया। इस शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य जांच और उपयोगी हेल्थ टिप्स दिए गए।

डॉक्टर ने दि सलाह

इस कार्यक्रम में बक्सर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. राजेश ने मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने होम गार्ड के जवानों को स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए और बताया कि वे कैसे अपने व्यस्त और चुनौतीपूर्ण कार्यकाल के दौरान भी स्वस्थ रह सकते हैं। उन्होंने संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन के उपायों पर जोर दिया।

होमगार्ड जवानों का हुआ जांच

स्वास्थ्य शिविर के दौरान होम गार्ड जवानों की रक्तचाप, शुगर, आँख, बीएमआई और अन्य सामान्य जांच की गई। इसके साथ ही, उन्हें मुफ्त दवाइयां भी उपलब्ध कराई गईं। डॉ. राजेश ने बताया कि "होम गार्ड के जवान हमारे समाज के सुरक्षा के मजबूत स्तंभ हैं। उनकी देखभाल और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना हमारा दायित्व है। वहीं शिविर में महिला-पुरुष समेत कुल 100 से अधिक होम गार्ड के जवानों ने भाग लिया। और कहें कि इस तरह के स्वास्थ्य शिविर से उन्हें अपनी स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

कहते है साहाब

Samadeshta vinod kumar yadav ने बताया कि हमारे जवानों के लिए जो बक्सर भविष्य निर्माण मिशन के द्वारा स्वास्थ्य संबंधित शिविर लगाया गया उसके लिए मैं डॉक्टर राजेश मिश्रा को धन्यवाद देता हूं। वहीं मौजूद जवानों से कहां की आप अपने कर्तव्यों का पालन करने के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें ताकि हम स्वस्थ रह करके अपने कार्यों को कर सकें

भविष्य निर्माण मिशन के आयोजक दीपक कुमार ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य केवल स्वास्थ्य जांच करना ही नहीं, बल्कि जवानों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है। उन्होंने यह भी बताया कि मिशन आने वाले समय में और भी ऐसे शिविर आयोजित करेगा। वहीं समाजसेवी मिथिलेश पांडे ने कहां की इस शिविर ने बक्सर में स्वास्थ्य और जागरूकता के महत्व को बढ़ावा दिया है और समाज के प्रति एक सकारात्मक संदेश दिया है।



बक्सर भविष्य निर्माण मिशन ने लगाया स्वास्थ्य शिविर, होम गार्ड के जवानों को डॉ. राजेश ने दिया हेल्थ टिप्स

रश्मि मैटरनिटी एंड सर्जिकल क्लिनिक में लगता मुफ्त स्वास्थ्य शिविर

ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS /बक्सर/शहर के ज्योति प्रकाश चौक कोइरपुरवा काली मंदिर के समीप रविवार को रश्मि मैटरनिटी एंड सर्जिकल क्लिनिक में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे अस्पताल की मुख्य चिकित्सक डॉ रश्मि रानी और डॉ पार्थ सारथी कुमार द्वारा लगभग 60 मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सलाह के साथ ब्लड प्रेशर, शुगर व हीमोग्लोबिन की जांच किया गया। 


शिविर के दौरान डॉ रश्मि ने कहा की सेवा भाव से जुड़ अपने जन्मभूमि के लोगो की सेवा करने के उद्देश्य से पटना पीएमसीच, दिल्ली गंगाराम जैसे अस्पताल की नौकरी छोड़ बक्सर में अपना क्लिनिक आरम्भ किया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डॉ पार्थ सारथी कुमार पूर्व वरीय चिकित्सक हिन्दू राव अस्पताल नई दिंल्ली एवं एम्स ने बताया की दिल्ली और पटना जैसे जगहों पर कार्य करने के पश्चात बक्सर में अपना क्लिनिक यहाँ के लोगो की सेवा करने के उद्देश्य से सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को सभी के लिए फ्री सेवा देने का संकल्प लिए है। 


वही गरीब व असहाय लोगो की सेवा ही मेरा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया की गाल ब्लाडर स्टोन, पाइल्स, आंतो में रुकावट आंतो में छेद, गिल्टी इत्यादि का ऑपरेशन किया जायेगा। वही उन्होंने बताया की भगवान का दिया हुआ हमारे पास बहुत कुछ है लेकिन पिछले एक वर्षो से जिला मुख्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों का घोर अभाव दिखा, चिकित्सकों की भारी कमी है। ऐसे में मरीजों की परेशानी हमेशा बढ़ी रहती है। 

गंगा राम हॉस्पिटल न्यूज़ दिल्ली की पूर्व वरीय चिकित्सक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ एमबीबीएस डीजिओ रश्मि रानी ने कहा की बक्सर मेरी जन्मभूमि है अब इसको कर्मभूमि बनाने जा रही हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य यहाँ के लोगो की सेवा है पिछले एक वर्षो से बक्सर ज्यादा आना जाना रहा है


यहाँ के लोगो और परिवार के सदस्यों की सलाह पर यहाँ अब समय देने का प्रयास कर रही हूँ और छोटे छोटे स्त्री रोग जैसे गर्वावस्था और स्त्री रोग से जुडी समस्याएं, निःसंतान, महावारी की समस्याएं आदि के लिए पटना और बनारस जाना पड़ता था अब इससे यहाँ के लोगो को निजात दिलाने का भरसक पूरा प्रयास रहेगा। शिविर की व्यवस्था में धीरेन्द्र प्रताप सिंह, आलोक कुमार, राज सिंह, नर्सिंग स्टॉफ पूजा पाल, पैथोलेब से गौरव कुमार के अलावा अन्य मौजूद रहे।

रश्मि मैटरनिटी एंड सर्जिकल क्लिनिक में लगता मुफ्त स्वास्थ्य शिविर

17 दिसंबर को लगेगा बक्सर में निशुल्क मेगा चिकित्सा शिविर


BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर/भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट डॉ0 मनोज कुमार मिश्रा अपने गृह जिला बक्सर पहुंचे जहां उन्होंने 17/12/23 को किला मैदान में होने वाले निःशुल्क मेगा चिकित्सा शिविर के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर मैं अपने पेशे के अनुरूप बक्सर लोकसभा की जनता को इस चिकित्सा शिविर के माध्यम से पटना के 20 प्रसिद्ध डॉक्टर्स की टीम के साथ पूरी तरह निःशुल्क सेवा दूंगा जिसमे मुफ्त दवा,निःशुल्क जांच तथा अति निर्धन मरीजों को निःशुल्क सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस तरह का मेगा कैंप बक्सर और आसपास के क्षेत्रों में निरंतर चलता रहेगा। 


हालांकि इस प्रेस कांफ्रेंस में उनके साथ बक्सर भाजपा नगर अध्यक्ष अजय वर्मा,राजीव वर्मा,सुनील ओझा,लक्ष्मण शर्मा,रूपेश दुबे,जितेंद्र मिश्रा, मनोज कुमार,सन्तोष साह, मनोज कुमार मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

17 दिसंबर को लगेगा बक्सर में निशुल्क मेगा चिकित्सा शिविर

इलाज के अभाव में एड्स से भी अधिक खतरनाक है एमडीआर व एक्सडीआर टीबी


- दवाओं के सेवन में लापरवाही बरतने के कारण सामान्य टीबी एमडीआर और एक्सडीआर में हो जाती है तब्दील 

