एफपीओ के गठन एवं फायदे' विषयक कार्यशाला 14 को जाने कहां लगेगा
BY ADMIN
M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर/सिमरी : किसान उत्पादक संघ (एफपीओ ) के गठन एवं इसके फायदे विषयक एक कार्यशाला 14 जनवरी को बड़कासिंहनपुरा स्थित पंचायत भवन में 11 बजे से आयोजित की जाएगी। धर्मेंद्र उपाध्याय एवं सुरेश सिंह इसमें मुख्य वक्ता होंगे। कार्यक्रम का आयोजन विकास परिषद - बड़कासिंहनपुरा के तत्वावधान में किया जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष हेमचंद ओझा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संघ ) का गठन राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से किया जाता है।
इसका स्वरूप एक कंपनी का होता है। इससे जुड़ते ही किसानों के उत्पादों पर कंपनी की मुहर लग जाती है। इसका फायदा यह कि किसान कहीं भी अपना उत्पाद बेचने में सक्षम हो जाते हैं।
कार्यशाला के अतिथि वक्ता सुरेश सिंह बक्सर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के चेयरमैन हैं जबकि धर्मेंद्र उपाध्याय एमएमकेएस प्रोड्यूसर कंपनी के चेयरमैन हैं। सुरेश सिंह को नाबार्ड की ओर से सर्वश्रेष्ठ एफपीओ संचालन के लिए प्रथम पुरस्कार म्ल चुका है । वे 10 हजार से अधिक किसानों के सहयोग से एफपीओ का संचालन कर रहे हैं। इस एफपीओ का टर्नओवर करीब चार करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। इसी तरह से धर्मेंद्र उपाध्याय को भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।
दोनों वक्ता लंबे समय से एफपीओ चला रहे हैं , और इनसे जुड़कर हजारों किसान नये - नये उत्पाद बना रहे हैं, और नाबार्ड के सहयोग से इसे बेचकर आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे हैं। हेमचंद ओझा ने कहा है कि दोनों वक्ता एफपीओ के गठन और फायदे विषय पर अपना- अपना व्याख्यान देंगे। साथ ही अगर कोई इनके एफपीओ से जुड़ना चाहेगा तो आन द स्पॉट उन्हें मेम्बरशिप भी प्रदान करेंगे।
हेमचंद ओझा ने कहा है कि वर्तमान में गांव में सत्तू, बेसन, पापड़ , बड़ी, अचार , तिसौरी, बड़ी सहित धनिया, गोलमिर्च, हल्दी, लालमिर्च पाउडर, पत्तल आदि का निर्माण तो हो रहा है लेकिन किसी कंपनी का उत्पाद न होने के कारण इनकी बिक्री गांव से बाहर नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा है कि विकास परिषद की यह कोशिश है कि एफपीओ का गठन कर इन उत्पादों को हर शहर में बिकने के लिए भेजा जाए जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके। इसी क्रम में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।