anish उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र - . "body"

    hedar kana

     Mvonlinebiharnews-के google पेज पर आप सभी का स्वागत है विज्ञापन या खबर देने के लिए संपर्क करे 7050488221

     

 उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र


- डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में निकली गई रैली

- शिविर लगाकर लोगों डेंगू से निपटने की दी गई जानकारी

By admin

M v online bihar news/बक्सर, राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले के राजपुर, इटाढ़ी और डुमरांव प्रखंड में जागरूकता रैली निकाली गई। वहीं, कई स्थानों पर शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करते हुए उससे बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोलर ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू एक गंभीर बीमारी है। प्रतिवर्ष लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। कई मामलों में डेंगू जानलेवा भी साबित हुई है। खासतौर से बारिश के सीजन में यह बीमारी अधिक प्रभाव कारी रहती है। डेंगू के लारवा पानी में पनपते हैं। बरसात के सीजन में जगह-जगह जलभराव होने के कारण इस बीमारी को फैलने की प्रबल आशंका रहती है। लेकिन, उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है। जिसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा।


डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, 16 मई को हर साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मच्छर से जनित बीमारी और इसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने की एक पहल है। डेंगू बुखार एक विश्वव्यापी और क्षेत्रीय ख़तरा बना हुआ है। उन्होंने बताया, डेंगू के बुखार को अक्सर हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह संक्रमण मच्छरों से फैलता है, जो गंभीर फ्लू जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह चार अलग-अलग वायरस के कारण होता है और एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर पीला बुखार, ज़ीका वायरस और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं।


डेंगू के लक्षण :

यह लक्षण डेंगू वायरस के कारण होता है। ऐसे में इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। इसके लक्षण निम्न प्रकार के हैं :

- किसी व्यक्ति के सिर और जोड़ों में तेज दर्द होना

- संक्रमित व्यक्ति को बुखार हो जाना

- मांसपेशियों व शरीर में तेज दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की आंखों में दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की रैशेज की समस्या हो जाना

- व्यक्ति का जी मिचलाना या उल्टी की समस्या होना

बचाव के उपायों को समझे :

यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति इस बीमारी के परिणामों और इससे पीड़ित होने से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों को समझे। डेंगू को रोकने में समुदाय का प्रत्येक सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डेंगू के मच्छर दिखने में सामान्य मच्छरों से कुछ अलग होते हैं। इसके शरीर पर तेंदुए जैसी धारियां दिखाई देती हैं। बरसात के मौसम में डेंगू अधिक तेज़ी से फैलता है। मई का महीना कुछ ही दिनों में ख़त्म होने वाला है, इसलिए हमें जून के महीने से भारत में शुरू होने वाले बरसात के मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए।

ऐसे करें डेंगू से बचाव : 

- अपने घर के अंदर या आसपास मच्छरों को पनपने ना दें

- अपने घर में गंदा पानी जमा ना होने दें

- छत पर भी अगर गमले या किसी अन्य चीज में पानी भरा हुआ है तो उसे तुरंत फेंक दें

- कूलर, मनी प्लांट के गमले आदि की नियमित सफाई करें

उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र

 उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है : डॉ. शैलेंद्र


- डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में निकली गई रैली

- शिविर लगाकर लोगों डेंगू से निपटने की दी गई जानकारी

By admin

M v online bihar news/बक्सर, राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले के राजपुर, इटाढ़ी और डुमरांव प्रखंड में जागरूकता रैली निकाली गई। वहीं, कई स्थानों पर शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करते हुए उससे बचाव की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोलर ऑफिसर डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, डेंगू एक गंभीर बीमारी है। प्रतिवर्ष लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। कई मामलों में डेंगू जानलेवा भी साबित हुई है। खासतौर से बारिश के सीजन में यह बीमारी अधिक प्रभाव कारी रहती है। डेंगू के लारवा पानी में पनपते हैं। बरसात के सीजन में जगह-जगह जलभराव होने के कारण इस बीमारी को फैलने की प्रबल आशंका रहती है। लेकिन, उचित प्रबंधन व इलाज के माध्यम से डेंगू को खत्म किया जा सकता है। जिसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा।


डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, 16 मई को हर साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मच्छर से जनित बीमारी और इसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने की एक पहल है। डेंगू बुखार एक विश्वव्यापी और क्षेत्रीय ख़तरा बना हुआ है। उन्होंने बताया, डेंगू के बुखार को अक्सर हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह संक्रमण मच्छरों से फैलता है, जो गंभीर फ्लू जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह चार अलग-अलग वायरस के कारण होता है और एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर पीला बुखार, ज़ीका वायरस और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं।


डेंगू के लक्षण :

यह लक्षण डेंगू वायरस के कारण होता है। ऐसे में इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। इसके लक्षण निम्न प्रकार के हैं :

- किसी व्यक्ति के सिर और जोड़ों में तेज दर्द होना

- संक्रमित व्यक्ति को बुखार हो जाना

- मांसपेशियों व शरीर में तेज दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की आंखों में दर्द महसूस करना

- संक्रमित व्यक्ति की रैशेज की समस्या हो जाना

- व्यक्ति का जी मिचलाना या उल्टी की समस्या होना

बचाव के उपायों को समझे :

यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति इस बीमारी के परिणामों और इससे पीड़ित होने से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों को समझे। डेंगू को रोकने में समुदाय का प्रत्येक सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। डेंगू के मच्छर दिखने में सामान्य मच्छरों से कुछ अलग होते हैं। इसके शरीर पर तेंदुए जैसी धारियां दिखाई देती हैं। बरसात के मौसम में डेंगू अधिक तेज़ी से फैलता है। मई का महीना कुछ ही दिनों में ख़त्म होने वाला है, इसलिए हमें जून के महीने से भारत में शुरू होने वाले बरसात के मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए।

ऐसे करें डेंगू से बचाव : 

- अपने घर के अंदर या आसपास मच्छरों को पनपने ना दें

- अपने घर में गंदा पानी जमा ना होने दें

- छत पर भी अगर गमले या किसी अन्य चीज में पानी भरा हुआ है तो उसे तुरंत फेंक दें

- कूलर, मनी प्लांट के गमले आदि की नियमित सफाई करें