- अब 24 माह की जगह 9 से 11 माह में दवाओं के नियमित सेवन से ठीक हो जाते हैं मरीज


BY ADMIN

M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर, 25 जुलाई | चिकित्सक किसी भी बीमारी में दवाओं का पूरा कोर्स करने की नसीहत देते हैं। यह नसीहत तब अधिक जरूरी हो जाती है, जब बीमारी गंभीर हो। ऐसा ही हाल टीबी के मामले में भी होता है। टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान दवाओं का कोर्स पूरा करने के लिए कहा जाता है। उसके बावजूद कई लोग लापरवाही के कारण दवाओं का नियमित सेवन नहीं करते हैं, जिसकी बदौलत वे मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) और एक्सटेंसिव ड्रग रेजिस्टेंट(एक्सडीआर) स्टेज पर पहुंच जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टीबी का ही बिगड़ा हुआ रूप एमडीआर टीबी है। इसके बैक्टीरिया पर टीबी की सामान्य दवाएं नाकाम हो जाती हैं। आम टीबी कुपोषित या कमजोर शरीर वाले को अपनी गिरफ्त में लेती है, लेकिन एमडीआर टीबी यह भेद नहीं करती। यह हर वर्ग के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है। लेकिन, अब एमडीआर और एक्सडीआर टीबी का इलाज भी असान हो चुका है। 


टीबी की खतरनाक श्रेणी एक्सडीआर :

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह सीडीओ डॉ. अनिल भट्‌ट ने बताया, जब एमडीआर टीबी के रोगी की दवा शुरू करने के छह माह बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो वह एक्सडीआर टीबी की श्रेणी में आ जाते हैं। टीबी की खतरनाक श्रेणी एक्सडीआर है। इससे सावधानियां बरतने की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके लिए दवा नियमित लेनी होती है। लेकिन, एमडीआर व एक्सडीआर टीबी के मरीजों के लिए राहत की खबर यह है कि अब इन मरीजों को ठीक होने के लिए 24 माह नहीं, बल्कि 9 से 11 माह ही दवा खानी पड़ती है। एमडीआर और एक्सडीआर टीबी मरीजों के लिए सबसे महंगी दवा बेडाक्विलीन उपलब्ध होने के बाद यह संभव हुआ है। उन्होंने  बताया पूर्व में इनके इलाज में काफी लंबा समय लगता था, लेकिन अब एक साल से भी कम समय में मरीज टीबी के इन श्रेणियों से भी निजात पा जाते हैं।


टीबी के मरीज सावधानियां बरतें और नियमित दवाओं का सेवन करें :

जिले में एक्सडीआर श्रेणी के लगभग एक दर्जन मरीज हैं। जिनका इलाज चल रहा है। जब एमडीआर श्रेणी वाले मरीज जब लापरवाही बरतने लगते है, नियमित दवा का सेवन नहीं करते है वो ही एक्सडीआर की चपेट में आ जाते हैं। टीबी के प्रति लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है। जो भी टीबी के मरीज हैं  वो सावधानियां बरतें और नियमित दवा का सेवन करते रहें । एमडीआर श्रेणी भी खतरनाक है, इसके जिले में 30 मरीज हैं । इसके प्रति भी लापरवाही ठीक नहीं है। उन्होंने बताया, इलाज के क्रम में लापरवाही ही इन समस्याओं की जड़ है। एमडीआर का खतरा टीबी के वे रोगी जो एचआइवी से पीड़ित हैं, जिन्हें फिर से टीबी रोग हुआ हो, टीबी की दवा लेने पर भी बलगम में इस रोग के कीटाणु आ रहे हैं या टीबी से प्रभावित वह मरीज जो एमडीआर टीबी रोगी के संपर्क में रहा है, उसे एक्सडीआर टीबी का खतरा हो सकता है।

टीबी की जांच के लिए सभी प्रखंडों में लगेगी ट्रू-नेट मशीन :

'वैसे तो जिले में टीबी रोगियों की जांच की व्यवस्था सभी प्रखंडों में हैं। लेकिन, राजपुर, सिमरी, ब्रह्मपुर व डुमरांव में ट्रू-नेट मशीन इंस्टॉल है। जिससे मरीजों की टीबी जांच आसान हो गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों में ट्रू-नेट मशीन लगाई जाएगी। जिसके बाद टीबी की जांच में तेजी आएगी। साथ ही, लोगों का इलाज और मॉनिटरिंग भी सुदृढ़ किया गया है।' - डॉ. जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन, बक्सर

इलाज के अभाव में एड्स से भी अधिक खतरनाक है एमडीआर व एक्सडीआर टीबी

 नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करेगा अप टू डेट सर्वे रिपोर्ट : डीआईओ



• जिले के सभी प्रखंडों में 19 से 25 मई तक आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर करेंगी सर्वे

• प्रतिदिन होगी रिपोर्ट की त्रिस्तरीय समीक्षा और निगरानी

बक्सर, 19 मई | जिले में नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है। इसको लेकर जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर  प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने सभी पीएचसी स्तर पर प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया है। जिसके माध्यम से पीएचसी अंतर्गत उन पंचायतों को चुना जा रहा है, जहां पर नियमित टीकाकरण का सर्वे रिपोर्ट और ड्यूलिस्ट उप टू डेट नहीं है। गुरुवार को सदर प्रखंड स्थित पीएचसी सभागार में विभिन्न पंचायतों की आशा कर्मियों के साथ बैठक की गई। जिसमें सबसे पहले सर्वे रिपोर्ट और ड्यूलिस्ट की समीक्षा की गई। इस क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने जासो पंचायत की सभी आशा कार्यकर्ता का सर्वे रजिस्टर व ड्यूलिस्ट का सत्यापन एवं घर घर जाकर सर्वे करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान बीसीएम प्रिंस कुमार, केयर बीएम मंगलेश कुमार सिंह, यूनिसेफ बीएम आलोक कुमार, आशा फैसिलिटेटर व आशा कर्मी मौजूद रहे।


सभी आशा प्रतिदिन 25-25 घरों का करेंगी सर्वे :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया, जिलास्तरीय बैठक में 19 से 25 मई के बीच नियमित टीकाकरण सर्वे अपडेट करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत सभी प्रखंडों में सर्वे रिपोर्ट और ड्यूलिस्ट अपडेट करने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए सभी आशा कार्यकर्ता अपने अपने निर्धारित क्षेत्र में प्रतिदिन 25 घरों का सर्वे करेगी। जिसके बाद संबंधित आशा फैसिलिटेटर अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी आशा कार्यकर्ताओं से प्रतिवेदन प्राप्त कर कंपाइल प्रतिवेदन प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को प्रेषित करेंगे। इसी प्रकार प्रत्येक प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक प्रतिदिन आशा फैसिलिटेटर से प्राप्त प्रतिवेदन को कंपाइल कर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को प्रेषित करेंगे।


मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है व्हाट्सएप ग्रुप :

डॉ. राज किशोर सिंह ने बैठक में कहा, जब तक सर्वे रिपोर्ट और ड्यूलिस्ट जब तक अपडेट नहीं होगा, तब तक नियमित टीकाकरण अभियान सफल नहीं होगा। उन्होंने 26 मई तक प्रत्येक प्रखंड से फाइनल रिपोर्ट जिला सामुदायिक उत्प्रेरक और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करने के संबंध में पत्राचार किया है। सर्वे कार्य हेतु प्रतिदिन का रिपोर्ट लेने के लिए साथ ही सर्वे संबंधी कार्य और इस कार्य के मॉनिटरिंग संबंधित तस्वीरें प्राप्त करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। जिसमें प्रत्येक दिन आप सभी प्रखंड स्तर पर हो रही गतिविधियों से जिला को अवगत कराएंगे। इसके लिए प्रपत्र भेज दिया गया है। जिसके अनुसार शुक्रवार से प्रपत्र भरने का कार्य शुरू किया जायेगा। जिसकी प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी।

नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करेगा अप टू डेट सर्वे रिपोर्ट : डीआईओ

 उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र


- डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में निकली गई रैली

- शिविर लगाकर लोगों डेंगू से निपटने की दी गई जानकारी

By admin

M v online bihar news/बक्सर, राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले के राजपुर, इटाढ़ी और डुमरांव प्रखंड में जागरूकता रैली निकाली गई। वहीं, कई स्थानों पर शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करते हुए उससे बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोलर ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू एक गंभीर बीमारी है। प्रतिवर्ष लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। कई मामलों में डेंगू जानलेवा भी साबित हुई है। खासतौर से बारिश के सीजन में यह बीमारी अधिक प्रभाव कारी रहती है। डेंगू के लारवा पानी में पनपते हैं। बरसात के सीजन में जगह-जगह जलभराव होने के कारण इस बीमारी को फैलने की प्रबल आशंका रहती है। लेकिन, उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है। जिसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा।


डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, 16 मई को हर साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मच्छर से जनित बीमारी और इसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने की एक पहल है। डेंगू बुखार एक विश्वव्यापी और क्षेत्रीय ख़तरा बना हुआ है। उन्होंने बताया, डेंगू के बुखार को अक्सर हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह संक्रमण मच्छरों से फैलता है, जो गंभीर फ्लू जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह चार अलग-अलग वायरस के कारण होता है और एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर पीला बुखार, ज़ीका वायरस और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं।


डेंगू के लक्षण :

यह लक्षण डेंगू वायरस के कारण होता है। ऐसे में इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। इसके लक्षण निम्न प्रकार के हैं :

- किसी व्यक्ति के सिर और जोड़ों में तेज दर्द होना

- संक्रमित व्यक्ति को बुखार हो जाना

- मांसपेशियों व शरीर में तेज दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की आंखों में दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की रैशेज की समस्या हो जाना

- व्यक्ति का जी मिचलाना या उल्टी की समस्या होना

बचाव के उपायों को समझे :

यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति इस बीमारी के परिणामों और इससे पीड़ित होने से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों को समझे। डेंगू को रोकने में समुदाय का प्रत्येक सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डेंगू के मच्छर दिखने में सामान्य मच्छरों से कुछ अलग होते हैं। इसके शरीर पर तेंदुए जैसी धारियां दिखाई देती हैं। बरसात के मौसम में डेंगू अधिक तेज़ी से फैलता है। मई का महीना कुछ ही दिनों में ख़त्म होने वाला है, इसलिए हमें जून के महीने से भारत में शुरू होने वाले बरसात के मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए।

ऐसे करें डेंगू से बचाव : 

- अपने घर के अंदर या आसपास मच्छरों को पनपने ना दें

- अपने घर में गंदा पानी जमा ना होने दें

- छत पर भी अगर गमले या किसी अन्य चीज में पानी भरा हुआ है तो उसे तुरंत फेंक दें

- कूलर, मनी प्लांट के गमले आदि की नियमित सफाई करें

उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर होगी अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था



- बाढ़ की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

- जिले में जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अभी से तैयारी शुरू करने का दिया निर्देश

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 12 मई | जिला समेत पूरे राज्य में प्री-मानसून के कारण बीते दिन बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग ने इस बार मई में मानसून के आने की संभावना जताई है। जिसके कारण बाढ़ नियंत्रण विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू करने में जुट गए है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लेने के निर्देश दिए हैं। जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों को रोकने की तैयारी में जुट गया है। ताकि, बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और दवाइयां आसानी से उपलब्ध कराई जा सके। 


नौका अस्पताल में होगी समुचित व्यवस्था :

जिले में बाढ़ आने के पहले ही तमाम तैयारियां पूरी कर लेनी है। ताकि, बाढ़ आने पर प्रभावित इलाके के लोगों को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। साथ ही, नौका अस्पताल के संचालन को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था रहेगी। जिसके माध्यम से बाढ़ के कारण सड़क का सम्पर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, इस दौरान लोगों को कोरोना गाइडलाइन के तहत मास्क, सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर का उपयोग और कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाएगी।  


अनुभव के आधार पर चिन्हित किए जायेंगे बीमारियों के संभावित क्षेत्र :

पत्र में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित महामारी रोकथाम समिति को बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिह्नित करने को कहा गया है। साथ ही, जिलाधिकारी के अधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग बनाने का निर्देश दिया गया है। उसी तरह से सिविल सर्जन के आधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग भी बनाया जाएगा। क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी महामारी के समय में प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधी किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करेंगे। सबसे जरूरी बात यह है कि बाढ़ की तैयारियों से लेकर प्रबंधन तक कोरोना के सामान्य नियमों का पालन करने और लोगों को इसके पालन के लिए जागरूक करने की सलाह दी गई है।


प्रभावित इलाकों में गर्भवती महिलाओं को किया जायेगा चिन्हित :

बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों प्रसव सेवाओं के अलावा अन्य सेवाएं जैसे नियमित टीकाकरण, ओपीडी आदि को सुचारू रखा जाएगा। इसके लिए सबसे पहले प्रभावित इलाकों की गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। ताकि, गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से करके डिलीवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था की जा सके। साथ ही, सभी अस्पतालों में चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन किया जाएगा। जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर हो सके।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर होगी अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था

डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने की मुखिया के संग स्वास्थ्य संबंधित बैठक


By admin

M v online bihar news/बक्सर/सिमरी:- प्रखंड क्षेत्र के राजापुर उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोवीड 19 तथा उसके बच बचाव के लिए डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा मुखिया प्रतिनिधि मदन राय तथा आशा एवं वार्ड सदस्यों के साथ एक बैठक की गई, जींस बैठक में स्वास्थ्य से संबंधित भिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई साथ ही समाज को कोवीड 19 से कैसे बचाया जाए और जो लोग अभी तक टिका नहीं लिए हैं, उन सभी लोगों को टिका के बारे में विस्तृत जानकारी दि जाए ताकि लोग टिका लगवाए। वहीं इस बैठक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी के प्रभारी डॉ चंद्रमनी बिमल के साथ मैनेजर, नर्स और गांव के लोग सामील रहे।


वहीं डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि इस उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जो भी लोग आए उनका बेहतर इलाज करने का प्रयास करता हु। और लोगों को समय समय पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां भी देता रहता हु ।  ताकि समाज हमारा स्वास्थ्य रहे।


डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने की मुखिया के संग स्वास्थ्य संबंधित बैठक

 कोरोना के मामलों को देखते हुये बढ़ाई जा रही है सख्ती, नाइट कर्फ्यू का कराया जायेगा पालन



