anish समोसे लाओ, प्रायोगिक परीक्षा में नंबर पाओ हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था..... - . "body"

    hedar kana

     Mvonlinebiharnews-के google पेज पर आप सभी का स्वागत है विज्ञापन या खबर देने के लिए संपर्क करे 7050488221

     

 


 

 

समोसे लाओ, प्रायोगिक परीक्षा में नंबर पाओ हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था.....


.बिना समोसे का नहीं मिलेगा नंबर लाना होगा 6 समोसे तब हो जाओगे तुम पास


.महिलाओं की बात करने वाला महिला कॉलेज की है यह घटना


By admin

M v online bihar news/बक्सर/डुमरांव:- आप समझते होंगे की बिहार में शिक्षा का स्तर क्या है। लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटी की बात करें तो उसके भी करनामो से आप रूबरू जरूर होंगे। चलिए आज आपको हम लेकर चलते हैं, बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल के उस महाविद्यालय में जहां महिलाओं की बात होती है। जी हां वह कोई और कॉलेज नहीं बल्कि सुमित्रा महिला महाविद्यालय है। जहां B.A/B.S.C part-1 HONOUR का practical (प्रायोगिक) परीक्षा हो रहा था। जो 25/04/2022 से चल रहा था।


उसी क्रम में आज परीक्षा हॉल में बैठे हुए अभ्यार्थियों से उसी कॉलेज की शिक्षिकाओं के द्वारा 6 समोसे और स्प्राइट तथा नमकीन की मांग की गई। यह पढ़ कर आपको भी ताज्जुब हुआ होगा की आखिर क्यों मांगी गई समोसे और स्प्राइट तथा नमकीन तो जानिए। जब परीक्षा हॉल में उपस्थित शिक्षिका के द्वारा समोसे की मांग की गई, उसके बाद परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों ने पूछा की समोसे स्प्राइट तथ नमकीन क्यों ? तो शिक्षिकाओं के द्वारा यह जवाब मिला कि अगर आप समोसे, नमकीन तथा स्प्राइट नहीं लाते हैं, तो आपको नंबर नहीं मिलेगा। इसकी सूचना जैसे ही मीडिया कर्मियों को मिली तो कॉलेज में पहुंच इस बात का पता लगाना शुरू कर दिए तभी अचानक एक रूम में देखा गया कि बाहर तक परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों का लाइन लगा हुआ है, और साथ ही हाथ में समोसे,स्प्राइट नमकीन,बिस्किट की थैली लटकी हुई है। हालांकि जब मीडिया कर्मियों ने उस रूम में बैठी शिक्षिका से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताने से इंकार कर दि, लेकिन आप नीचे लगी हुई तस्वीर में साफ तौर से देख सकते हैं, कि किस तरीके से समोसे बिस्किट प्रयोग पुस्तिका के बगल में रखी गई है, दुबार पूछा गया कि आखिर यह समोसे,स्प्राइट,बिस्किट और नमकीन क्यों, लेकिन कुछ जवाब नहीं मिला बल्कि शिक्षिकाओं के द्वारा मीडिया कर्मियों को बरगलाने की कोशिश की गई, और आग बबूला हो उठी। वही यह कहां गया की बच्चियों से मांगा नहीं गया है। खुद लाकर दे रही है।

लेकिन परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों का साफ तौर से यह कहना था, कि अगर हम कॉपी बिना समोसे या बीना स्प्राइट का जमा करने गए तो नहीं ली गई। जैसे ही समोसे के साथ कॉपी जमा करने गई तो बेहिचक मेरे नाम के आगे टिक लगाकर मेरी कॉपी रख ली गई। बड़ा सवाल यह हो रहा है कि जिसके पास पैसे नहीं होता और जो समोसे नहीं ला करके देता तो क्या वह इस परीक्षा में फेल हो जाता ? बताते चलें कि जो तस्वीर में शिक्षिका दिखाई दे रही है उनका नाम तो मुझे पता नहीं बल्कि इन्हीं के द्वारा यह बात कह करके समोसे की मांग की जा रही थी। यही है बिहार की शिक्षा व्यवस्था समोसे लाओ तभी नंबर अच्छा मिलेगा और तुम पास हो जाओगे। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि बच्चे खुद लाकर समोसा दिए हैं या शिक्षिका मांगी है।

समोसे लाओ, प्रायोगिक परीक्षा में नंबर पाओ हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था.....

