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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर होगी अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था



- बाढ़ की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

- जिले में जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अभी से तैयारी शुरू करने का दिया निर्देश

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 12 मई | जिला समेत पूरे राज्य में प्री-मानसून के कारण बीते दिन बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग ने इस बार मई में मानसून के आने की संभावना जताई है। जिसके कारण बाढ़ नियंत्रण विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू करने में जुट गए है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लेने के निर्देश दिए हैं। जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों को रोकने की तैयारी में जुट गया है। ताकि, बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और दवाइयां आसानी से उपलब्ध कराई जा सके। 


नौका अस्पताल में होगी समुचित व्यवस्था :

जिले में बाढ़ आने के पहले ही तमाम तैयारियां पूरी कर लेनी है। ताकि, बाढ़ आने पर प्रभावित इलाके के लोगों को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। साथ ही, नौका अस्पताल के संचालन को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था रहेगी। जिसके माध्यम से बाढ़ के कारण सड़क का सम्पर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, इस दौरान लोगों को कोरोना गाइडलाइन के तहत मास्क, सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर का उपयोग और कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाएगी।  


अनुभव के आधार पर चिन्हित किए जायेंगे बीमारियों के संभावित क्षेत्र :

पत्र में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित महामारी रोकथाम समिति को बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिह्नित करने को कहा गया है। साथ ही, जिलाधिकारी के अधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग बनाने का निर्देश दिया गया है। उसी तरह से सिविल सर्जन के आधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग भी बनाया जाएगा। क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी महामारी के समय में प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधी किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करेंगे। सबसे जरूरी बात यह है कि बाढ़ की तैयारियों से लेकर प्रबंधन तक कोरोना के सामान्य नियमों का पालन करने और लोगों को इसके पालन के लिए जागरूक करने की सलाह दी गई है।


प्रभावित इलाकों में गर्भवती महिलाओं को किया जायेगा चिन्हित :

बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों प्रसव सेवाओं के अलावा अन्य सेवाएं जैसे नियमित टीकाकरण, ओपीडी आदि को सुचारू रखा जाएगा। इसके लिए सबसे पहले प्रभावित इलाकों की गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। ताकि, गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से करके डिलीवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था की जा सके। साथ ही, सभी अस्पतालों में चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन किया जाएगा। जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर हो सके।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर होगी अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नौका पर होगी अस्थायी अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था



- बाढ़ की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

- जिले में जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अभी से तैयारी शुरू करने का दिया निर्देश

By amit kumar

M v online bihar news/बक्सर, 12 मई | जिला समेत पूरे राज्य में प्री-मानसून के कारण बीते दिन बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग ने इस बार मई में मानसून के आने की संभावना जताई है। जिसके कारण बाढ़ नियंत्रण विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू करने में जुट गए है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न होने वाली जलजनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लेने के निर्देश दिए हैं। जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग संभावित बाढ़ व उससे उत्पन्न जलजनित बीमारियों को रोकने की तैयारी में जुट गया है। ताकि, बाढ़ प्रभावित इलाकों में इलाज और दवाइयां आसानी से उपलब्ध कराई जा सके। 


नौका अस्पताल में होगी समुचित व्यवस्था :

जिले में बाढ़ आने के पहले ही तमाम तैयारियां पूरी कर लेनी है। ताकि, बाढ़ आने पर प्रभावित इलाके के लोगों को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। साथ ही, नौका अस्पताल के संचालन को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। नौका पर अस्थाई अस्पताल और औषधालय की व्यवस्था रहेगी। जिसके माध्यम से बाढ़ के कारण सड़क का सम्पर्क टूट जाने और जलजमाव वाले इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, इस दौरान लोगों को कोरोना गाइडलाइन के तहत मास्क, सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर का उपयोग और कोरोना की जांच कराने की सलाह दी जाएगी।  


अनुभव के आधार पर चिन्हित किए जायेंगे बीमारियों के संभावित क्षेत्र :

पत्र में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित महामारी रोकथाम समिति को बाढ़ और जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिह्नित करने को कहा गया है। साथ ही, जिलाधिकारी के अधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग बनाने का निर्देश दिया गया है। उसी तरह से सिविल सर्जन के आधीन बाढ़ नियत्रंण अनुश्रवण कोषांग भी बनाया जाएगा। क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी महामारी के समय में प्रभावित क्षेत्रों का सघन भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधी किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करेंगे। सबसे जरूरी बात यह है कि बाढ़ की तैयारियों से लेकर प्रबंधन तक कोरोना के सामान्य नियमों का पालन करने और लोगों को इसके पालन के लिए जागरूक करने की सलाह दी गई है।


प्रभावित इलाकों में गर्भवती महिलाओं को किया जायेगा चिन्हित :

बाढ़ के दौरान प्रभावित इलाकों प्रसव सेवाओं के अलावा अन्य सेवाएं जैसे नियमित टीकाकरण, ओपीडी आदि को सुचारू रखा जाएगा। इसके लिए सबसे पहले प्रभावित इलाकों की गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। ताकि, गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से करके डिलीवरी किट्स और मैटरनिटी हब की व्यवस्था की जा सके। साथ ही, सभी अस्पतालों में चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन किया जाएगा। जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर हो सके।