- संक्रमण प्रसार को रोकने में आम लोगों की भूमिका अहम, सबका सहयोग आवश्यक है। 

-  बिना कारण घर से बाहर नहीं निकलने की दी जा रही है सलाह

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर/जिला समेत पूरे राज्य में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने लगा है। कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के साथ-साथ डेल्टा वैरिएंट का भी प्रसार हो रहा है। जिसको देखते हुये राज्य सरकार ने गुरुवार की रात से पूरे सूबे में नाइट कर्फ्यू लगाने का फरमान जारी किया है। ताकि, लोगों को कोरोना के प्रभाव से बचाया जा सके। मामले को गंभीरता से लेते हुये पूरे जिले में मास्क चेकिंग अभियान तेज किया जा रहा है। इसके लिये जिलाधिकारी अमन समीर ने भी जिले के सभी बीडीओ, सीओ और थानाध्यक्षों को सघन रूप से मास्क चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया है। जिससे लोगों को कोविड के सामान्य नियमों का पालन कराया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने जिलेवासियों से सावधानी बरतने की अपील की है। जिला स्वास्थ समिति लोगों के स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से सजग है और हर कोशिश है कि संक्रमण प्रसार को रोका जा सके। संक्रमण प्रसार को रोकने में आम लोगों की भूमिका अहम है। ऐसे में आपदा की घड़ी में सबका सहयोग आवश्यक है। 


सभी लोग अच्छी तरह से मास्क पहनें :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, कोरोना के ओमीक्रोन वैरियंट की वजह से संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जिला में कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ा दी गई है। बावजूद इसके अभी भी लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करते हुये देखा जा रहा है। ऐसे में लोगों को यह समझना होगा कि थोड़ी सी भी लापरवाही लोगों को भारी पर सकती है। जिलावासियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग अच्छी तरह से मास्क पहनें, क्योंकि कोरोना संक्रमण मुख्य रूप से मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स से फैलता है। इसके साथ ही सभी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से परहेज करें। बहुत जरूरी हो तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करते हुये दूसरों से दूरी बनाकर रखें।


स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों का अवकाश रद्द :

डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, विभाग के निर्देशानुसार जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम एवं इसके निरोधात्मक उपाय के लिए विशेष चौकसी तथा अनुश्रवण किया जा रहा है। वहीं, आपदा के संभावित स्थिति को देखते हुये सभी चिकित्सा पदाधिकारी संविदा/नियोजित सहित से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी संविदा/नियोजित सहित जैसे स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल स्टाफ, जीएनएम, एएनएम, शैल्य कक्ष सहायक, लैब टेक्नीशियन के साथ ही चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के सभी प्रकार के अवकाश को आगामी 28 फरवरी तक रद्द कर दिया गया है। हालांकि, अध्ययन अवकाश और मातृत्व अवकाश पर गए चिकित्सा पदाधिकारियों और कर्मियों को इससे मुक्त रखा गया है।

कोरोना के मामलों को देखते हुये बढ़ाई जा रही है सख्ती, नाइट कर्फ्यू का कराया जायेगा पालन

 संशोधित : कोरोना के नए वैरिएंट से बचना है तो टीकाकरण के साथ नियमों का पालन जरूरी : सिविल सर्जन



• पड़ोसी जिले में कोरोना संक्रमण के तीन मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क

• मास्क लगाने और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने की अपील

• कोविड जांच शिविरों की बढ़ाई जाएगी संख्या, यातायात के साधनों पर रहेगी नजर

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 22 दिसंबर | कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का प्रसार तेजी से होने लगा है। वहीं, बिहार में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ने की ओर अग्रसर है। जिसको देखते हुए सरकार व राज्य स्वास्थ्य समिति अपने स्तर से पुख्ता तैयारियों की निगरानी में जुट गया है। बक्सर के पड़ोसी जिले रोहतास में अब तक कोरोना के तीन मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, अब तक ओमिक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है। जिसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति सख्ते में है। जिलाधिकारी अमन समीर ने सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ को कोविड जांच की संख्या बढ़ाने के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में कोविड-19 जांच के लिए स्टेशन आउट बस स्टैंड के अलावा और भी स्थानों का चिन्हित कर शिविर का संचालन करने जा रही है। ताकि, अधिक से अधिक लोगों की जांच की जा सके। साथ ही, जिलाधिकारी के निर्देश पर अब जिले में सघन रूप से मास्क चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। ताकि, लोग मास्क का प्रयोग करने के साथ साथ शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए जागरूक हो सकें।


संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, कोरोना का नये वैरिएंट के प्रसार की गति पिछले वायरस से 16 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, जिन लोगों ने कोविड की दोनों डोज ले ली है, वो भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन, उनपर इसका प्रभाव काफी कम होगा। वहीं, जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं ली है, उनपर नये वैरिएंट का प्रभाव अधिक हो सकता है। इसलिए जिन लोगों ने अभी तक किसी भी कारणों से वैक्सीन की दूसरी डोज या दोनों डोज नहीं ली है, वे अनिवार्य रूप से अपना वैक्सीन ले लें। उन्होंने बताया, संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन बेहद जरूरी है। साथ ही, वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क लगाना होगा और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। ताकि, लोग स्वयं के साथ अपने परिजनों व करीबियों को संक्रमित होने की संभावना से बचा सकें।

लक्षण दिखने पर अपने नजदीकी अस्पताल में कराएं जांच :

डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, फिलवक्त जिले के सभी पीएचसी के अलावा रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर कोविड जांच के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। संक्रमण के प्रसार की संभावना को देखते हुए टीकाकरण अभियान को तो तेज किया ही गया है, साथ ही कोरोना जांच के लिए सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सकों को भी निर्देश दिया गया है कि वो अपने सम्बंधित क्षेत्र में जांच शिविरों के लिए भीड़भाड़ वाले इलाकों को चिन्हित कर अधिक से अधिक लोगों की जांच सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, पूर्व की भांति अभी भी संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में लोगों का सहयोग अपेक्षित है। लोग आगे आकर कोविड टेस्टिंग कराएं। जो लोग अन्य राज्यों व जिलों से बक्सर में आ रहे हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से जांच करानी चाहिए। साथ ही जिन लोगों में ओमिक्रोन से संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जा कर अपनी जांच कराएं। ताकि, समय से उनका उपचार शुरू किया जा सके।

संशोधित : कोरोना के नए वैरिएंट से बचना है तो टीकाकरण के साथ नियमों का पालन जरूरी : सिविल सर्जन

 वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने वाले 9 लोगों को सम्मानित किये डॉ अंजनी कुमार 


By amit kumar

M v online bihar news/चक्की l कोविड-वैक्सीनेशन के प्रति आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति और केयर इंडिया ने लक्की ड्रा द्वारा चयनित 9 लोगो को इनाम मिक्सर ग्राइंडर व थमों बोतल प्रदान किया गया कार्यक्रम के दौरान प्रभारी चिकित्सा का डॉ अंजनी कुमार स्वास्थ्य प्रबंधक रवि रंजन सिन्हा ने कोविड टीका का ससमय दूसरा डोज लेने वाले चयनित लोगों को पुरस्कृत किया चक्की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शिविर का आयोजन कर थार्मासिस्ट पानी बोतल का वितरण किया गया आकर्षण पुरस्कार का वितरण चिकित्सा डॉ अंजनी कुमार के द्वारा किया गया


चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि निर्धारित तिथि से सप्ताह भर के अंदर वैक्सीन का दूसरा डोज लेना होगा  27 नवंबर से लेकर 31 दिसंबर तक जिले के प्रत्येक प्रखंड के 9 लोगों को लकी ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा इस अवसर पर डॉ अरविंद कुमार जयप्रकाश नारायण गोपाल कुमार सूरज कुमार रवि कुमार सूरज कुमार वही इस अवसर पर केयर इंडिया के मैनेजर पारस पटेल सुनील कुमार नवीन कुमार ने पुरस्कृत किया डाटा ऑपरेटर सुनील कुमार अमित कुमार उपाध्याय कर्मचारी एमडी अलाउद्दीन तमाम कर्मचारी उपस्थित होकर इस वितरण में पूरा सहयोग किए वही केयर इंडिया प्रबंधक पारस पटेल ने बताया कि यह कार्यक्रम एक हफ्ते तक चलाया जाएगा जिसका भी इस लिस्ट में नाम रहेगा उनको बुलाकर पुरस्कृत वितरण किया जाएगा डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि इस तरह का कार्यक्रम होने से आने वाले तीसरे लहर से पहले ही सभी को कोरोना टीका लगा दिया जाएगा

वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने वाले 9 लोगों को सम्मानित किये डॉ अंजनी कुमार

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को सिखाये जा रहे कोविड संक्रमण से बचाव के गुर



- हाथों की साफ सफाई करने के साथ व्यायाम की दी जा रही है जानकारी

- बच्चों को बनाया जा रहा है मानसिक रूप से मजबूत और शारीरिक रूप से तंदरूस्त


By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 18 दिसंबर | कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी चिंतित हैं। चूंकि अब तक 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीन की डोज नहीं लगी है। इसलिए अभिभावकों का डर लाजमी है। लेकिन, बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना और उनमें कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं बच्चों को कोविड-19 के संभावित संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं। ताकि, उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण व उसके बचाव की जानकारी दी जा सके। जिले के डुमरांव प्रखंड स्थित कोड संख्या 47 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जहां संक्रमण से बचने के लिए हाथों की साफ सफाई करने की जानकारी दी जा रही है, वहीं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए व्यायाम करना भी सिखाया जा रहा है। जो बच्चों को न केवल मानसिक रूप से मजबूत करेगा, बल्कि शारीरिक रूप से भी तंदरूस्त रखने में कारगर साबित होगा।


साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी :

आंगनबाड़ी केंद्र (कोड संख्या-47) की सेविका लीलावती देवी का कहना है, बच्चों व अभिभावकों को हाथों की स्वच्छता को लेकर पूर्व दे ही जागरूक किया जाता रहा है। लेकिन, संक्रमण काल में साफ-सफाई की महत्ता काफी बढ़ गयी है। जिसको लेकर बच्चों को और भी ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। बच्चों व अभिभावकों को बताया जाता है कि कोविड के सामान्य नियमों का पालन करने से किस प्रकार से हम संक्रमण की संभावना को कम कर सकते हैं। उन्होंने बताया, आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को साबुन से अच्छे तरीके से हाथों की सफाई करने के बारे में बताया जाता है। जिसके बाद उन्हें प्रैक्टिकल कर दिखाया जाता है। साथ ही, खेलकूद के बाद, शौच के बाद और खाना खाने से पहले एक-एक बच्चे को साबुन से हाथ धुलवाया जाता है। साथ ही, अभिभावकों को भी बच्चों की स्वच्छता को लेकर प्रेरित किया जाता है।


सेविका की पहल से अभिभावक भी खुश :

आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित आदित्य कुमार की माता रंजू देवी व पिता प्रभुनाथ पासवान सेविका की इस पहल से काफी खुश है। आदित्य के पिता प्रभुनाथ ने बताया, जब से जिले में कोविड-19 का प्रसार चालू हुआ है, वे अपने बच्चों को लेकर काफी चिंतित रहते थे। फिलहाल जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक चिंता बनी रहेगी। हालांकि, घर में बच्चों का ख्याल रखा जाता है। वहीं, बच्चे की जिद और लाड के कारण उनको ज्यादा समझा नहीं पाते। लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे एक दूसरे को देख कर सीखते है और उसे अपने दिनचार्य में शामिल करते हैं। उन्होंने बताया, उनका बेटा आदित्य अब परिवार के बाकी सदस्यों को साबुन से हाथ साफ करने के लिए टोकने लगा है। जो अच्छी बात है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को सिखाये जा रहे कोविड संक्रमण से बचाव के गुर


कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों पर नये वेरियेंट का कम पड़ेगा प्रभाव 


- जिला स्वास्थ्य समिति ने की अनिवार्य रूप से लोगों को वैक्सीन लेने की अपील

- संक्रमण की संभावना को कम करने के लिये मास्क लगाने और शरीरिक दूरी बनाने की दी नसीहत

By admin 

M v online bihar news/बक्सर, 16 दिसंबर | कोरोना वायरस के नये वेरियेंट का प्रसार अब देश के अन्य राज्यों में तेजी से देखने को मिल रहा है। जिसको देखते हुये राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में लगातार वैक्सीनेशन के महाअभियान चलाये जा रहे हैं। ताकि, जल्द से जल्द निर्धारित उम्र वर्ग के लोगों को टीकाकृत किया जा सके। 18 दिसंबर को एक बार फिर से व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन के लिये महाअभियान चलाया जाने वाला है। जिसको लेकर फ्रंटलाइन वर्कर्स अभी से लोगों को जागरूक व प्रेरित करने में लगे हुये हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी अपने स्तर से कोई कमी छोड़ना चाहता है। वहीं, कोरोना के नये वैरियेंट ओमिक्रोन की संभावना को देखते हुये वैक्सीन से वंचित लोग स्वयं आगे आकर टीके का डोज लेने लगे हैं। 


बड़ी आबादी में विकसित हुई है हाईब्रिड इम्यूनिटी :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, दूसरी लहर के बाद भारत में अब एक बड़ी आबादी में हर्ड इम्यूनिटी या हर्ड प्रतिरक्षा विकसित हो गई। हर्ड इम्यूनिटी से आशय ऐसे लोगों से है, जिनको कोविड वैक्सीन की दोनों डोज भी लग चुकी है और वे संक्रमित भी हो चुके हैं। कई देशों में हुये शोधों में यह भी पता चला है कि इस तरह की प्रतिरक्षा कोविड संक्रमण के प्रति अधिक मजबूत सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरी ओर, जो लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और उसके बाद उन्होंने कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी ली है, तो उनमें भी संक्रमण के खिलाफ एक बेहतर स्तर की इम्यूनिटी का विकास हुआ है। इसलिये यह संभावना जताई जा रही है कि वैक्सीन ले चुके लोगों में मौजूद हर्ड इम्यूनिटी वायरस की वजह से होने वाले गंभीर खतरे जैसे कि नये म्यूटेंट ओमिक्रॉन से भी बचा सकती है।


ओमिक्रोन के अब तक पाए है कई सामान्य लक्षण :

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सार्स-कोव-2 का नया वेरिएंट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। जो लोग पहले भी कोविड की चपेट में आ चुके हैं या वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं, उनमें संक्रमण का जोखिम बना हुआ है। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि डेल्टा वेरियेंट की तुलना में यह बीमारी मामूली होगी। कोविड-19 का अब तक का सबसे आम लक्षण है सुगंध और स्वाद का महसूस न होना। जिसको भी यह दो लक्षण दिखे, समझ लें उसे कोविड-19 संक्रमण है। हालांकि, नये शोधों के अनुसार यह लक्षण ओमिक्रोन से संक्रमित लोगों में


आम नहीं है। इसके अलावा जिन लोगों को तेज़ बुखार आ भी रहा है, वो अपने आप ठीक भी हो रहा है। साथ ही, नाक बंद, नाक बहना, कंजेशन जैसे लक्षण भी नहीं देखे जा रहे हैं, जो पुराने स्ट्रेन में आम थे।

अपने हिस्से की जिम्मेदारी को पूरा करें लोग :