समोसे लाओ, प्रायोगिक परीक्षा में नंबर पाओ हाय रे बिहार की शिक्षा व्यवस्था.....


.बिना समोसे का नहीं मिलेगा नंबर लाना होगा 6 समोसे तब हो जाओगे तुम पास


.महिलाओं की बात करने वाला महिला कॉलेज की है यह घटना


By admin

M v online bihar news/बक्सर/डुमरांव:- आप समझते होंगे की बिहार में शिक्षा का स्तर क्या है। लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटी की बात करें तो उसके भी करनामो से आप रूबरू जरूर होंगे। चलिए आज आपको हम लेकर चलते हैं, बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल के उस महाविद्यालय में जहां महिलाओं की बात होती है। जी हां वह कोई और कॉलेज नहीं बल्कि सुमित्रा महिला महाविद्यालय है। जहां B.A/B.S.C part-1 HONOUR का practical (प्रायोगिक) परीक्षा हो रहा था। जो 25/04/2022 से चल रहा था।


उसी क्रम में आज परीक्षा हॉल में बैठे हुए अभ्यार्थियों से उसी कॉलेज की शिक्षिकाओं के द्वारा 6 समोसे और स्प्राइट तथा नमकीन की मांग की गई। यह पढ़ कर आपको भी ताज्जुब हुआ होगा की आखिर क्यों मांगी गई समोसे और स्प्राइट तथा नमकीन तो जानिए। जब परीक्षा हॉल में उपस्थित शिक्षिका के द्वारा समोसे की मांग की गई, उसके बाद परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों ने पूछा की समोसे स्प्राइट तथ नमकीन क्यों ? तो शिक्षिकाओं के द्वारा यह जवाब मिला कि अगर आप समोसे, नमकीन तथा स्प्राइट नहीं लाते हैं, तो आपको नंबर नहीं मिलेगा। इसकी सूचना जैसे ही मीडिया कर्मियों को मिली तो कॉलेज में पहुंच इस बात का पता लगाना शुरू कर दिए तभी अचानक एक रूम में देखा गया कि बाहर तक परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों का लाइन लगा हुआ है, और साथ ही हाथ में समोसे,स्प्राइट नमकीन,बिस्किट की थैली लटकी हुई है। हालांकि जब मीडिया कर्मियों ने उस रूम में बैठी शिक्षिका से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताने से इंकार कर दि, लेकिन आप नीचे लगी हुई तस्वीर में साफ तौर से देख सकते हैं, कि किस तरीके से समोसे बिस्किट प्रयोग पुस्तिका के बगल में रखी गई है, दुबार पूछा गया कि आखिर यह समोसे,स्प्राइट,बिस्किट और नमकीन क्यों, लेकिन कुछ जवाब नहीं मिला बल्कि शिक्षिकाओं के द्वारा मीडिया कर्मियों को बरगलाने की कोशिश की गई, और आग बबूला हो उठी। वही यह कहां गया की बच्चियों से मांगा नहीं गया है। खुद लाकर दे रही है।

लेकिन परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों का साफ तौर से यह कहना था, कि अगर हम कॉपी बिना समोसे या बीना स्प्राइट का जमा करने गए तो नहीं ली गई। जैसे ही समोसे के साथ कॉपी जमा करने गई तो बेहिचक मेरे नाम के आगे टिक लगाकर मेरी कॉपी रख ली गई। बड़ा सवाल यह हो रहा है कि जिसके पास पैसे नहीं होता और जो समोसे नहीं ला करके देता तो क्या वह इस परीक्षा में फेल हो जाता ? बताते चलें कि जो तस्वीर में शिक्षिका दिखाई दे रही है उनका नाम तो मुझे पता नहीं बल्कि इन्हीं के द्वारा यह बात कह करके समोसे की मांग की जा रही थी। यही है बिहार की शिक्षा व्यवस्था समोसे लाओ तभी नंबर अच्छा मिलेगा और तुम पास हो जाओगे। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि बच्चे खुद लाकर समोसा दिए हैं या शिक्षिका मांगी है।