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समाहरणालय में धूमधाम से मना हिंदी दिवस, मौजूद रही सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS

बक्सर : समाहरणालय में आज हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिले के कई अधिकारी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विशेष उपस्थिति सोशल एक्टिविस्ट सह भाजपा नेत्री वर्षा पांडेय वर्षा पांडेय की रही, जिन्होंने हिंदी भाषा के महत्व और उसके संरक्षण पर अपने विचार रखी। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी भाषा की समृद्ध परंपरा, साहित्यिक महत्व और इसे जन-जन की भाषा बनाए रखने की जिम्मेदारी पर चर्चा की।

सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय ने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी हमारी पहचान और हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसे केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा मानकर आगे बढ़ाने की जरूरत है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिंदी को डिजिटल और आधुनिक माध्यमों में अधिक से अधिक प्रयोग करें ताकि इसका महत्व और भी बढ़ सके। आज की युवा पीढ़ी को अंग्रेज़ी के आकर्षण से ऊपर उठकर हिंदी को गर्व और आत्मविश्वास के साथ अपनाने की आवश्यकता है। हिंदी को अपनाना किसी भाषा का विरोध नहीं बल्कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संकल्प है।

साहित्यकार की है जन्मभूमि 

उन्होंने इस अवसर पर याद दिलाते हुए कहा कि बक्सर, जो सुप्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य शिवपूजन सहाय की जन्मभूमि है, यहाँ उनके नाम पर एक भव्य हिंदी ग्रंथालय की स्थापना के लिए प्रयास किए जाए। इस ग्रंथालय में बिहार सहित देश के प्रख्यात साहित्यकारों और कवियों की रचनाओं का संग्रह होगा, ताकि नई पीढ़ी को ज्ञान, साहित्य और संस्कृति से जोड़कर हिंदी के महत्व का बोध कराया जा सके ।


समाहरणालय में धूमधाम से मना हिंदी दिवस, मौजूद रही सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय

समाहरणालय में धूमधाम से मना हिंदी दिवस, मौजूद रही सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय

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बक्सर : समाहरणालय में आज हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिले के कई अधिकारी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विशेष उपस्थिति सोशल एक्टिविस्ट सह भाजपा नेत्री वर्षा पांडेय वर्षा पांडेय की रही, जिन्होंने हिंदी भाषा के महत्व और उसके संरक्षण पर अपने विचार रखी। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी भाषा की समृद्ध परंपरा, साहित्यिक महत्व और इसे जन-जन की भाषा बनाए रखने की जिम्मेदारी पर चर्चा की।

सोशल एक्टिविस्ट वर्षा पांडेय ने अपने संबोधन में कहा, “हिंदी हमारी पहचान और हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसे केवल बोलचाल की भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा मानकर आगे बढ़ाने की जरूरत है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिंदी को डिजिटल और आधुनिक माध्यमों में अधिक से अधिक प्रयोग करें ताकि इसका महत्व और भी बढ़ सके। आज की युवा पीढ़ी को अंग्रेज़ी के आकर्षण से ऊपर उठकर हिंदी को गर्व और आत्मविश्वास के साथ अपनाने की आवश्यकता है। हिंदी को अपनाना किसी भाषा का विरोध नहीं बल्कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संकल्प है।

साहित्यकार की है जन्मभूमि 

उन्होंने इस अवसर पर याद दिलाते हुए कहा कि बक्सर, जो सुप्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य शिवपूजन सहाय की जन्मभूमि है, यहाँ उनके नाम पर एक भव्य हिंदी ग्रंथालय की स्थापना के लिए प्रयास किए जाए। इस ग्रंथालय में बिहार सहित देश के प्रख्यात साहित्यकारों और कवियों की रचनाओं का संग्रह होगा, ताकि नई पीढ़ी को ज्ञान, साहित्य और संस्कृति से जोड़कर हिंदी के महत्व का बोध कराया जा सके ।