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, हल्का बुखार, बहुत ज़्यादा बदन दर्द, कमज़ोरी, गले में ख़राश की जगह गले में खुजली और रात में पसीना आना ओमिक्रोन के बाकि के लक्षण हैं। इसके अलावा, कोविड-19 सामान्य रूप से श्वसन प्रणाली पर हमला करता है, ऊपरी और निचले दोनों। जिसमें गंभीर संक्रमण से लगातार सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और रक्त ऑक्सीजन के स्तर का कम होना शामिल है, जिस पर फौरन ध्यान देने की ज़रूरत होती है। उन्होंने बताया, सरकार लगातार लोगों को सतर्क और सावधानी बरतने के लिये नये-नये गाइडलाइन जारी कर रही है। लोग अपने हिस्से की जिम्मेदारी को पूरा कर सरकार की मदद कर सकते हैं। जिन लोगों ने अब किन्हीं कारणों से वैक्सीन नहीं लिया है, वो अनिवार्य रूप से वैक्सीन लें और कोरोना के सामान्य प्रोटोकॉल्स का पालन करें।

कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों पर नये वेरियेंट का कम पड़ेगा प्रभाव


मातृ एवं शिशु मृत्यु को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन



सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों में होने वाली मातृ मृत्यु पर लगाम लगाने की कवायद 

सुमन कार्यक्रम द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने का है प्रयास  

By admin

M v online bihar news/बक्सर, 3 दिसंबर | जिले में मातृ व शिशु मृत्यु को कम करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें चाइल्ड हेल्थ के स्टेट कंसलटेंट तुषार कांत उपाध्याय व प्रोग्राम फ़ॉर एप्रोप्रियेट टेक्नोलॉजी इन हेल्थ (पाथ) के स्टेट पब्लिक हेल्थ कोऑर्डिनेटर अरुण कुमार ने जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों के साथ साथ सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल भट्ट व अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण की शुरुआत की। स्टेट कंसलटेंट तुषार कांत उपाध्याय ने बताया, इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों में होने वाली मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाना और भविष्य में उन कारणों से किसी भी गर्भवती की मृत्यु न हो यह सुनिश्चित करना है। ताकि, किसी भी स्तर पर और कहीं भी किसी गर्भवती महिला या शिशु की मृत्यु न हो सके। मौके पर सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. भूपेंद्र नाथ, डीपीएम संतोष कुमार, डीपीसी जावेद आब्दी, डीसीएम संतोष कुमार राय, जिला क्वालिटी कंसलटेंट रुचि कुमारी, केयर के फैमली प्रग्राम कोऑर्डिनेटर पंकज कुमार व अन्य मौजूद रहे।


एमडीएसआर की बारीकियों को जानना होगा :

स्टेट कंसलटेंट तुषार कांत उपाध्याय ने बताया,  मेटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (एमडीएसआर) कार्यक्रम को समझने के लिए सबसे पहले उसकी बारीकियों को जानना होगा। गर्भावस्था या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु, गर्भावस्था के किसी भी अवधि या स्थान पर गर्भ का गर्भाशय के अंदर या बाहर किसी भी स्थान पर ठहरने पर तथा गर्भावस्था या उससे संबंधित जटिलताओं या उसके प्रबंधन के दौरान मृत्यु आकस्मिक या दुर्घटनावश मृत्यु, मातृ मृत्यु नहीं कहलाती है। वहीं, नवजात मृत्यु जन्म से 28 दिन के अंदर हुई मृत्यु, एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु व 5 साल से कम कम उम्र के बच्चों की मृत्यु को शिशु मृत्यु की कैटेगोरी में रखा गया है। उन्होंने बताया, मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि जिला स्वास्थ्य समिति यह सुनिश्चित करे की यदि कहीं भी इस प्रकार के मामले उजागर होते हैं तो उसकी सूचना उन तक अनिवार्य रूप से पहुंचे।


सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरूआत की है :

स्टेट पब्लिक हेल्थ कोऑर्डिनेटर अरुण कुमार ने बताया, जिला स्वास्थ्य समिति को मातृ व शिशु मृत्यु के मामले का रिव्यू कर मासिक रिपोर्ट करना चाहिए। इसके लिए सभी आशा व एएनएम को यह निर्देशित करना होगा कि क्षेत्र में मातृ मृत्यु की सूचना शत-प्रतिशत दी जाये। वैसी मातृ तथा शिशु मृत्यु के मामलों की रोकथाम को शून्य करने के उदेश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरूआत की है। उन्होंने बताया, निजी स्वास्थ्य संस्थान ऐसे मामलों की रिपोर्ट बहुत कारणों से नहीं देते हैं। लेकिन, सम्बंधित उन्हें यह समझना होगा की सरकार का उद्देश्य केवल सम्बंधित फैसिलिटी में होने वाली मृत्यु के कारणों की जानकारी लेने है न की निजी डॉक्टर और संस्थानों पर किसी प्रकार का कोई दंड या कार्रवाई करना।


चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना:

• 104 नंबर पर कॉल के माध्यम से 

• वेब पोर्टल के माध्यम से 

• एसएमएस के द्वारा बीएचएम व एमओआईसी को 

• स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर

मातृ एवं शिशु मृत्यु को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

अमृत महोत्सव के दौरान जिले के 46 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एमसीडी स्क्रीनिंग का होगा आयोजन



- 16 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच सभी विकसित एचडब्लूसी पर प्रति माह 10 सत्रों का होगा आयोजन

- प्रत्येक सत्र में 100-100 लाभार्थियों की स्क्रीनिंग के लिये जीविका समूह से जुड़ी दीदियों व उनके परिजनों को किया जायेगा लक्षित

बक्सर, 26 नवंबर | जिले में आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिये स्वास्थ्य समिति प्रतिबद्ध है। जिसके तहत समय समय पर लोगों की जांच करने के साथ दवाओं का वितरण करने के लिये शिविरों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में 16 नवंबर से लेकर 12 दिसंबर तक देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्व के रूप में मनाया जाना है। इस महोत्सव के दौरान सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (स्वास्थ्य उपकेन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य योन्द्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) पर गतिविधियों सुनिश्चित किया जायेगा। इसके लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं।

4600 व्यक्तियों की एनसीडी स्क्रीनिंग का लक्ष्य निर्धारित:

पत्र के अनुसार जिले के 46 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 460 वेलनेस सेशन का लक्ष्य निर्धारित है। सभी विकसित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एपीएचसी/एचएससी/यूपीएचसी) पर कम से कम 10 सत्र प्रति माह की दर से वेलनेस सेशन कराया जायेगा। जिसमें जिले के विभिन्न इलाकों के 30 वर्ष से अधिक आयु के कुल 4600 व्यक्तियों की नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज (एनसीडी) स्क्रीनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिये प्रत्येक हेल्प एंड वेलनेस सेंटर के कार्य क्षेत्र में कम से कम 100 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कराई जानी है। इस क्रम में समय पर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिये विशेष रणनीति बनाई गई है। जिसके तहत जीविका दीदी अभियान अन्तर्गत जीविका दीदी एवं उनके परिजनों व प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान के तहत निर्धारित विकसित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर गर्भवती माताओं की एएनसी जांच कराई जायेगी। 

योजना का किया जायेगा पचार प्रसार :

