anish हिंदी दिवस पर समाहरणालय में हुआ कार्यक्रम, अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने दिया हिंदी के प्रचार-प्रसार का संदेश - . "body"

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हिंदी दिवस पर समाहरणालय में हुआ कार्यक्रम,अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने दिया हिंदी के प्रचार-प्रसार का संदेश

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS

बक्सर :- समाहरणालय परिसर में आज हिंदी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के अधिकारियों, कर्मियों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया और हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद अधिकारियों ने हिंदी भाषा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, पहचान और गौरव की प्रतीक है.

हिंदी दिवस के इस अवसर पर अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह के द्वारा जिलेवासियों एवं सभाकक्ष में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय एकता की सशक्त कड़ी है। यह केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं और पहचान की अभिव्यक्ति है।

बिहार में राजभाषा के रूप में हिंदी हमारे सरकारी कामकाज की आधारभूत भाषा है। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी अपने दैनिक कार्यों और प्रशासनिक दायित्वों में गर्वपूर्वक हिंदी का प्रयोग करें आइए, हम यह संकल्प लें कि हम हिंदी को सम्मान दें, इसे आत्मविश्वास के साथ अपनाएँ और नई पीढ़ी तक इसकी शक्ति पहुँचाएँ। यही हिंदी दिवस मनाने की सार्थकता है।"

बताते चलें कि 

14 सितम्बर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया था। इसलिए प्रत्येक वर्ष हम 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान तथा जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। हमारे विशाल और बहुभाषी राष्ट्र के नागरिकों एवं राज्यवासियों को एक मंच पर लाने में संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी-भाषा का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बिहार हिन्दी भाषी राज्य है और यहाँ 1950 से ही राजभाषा अधिनियम लागू है। राजभाषा के रूप में हिन्दी सरकारी कामकाज की भाषा है। सरकार का दृढ़ निश्चय है कि शासन के सभी स्तरों पर हिन्दी का पूर्ण प्रयोग किया जाय।

इस अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध जनों के द्वारा अपने-अपने विचारों को रखा गया। जिनके नाम इस प्रकार से हैं:-

श्री धुन लाल प्रेमातुर सेवानिवृत शिक्षक

डॉ शशांक शेखर अध्यक्ष पत्रकार संघ 

श्रीमती वर्षा पांडे सामाजिक कार्यकर्ता

श्री विजय शंकर मिश्रा पूर्व प्रधानाध्यापक एमपी स्कूल

विमल शिक्षक लाखन डिहरा

श्री अनुराग मिश्रा प्रधानाध्यापक

शर्मा परवीन शिक्षक

शुभ नारायण पाठक पत्रकार दैनिक जागरण

निधि कुमारी वूशु खिलाड़ी

डॉ श्री निवास चतुर्वेदी 

डॉ रासबिहारी शर्मा

सावित्री सिंह शिक्षक

अनीता सिंह शिक्षक 

डॉ विमलेश कुमार सिंह 

धनंजय कुमार प्रधानाध्यापक 

हेमंत चौबे 

कार्यक्रम का संचालन सामान्य शाखा प्रभारी वरीय उप समाहर्ता बक्सर श्री आदित्य कुमार के द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में श्री विद्यानाथ पासवान जिला पंचायती राज पदाधिकारी बक्सर के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी बक्सर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बक्सर, वरीय उप समाहर्ता बक्सर एवं सामान्य शाखा के सभी कर्मचारीगण उपस्थित थे।

हिंदी दिवस पर समाहरणालय में हुआ कार्यक्रम, अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने दिया हिंदी के प्रचार-प्रसार का संदेश

हिंदी दिवस पर समाहरणालय में हुआ कार्यक्रम,अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने दिया हिंदी के प्रचार-प्रसार का संदेश

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बक्सर :- समाहरणालय परिसर में आज हिंदी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के अधिकारियों, कर्मियों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया और हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद अधिकारियों ने हिंदी भाषा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, पहचान और गौरव की प्रतीक है.

हिंदी दिवस के इस अवसर पर अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह के द्वारा जिलेवासियों एवं सभाकक्ष में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय एकता की सशक्त कड़ी है। यह केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं और पहचान की अभिव्यक्ति है।

बिहार में राजभाषा के रूप में हिंदी हमारे सरकारी कामकाज की आधारभूत भाषा है। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी अपने दैनिक कार्यों और प्रशासनिक दायित्वों में गर्वपूर्वक हिंदी का प्रयोग करें आइए, हम यह संकल्प लें कि हम हिंदी को सम्मान दें, इसे आत्मविश्वास के साथ अपनाएँ और नई पीढ़ी तक इसकी शक्ति पहुँचाएँ। यही हिंदी दिवस मनाने की सार्थकता है।"

बताते चलें कि 

14 सितम्बर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया था। इसलिए प्रत्येक वर्ष हम 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान तथा जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। हमारे विशाल और बहुभाषी राष्ट्र के नागरिकों एवं राज्यवासियों को एक मंच पर लाने में संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी-भाषा का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बिहार हिन्दी भाषी राज्य है और यहाँ 1950 से ही राजभाषा अधिनियम लागू है। राजभाषा के रूप में हिन्दी सरकारी कामकाज की भाषा है। सरकार का दृढ़ निश्चय है कि शासन के सभी स्तरों पर हिन्दी का पूर्ण प्रयोग किया जाय।

इस अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध जनों के द्वारा अपने-अपने विचारों को रखा गया। जिनके नाम इस प्रकार से हैं:-

श्री धुन लाल प्रेमातुर सेवानिवृत शिक्षक

डॉ शशांक शेखर अध्यक्ष पत्रकार संघ 

श्रीमती वर्षा पांडे सामाजिक कार्यकर्ता

श्री विजय शंकर मिश्रा पूर्व प्रधानाध्यापक एमपी स्कूल

विमल शिक्षक लाखन डिहरा

श्री अनुराग मिश्रा प्रधानाध्यापक

शर्मा परवीन शिक्षक

शुभ नारायण पाठक पत्रकार दैनिक जागरण

निधि कुमारी वूशु खिलाड़ी

डॉ श्री निवास चतुर्वेदी 

डॉ रासबिहारी शर्मा

सावित्री सिंह शिक्षक

अनीता सिंह शिक्षक 

डॉ विमलेश कुमार सिंह 

धनंजय कुमार प्रधानाध्यापक 

हेमंत चौबे 

कार्यक्रम का संचालन सामान्य शाखा प्रभारी वरीय उप समाहर्ता बक्सर श्री आदित्य कुमार के द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में श्री विद्यानाथ पासवान जिला पंचायती राज पदाधिकारी बक्सर के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी बक्सर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बक्सर, वरीय उप समाहर्ता बक्सर एवं सामान्य शाखा के सभी कर्मचारीगण उपस्थित थे।