anish सिमरी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि दिलाने तक की जा रही पैसों की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश - . "body"

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सिमरी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि दिलाने तक की जा रही पैसों की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश

BY ADMIN 

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बक्सर, सिमरी –: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसे जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेने के लिए सिमरी प्रखंड के गरीब और जरूरतमंद लोग जहां उम्मीद लगाए बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि स्वीकृत कराने तक कथित तौर पर अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वार्ड सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि और कुछ दलालों द्वारा आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने के नाम पर 5,00 से लेकर 10,00 रुपये तक की मांग की जा रही है। वहीं, जिनका नाम पहले से सूची में है, उनसे राशि जारी करवाने के लिए भी घूस मांगी जा रही है।

गरीबों की पीड़ा: "आवास के लिए कर्ज लेकर भी रिश्वत दें?"

सिमरी के एक ग्रामीण ने बताया, “मेरा नाम लिस्ट में तो है, लेकिन पैसा निकालने के लिए गाव पर आए सहाब ने हमसे बोले कि बिना कुछ दिए काम नहीं होगा। तो हमने कहा कि हम गरीब लोग पहले ही मजदूरी कर घर बनाते हैं, अब ऊपर से रिश्वत कहां से दें?”
एक अन्य महिला लाभार्थी ने बताया कि "अगर पैसा नहीं दिया, तो नाम काट देने की धमकी दी जाती है।" कई लोगों ने यह भी बताया कि योजना की प्रक्रिया जानबूझकर जटिल बना दी जाती है, जिससे लाभार्थी मजबूरी में बिचौलियों का सहारा लें रहे है.

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी और प्रशासन की उदासीनता

बीते कुछ दिन पहले काजीपुर पंचायत की ख़बर आप पढ़े ही होंगे कि मुखिया के द्वारा आवास लाभुक से पैसे की मांग की जा रही थी.लेकिन उस मामले में भी जिलाधिकारी के द्वारा जाच का आदेश दिया गया था लेकिन कारवाई के नाम पर जीरो दिख रहा है, क्योंकि मुखिया बेधड़क जिला और पाखंड में चक्कर लगा रहे है. वहीं प्रखंड प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और योजना का असली लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

प्रशासन करेगा जांच?
जब इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) लोकेश यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी हमे नहीं है अगर ऐसा होता होगा तो कारवाई के साथ हम एफआर करेंगे चाहे वो प्रखंड के कर्मचारि हो या बिचौलिया। प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए है, इसमें भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"


जनता की मांग – हो पारदर्शिता और कार्रवाई

ग्रामीणों ने खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि इस योजना में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि गरीबों को उनका हक बिना किसी रिश्वत के मिल सके। प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर जरूरतमंद को "पक्का घर" उपलब्ध कराना है, लेकिन जब इसमें भी भ्रष्टाचार की सेंध लग जाती है, तो सवाल उठना लाज़िमी है।

सिमरी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि दिलाने तक की जा रही पैसों की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश

सिमरी प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि दिलाने तक की जा रही पैसों की मांग, ग्रामीणों में आक्रोश

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बक्सर, सिमरी –: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसे जनकल्याणकारी योजना का लाभ लेने के लिए सिमरी प्रखंड के गरीब और जरूरतमंद लोग जहां उम्मीद लगाए बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर योजना में नाम चढ़ाने से लेकर राशि स्वीकृत कराने तक कथित तौर पर अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वार्ड सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि और कुछ दलालों द्वारा आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने के नाम पर 5,00 से लेकर 10,00 रुपये तक की मांग की जा रही है। वहीं, जिनका नाम पहले से सूची में है, उनसे राशि जारी करवाने के लिए भी घूस मांगी जा रही है।

गरीबों की पीड़ा: "आवास के लिए कर्ज लेकर भी रिश्वत दें?"

सिमरी के एक ग्रामीण ने बताया, “मेरा नाम लिस्ट में तो है, लेकिन पैसा निकालने के लिए गाव पर आए सहाब ने हमसे बोले कि बिना कुछ दिए काम नहीं होगा। तो हमने कहा कि हम गरीब लोग पहले ही मजदूरी कर घर बनाते हैं, अब ऊपर से रिश्वत कहां से दें?”
एक अन्य महिला लाभार्थी ने बताया कि "अगर पैसा नहीं दिया, तो नाम काट देने की धमकी दी जाती है।" कई लोगों ने यह भी बताया कि योजना की प्रक्रिया जानबूझकर जटिल बना दी जाती है, जिससे लाभार्थी मजबूरी में बिचौलियों का सहारा लें रहे है.

जनप्रतिनिधियों की चुप्पी और प्रशासन की उदासीनता

बीते कुछ दिन पहले काजीपुर पंचायत की ख़बर आप पढ़े ही होंगे कि मुखिया के द्वारा आवास लाभुक से पैसे की मांग की जा रही थी.लेकिन उस मामले में भी जिलाधिकारी के द्वारा जाच का आदेश दिया गया था लेकिन कारवाई के नाम पर जीरो दिख रहा है, क्योंकि मुखिया बेधड़क जिला और पाखंड में चक्कर लगा रहे है. वहीं प्रखंड प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और योजना का असली लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

प्रशासन करेगा जांच?
जब इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) लोकेश यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी हमे नहीं है अगर ऐसा होता होगा तो कारवाई के साथ हम एफआर करेंगे चाहे वो प्रखंड के कर्मचारि हो या बिचौलिया। प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए है, इसमें भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"


जनता की मांग – हो पारदर्शिता और कार्रवाई

ग्रामीणों ने खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि इस योजना में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि गरीबों को उनका हक बिना किसी रिश्वत के मिल सके। प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर जरूरतमंद को "पक्का घर" उपलब्ध कराना है, लेकिन जब इसमें भी भ्रष्टाचार की सेंध लग जाती है, तो सवाल उठना लाज़िमी है।