डीपीएम संतोष कुमार ने बताया, राज्य स्वास्थ्य समिति के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर वेलनेस सेशन्स का आयोजन किया जायेगा। मोहत्सव में दिए गये लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये योजनांतर्गत कार्य किया जायेगा। इसके लिये सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने स्तर से प्रचार प्रसार कराने को कहा गया है। ताकि, अधिक से अधिक लोग इस एनसीडी स्क्रीनिंग का लाभ उठा सकें। साथ ही, आजादी का अमृत महोत्सव का प्रचार-प्रसार भी कराया जायेगा। उन्होंने बताया, एनसीडी बीमारी 30 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्तियों में होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में इस आयुवर्ग ऊपर के संभावित पीड़ितों का स्क्रीनिंग कर उनका फेमिली फोल्डर भरा जायेगा। फेमिली फोल्डर को एनसीडी पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।

अमृत महोत्सव के दौरान जिले के 46 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एमसीडी स्क्रीनिंग का होगा आयोजन

कोविड टीकाकरण की लक्ष्य पूर्ति के लिये ‘हर घर दस्तक’ के तहत शुरू होगा सर्वे



- टीका से वंचित व दूसरी डोज लेने वाले लोगों को चिन्हित करने के लिये 16 से शुरू होगा अभियान

- सर्वे में लगे वेरिफायर्स व फ्रंट लाइन वर्कर्स की टीम को दिया गया प्रशिक्षण

By admin

M v online Bihar news/बक्सर, 15 नवंबर | राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में 18 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण पूर्ण रूप से संपन्न कराने की तैयारी की जा रही है। इस क्रम में जिलास्तर पर तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है। हालांकि, अब तक जिले में छह बार मेगा वैक्सीनेशन कैंप चलाये जा चुके हैं। उसके बावजूद भी कुछ लोग टीका की पहली व दूसरी डोज लेने से वंचित रह गये हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करते हुये टीकाकृत करने के उ्द्देश्य से एक बार फिर सर्वे किया जायेगा। इसके लिये राज्य स्वस्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन के नामित एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने ‘हर घर दस्तक’ के तहत टीका नहीं लेने वाले, पहली डोज लेने वाले और दोनों डोज ले चुके लाभुकों को चिन्हित करते हुये रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। अभियान की शुरुआत 16 से होगी, जो 27 नवंबर तक चलेगी। यह कार्यक्रम 16 से 20 एवं 22 से 27 नवंबर तक चलाया जाएगा।


वेरिफायर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दिया गया प्रशिक्षण : 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, जिले में ‘हर घर दस्तक’ अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से सभी पीएचसी स्तर पर वेरिफायर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को सोमवार को प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें उन्हें सर्वे की बारीकियों से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया, इस अभियान की मदद से स्वास्थ्यकर्मी सुदूरवर्ती तथा दुर्गम क्षेत्रों में घर-घर जाकर आमजन, महिला, वृद्ध, दिव्यांग आदि का कोविड टीकाकृत करने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 125 घरों पर एक मोटरसाइकिल की टीम लगाई गई है, जो सभी घरों में जाकर टीकाकरण के लिए लोगों से बात करेगी। प्रत्येक मोटरसाइकिल पर एक वैरिफायर एवं एक वैक्सीनेटर होगा। टीकाकरण के बाद विवरणी भी भरने का निर्देश दिया गया है। इससे पता चलेगा कि अभी तक कितने लोगों ने पहला एवं दूसरा डोज़ लिया है एवं अभी कितने लोगों को टीकाकरण कराना बाकी है। आंकड़ों के आधार पर वैक्सीनेशन अभियान की योजना बनाई जाएगी। 


रोजना शाम को जिलाधिकारी करेंगे अनुश्रवण :

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, इस अभियान के तहत सभी मोबाइल टीम को मोटरसाइकिल रखना अनिवार्य है। बताया कि टीकाकरण कार्य में लगाए गए तीन मोबाइल  टीमों पर एक सुपरवाइजर को रखा गया है, जो टीम के द्वारा किए गए टीकाकरण कार्यक्रम की देखरेख एवं अनुश्रवण करेंगे। रोजाना शाम को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्य की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया, कार्यक्रम में जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में लगने वाले बाजार और हाट लगने वाले स्थानों पर सत्र स्थलों का संचालन किया जायेगा। साथ ही, वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए जिले में समाज के प्रभावी लोगों जैसे धार्मिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, खेल जगत की हस्तियां, सेना व संबंधित सेवाओं से सेवानिवृत लोग, एनसीसी कैडेट या राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक आदि की मदद ली जाएगी।

कोविड टीकाकरण की लक्ष्य पूर्ति के लिये ‘हर घर दस्तक’ के तहत शुरू होगा सर्वे

 सात नवंबर को चलेगा टीकाकरण का विशेष ड्राइव


60 हजार लोगों को टीकाकृत करने का रखा गया लक्ष्य

सुरक्षित छठ पूजा मनायें, कोरोना का दोनों टीका लगायें’ की थीम पर लोगों को किया जा रहा है जागरूक

सभी प्रखंड मुख्यालय में सुबह 9 से रात 9 बजे तक संचालित किया जायेगा एक सत्र स्थल

By admin

M v onlnebiharnews/बक्सर, 06 नवंबर | पर्व त्यौहारों के अवसर पर जिले में कोरोना का प्रवेश न हो इसके लिये जिला स्वास्थ्य समिति ने कोरोना की जांच के साथ-साथ टीकाकरण के लिये विशेष ड्राइव चलाने की तैयारी कर ली है। सात नवंबर यानी एक बार फिर को एक बार फिर जिले में व्यापक स्तर पर टीकाकरण का विशेष ड्राइव चलाया जायेगा। शनिवार को संचालित होने वाले सत्र स्थलों पर लगभग 60 हजार लोगों को टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिये 500 से भी अधिक सत्र स्थलों को टैग किया जायेगा। जिले में अब तक पांच बार टीकाकरण का महाअभियान चलाया जा चुका है। उसके बावजूद भी कुछ लोग टीका का लाभ लेने से वंचित रह गये है। जिनके लिये छठ पूर्व विशेष ड्राइव चलाने का निर्णय लिया है।


छुटे हुये लोगों को जागरूक करने के लिये गठित हुई बाइक टीम :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, जिले में अब तक टीका से वंचित लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। विशेष ड्राइव के अवसर पर उन लोगों को टीकाकरण के लिये जागरूक करने के लिये प्रत्येक प्रखंड में एक बाइक टीम का गठन किया गया है। जो लोगों को टीका लेने के लिये केंद्रों पर जाने के लिये प्रेरित करेंगे। साथ ही, चलने फिरने में असमर्थ लोगों को टीकाकृत करने के लिये टीका देने वाली टीम से को-ऑडिनेट करेंगे। ताकि, कोई भी इच्छुक लाभार्थी टीका लेने के लाभ से वंचित न रह जाये। उन्होंने बताया, टीकाकरण के महाअभियान 6.0 का संचालन ‘सुरक्षित छठ पूजा मनायें, कोरोना का दोनों टीका लगायें’ की थीम पर किया जायेगा। जिसके लिये सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


प्रत्येक प्रखंड में संचालित होगा एक विशेष सत्र स्थल : 

डॉ. राज किशोर सिंह ने बताया, राज्य सरकार और स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में टीकाकरण अभियान को और भी सुलभ व सुविधाजनक बनाया जा रहा है। ताकि, टीका लेने के लिये लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। जिसको देखते हुये जिले के सभी प्रखंडों में एक विशेष सत्र स्थल का संचालन किया जायेगा। जहां पर सुबह 9 बजे से लेकर रात 9 बजे तक लोग अपनी सुविधा अनुसार टीका ले सकते हैं। उन्होंने कहा, जिन लोगों ने किसी कारण से निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद भी टीके की दूसरी डोज नहीं ली है, वो अपने नजदीकी सत्र स्थल पर जाकर टीका अवश्य लें। ताकि, वह संक्रमण की संभावना व उसके प्रभाव से बच सकें। लेकिन, लोगों को टीका लेने के बाद भी कोरोना के सामान्य नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। लोग पर्व-त्यौहारों के अवसर पर खरीददारी के दौरान मास्क अनिवार्य रूप से पहने और शारीरिक दूरी का पालन करें।

सात नवंबर को चलेगा टीकाकरण का विशेष ड्राइव

 जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कराया जा रहा है कोविड टीकाकरण 



•नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर लाभुकों को लगाया जा रहा टीका

•आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का लिया जा रहा सहयोग 

बक्सर/ 5 अक्टूबर- 6 माह 6 करोड़ लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिले में कोविड टीकाकरण का कार्य लगातार चल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के लाभार्थियों को टीकाकृत करने के लिए नजदीकी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किया जा रहा है. आंगनवाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं द्वारा समुदाय को अधिक से अधिक संख्या में आगे आकर टीका लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा केंद्र पर आयोजित होने वाले नियमित कार्यक्रमों जैसे गोदभराई, अन्नप्रासन एवं ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर भी लाभार्थियों को आगे आकर टीका लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

आंगनवाड़ी केंद्र पर लाभुकों को लगाया जा रहा टीका:

जिला के डुमराव प्रखंड के पूर्वी पासवान टोला स्थित आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 47 की सेविका लीलावती देवी ने बताया केंद्र में टीकाकरण सत्र आयोजित होने से लाभुकों को सुविधा हुई है. केंद्र में आने वाले लाभुकों को यह एहसास हो चुका है कि स्वास्थ्य विभाग उन्हें टीका के सुरक्षा चक्र में लाने के लिए लगातार सुविधाओं का विस्तार कर रहा है और हमें ज्यादा से ज्यादा की संख्या में आगे आकर टीका लगवाना है. कार्यकर्ताओं द्वारा द्वितीय डोज से वंचित लाभुकों को अपना दूसरा डोज लेने के लिए उत्साहित और प्रेरित किया जा रहा है.


लाभार्थियों में टीकाकरण को लेकर देखा जा रहा उत्साह:

पूर्वी पासवान टोला निवासी खुशबू कुमारी ने बताया घर के नजदीक टीकाकरण की सुविधा पाकर बहुत राहत महसूस हुई है. आज मैंने भी अपना कोविड टीकाकरण कराया और घर के सभी योग्य सदस्यों को टीका लेने के लिए भेजूंगी. 

पूर्वी पासवान टोला निवासी फूल कुमारी ने बताया पहले कोविड का टीका लेने को लेकर मन में कई तरह का संशय और भय व्याप्त था. सेविका दीदी ने बताया कि उन्होंने कोविड का दोनों टीका लिया है और इससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई है. उन्होंने मुझे समझाया कोविड सुरक्षा मानकों के पालन के साथ टीकाकरण संक्रमण से बचाव का सबसे सशक्त जरिया है इसलिए मैंने आज केंद्र पर आयोजित सत्र में आकर टीका लगवाया है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का लिया जा रहा सहयोग:

यूएनडीपी के वैक्सीन कोल्ड चेन मेनेजर मनीष कुमार सिन्हा ने बताया 6 तथा 8, 9 एवं 11 अक्टूबर को कोविड- 19 टीकाकरण के अभियान के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण पर फोकस रखने का निर्देश प्राप्त हुआ है. इसके लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किया जा रहा है. सेकंड डोज से वंचित लाभार्थियों के टीकाकरण पर ख़ास ध्यान दिया जा रहा है.

जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कराया जा रहा है कोविड टीकाकरण

 वैक्सीन के साथ साथ मास्क और शारीरिक दूरी ही कोविड-19 के खिलाफ होंगे हथियार


पर्व त्यौहारों के आगमन के साथ साथ जिले में कोरोना संक्रमण की संभावना प्रबल

• सिविल सर्जन ने की जिले के लोगों से अनिवार्य रूप से वैक्सीन लेने की अपील

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 29 सितम्बर | जिले में पर्व त्यौहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है, जो अगले एक से डेढ़ माह तक चलता रहेगा। लेकिन, इसके साथ-साथ जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार की संभावना तेजी से बढ़ती जा रही है। सूबे के कुछ जिलों के साथ अन्य राज्यों में बीते दिनों कोरोना के मरीजों की पुष्टि हुई है। जो हम सब के लिए चिंता का विषय है। आगामी कुछ दिनों में शारदीय नवरात्रि, दीपावली और छठ का चार दिवसीय महानुष्ठान भी शुरू होने वाला है। जिसको लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। हालांकि, राज्य गृह विभाग ने भी इस संबंध में जिला प्रशासन व लोगों के लिए गाइडलाइन्स जारी नहीं किये है। उसके बावजूद जिला स्वास्थ्य समिति ने अभी से लोगों को जागरूक करने और समय से पहले उन्हें कोविड-19 के टीके लेने के लिए प्रेरित करने का काम शुरू कर दिया है। ताकि, लोगों को जागरूकता के साथ साथ अपने दायित्वों का बोध हो और वे टीका लेकर स्वयं और अपने परिजनों को संक्रमण के प्रभाव से बचा सकें।


अपनी नहीं तो अपनों की फिक्र करें लोग :

सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया, सूबे के जिलों में धीरे धीरे ही सही लेकिन कोरोना वायरस का प्रसार होने लगा है। हालांकि, संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर लोगों टीकाकृत किया जा रहा है। लेकिन, अभी भी 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर-किशोरियों और बच्चों को टीका नहीं लगा है। जो सबसे बड़ी चिंता है। ऐसे में लोगों को कोविड-19 के सामान्य नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह है कि लोग बिना मास्क के घरों से बाहर न निकलें। यदि उन्हें अपनी चिंता नहीं है, तो कम से कम अपनों की चिंता अवश्य करें।

खरीदारी के दौरान करें नियमों का पालन :

सिविल सर्जन डॉ. नाथ ने बताया, वैक्सीन के साथ साथ मास्क और शारीरिक दूरी ही कोविड-19 के खिलाफ हथियार होंगे। इसलिए सभी लोग अनिवार्य रूप से वैक्सीन जरूर लें और मास्क लगाने के साथ साथ कोविड-19 के नियमों का पालन करें। उन्होंने बताया, पर्व-त्यौहारों में लोगों को खरीदारी के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में लोगों को मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करना बेहद जरूरी है। लोगों को साथ इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि वे जिस दुकान से वह सामान ले रहे हैं, वहां दुकानदार ने मास्क व ग्लब्स पहन रखा हो और वह सैनिटाइजर का प्रयोग करता हो। जो भी दुकानदार इन मानकों का प्रयोग न करता हो, उसके यहां से सामान न लें। ऐसा करने से आपके संक्रमित होने की संभावना कम रहेगी। वहीं, भीड़भाड़ वाली दुकानों में बिल्कुल भी प्रवेश न करें।


कोविड के इन नियमों का करना पालन जरूरी :

• बिना मास्क व फेसकवर के घर से बाहर न निकलें

• किसी से मिलने या बात करने के दौरान दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें

• बेवजह भीड़भाड़ के इलाकों में जाने से बचें

• नियमित अंतराल पर साबुन से अच्छे से हाथ धोएं

• घर से बाजार जाने के दौरान अपने हाथ में अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर अवश्य रखें

वैक्सीन के साथ साथ मास्क और शारीरिक दूरी ही कोविड-19 के खिलाफ होंगे हथियार

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