anish जवही दीयर गांव में पशुओं के लिए चारा खत्म होने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीण - . "body"

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जवही दीयर गांव में पशुओं के लिए चारा खत्म होने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीण


जवही दीयर गांव के समाजसेवी विश्वामित्र यादव ने कहा कि सरकारी लाभ अभी तक नहीं मिला ग्रामीणों को 

By amit kumar upadhyay

M v online bihar news/buxar/चक्की l प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जवही दीयर गांव में पशुओं के चारा के लिए ग्रामीण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से दियारे इलाके में बाढ़ ने अपना रुतबा दिखाया लेकिन बाढ़ जिस तरह से दियारे इलाके में जिस तरह से तबाही मचाई इससे तो लगता है कि सरकार का इस पर ध्यान ही नहीं है लेकिन कहते हैं की एक भगवान आंख बन्द करते हैं तो दूसरा खोल देते हैं इसी तरह एक नजारा जवही दीयर महाजी डेरा गांव के रहने वाले विश्वामित्र यादव है जो आज दियारा इलाके के लिए भगवान से भी बढ़कर इनको ग्रामीण मान रहे ग्रामीणों ने बताया कि जवही दीयर गांव के महाजी डेरा गांव के रहने वाले ऐसे शख्स है जो समाजसेवी के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ कर आज अपना कीमती समय गरीबों की सेवा में दे रहे हैं 


जी हां चौंकिए मत मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि गरीब की सेवा से बढ़कर दुनिया में आज तक कुछ भी नहीं है उनकी सेवा से मानो दियारे इलाके में जिस गांव में अंधेरा छा जाता था आज उस गांव में अंजोरा कर दिया है हम लोग बात सुने होंगे की विश्वामित्र एक भगवान के विश्वामित्र लोग मानते थे लेकिन आज एक धरती पर उन्हीं के जैसा पैदा होने वाले जवही दीयर महाजी डेरा गांव के रहने वाले समाजसेवी गरीबों का मसीहा कहे जाने वाले विश्वामित्र इस धरती पर दियारे इलाके में भी है उन्होंने कहा कि गरीब परिवार हो जिसके पास शादी विवाह में पैसा नहीं भी हो उनको विश्वामित्र के द्वारा गरीबों का पैसा देकर सेवा करते हैं जिनके पास शादी के लिए पैसा नहीं रहता है उनको पैसा भी देते हैं उन्होंने कहा है कि कहते हैं हद संकला पावर इरादे यदि मजबूत हो तो बड़ी लड़ाई को भी आसानी से जीता जा सकता है इस बात को चर्चित कर दिखा रहे हैं महाजी डेरा गांव के रहने वाले समाजसेवी विश्वामित्र यादव यह ऐसा शख्स हैं जो घर-घर जाकर नांव से खाना पहुंचा रहे हैं एवं गरीबों का हाल-चाल जान रहे हैं उन लोगों से पूछ रहे हैं कि कोई दिक्कत हो तो हमारा नंबर पर सफर कर सकते हैं दुनिया में अपने लिए सब जीते हैं लेकिन दूसरे के लिए जिया जाए तो उसी को इंसान कहते हैं इनकी सेवा से गरीब परिवार आज खुशहाल की जिंदगी जी रहे हैं उनका कहना है कि जेल पुलिस में नौकरी में थे लेकिन नौकरी छोड़ दिए क्योंकि गरीब की सेवा से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है लोग कहते हैं हम भगवान पूछते हैं 


भगवान भी कहते हैं कि गरीबों का सेवा करो और गरीब को सेवा करते हो तो हम वहां भी आपका पूजा ले सकते है मोंटू सिंह और मंतोष चौबे विश्वामित्र के संग में घूम घूम कर नांव पर खाना पहुंचा रहे हैं सोनू चौबे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विश्वामित्र यादव 2003 से हैं गरीबों का सेवा करते आ रहे हैं अभय चौबे ने कहा आज तक ना हम लोग ऐसे समाजसेवी जवही दीयर गांव में नहीं देखे थे नहीं देखेंगे आने वाला पीढ़ी क्या कहेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जिस तरह से जवही दीयर गांव के समाजसेवी विश्वामित्र यादव कोरोना काल में गरीब परिवारों के लिए भगवान साबित हुए थे वही आज बाढ़ में भी गरीब परिवारों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं जो आज तक एक हजार ग्रामीणों को खाना खिला चुके हैं इस मौके पर लक्ष्मण यादव भरत यादव प्रभुनाथ यादव संजय यादव सोनू चौबे मंटू चौबे बिट्टू सिंह प्रेम चौबे श्रीनिवास रामलाल बाबू संतोष जागा बहादुर श्री प्रसाद यादव सुरेश यादव धनजी यादव गोपाल यादव गणेश मास्टर पवन शर्मा ज्योति ओझा वीरेंद्र चौबे अजय चौबे तमाम ग्रामीणों का इसमें सहयोग रह रहा है

जवही दीयर गांव में पशुओं के लिए चारा खत्म होने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीण

जवही दीयर गांव में पशुओं के लिए चारा खत्म होने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीण


जवही दीयर गांव के समाजसेवी विश्वामित्र यादव ने कहा कि सरकारी लाभ अभी तक नहीं मिला ग्रामीणों को 

By amit kumar upadhyay

M v online bihar news/buxar/चक्की l प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जवही दीयर गांव में पशुओं के चारा के लिए ग्रामीण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से दियारे इलाके में बाढ़ ने अपना रुतबा दिखाया लेकिन बाढ़ जिस तरह से दियारे इलाके में जिस तरह से तबाही मचाई इससे तो लगता है कि सरकार का इस पर ध्यान ही नहीं है लेकिन कहते हैं की एक भगवान आंख बन्द करते हैं तो दूसरा खोल देते हैं इसी तरह एक नजारा जवही दीयर महाजी डेरा गांव के रहने वाले विश्वामित्र यादव है जो आज दियारा इलाके के लिए भगवान से भी बढ़कर इनको ग्रामीण मान रहे ग्रामीणों ने बताया कि जवही दीयर गांव के महाजी डेरा गांव के रहने वाले ऐसे शख्स है जो समाजसेवी के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ कर आज अपना कीमती समय गरीबों की सेवा में दे रहे हैं 


जी हां चौंकिए मत मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि गरीब की सेवा से बढ़कर दुनिया में आज तक कुछ भी नहीं है उनकी सेवा से मानो दियारे इलाके में जिस गांव में अंधेरा छा जाता था आज उस गांव में अंजोरा कर दिया है हम लोग बात सुने होंगे की विश्वामित्र एक भगवान के विश्वामित्र लोग मानते थे लेकिन आज एक धरती पर उन्हीं के जैसा पैदा होने वाले जवही दीयर महाजी डेरा गांव के रहने वाले समाजसेवी गरीबों का मसीहा कहे जाने वाले विश्वामित्र इस धरती पर दियारे इलाके में भी है उन्होंने कहा कि गरीब परिवार हो जिसके पास शादी विवाह में पैसा नहीं भी हो उनको विश्वामित्र के द्वारा गरीबों का पैसा देकर सेवा करते हैं जिनके पास शादी के लिए पैसा नहीं रहता है उनको पैसा भी देते हैं उन्होंने कहा है कि कहते हैं हद संकला पावर इरादे यदि मजबूत हो तो बड़ी लड़ाई को भी आसानी से जीता जा सकता है इस बात को चर्चित कर दिखा रहे हैं महाजी डेरा गांव के रहने वाले समाजसेवी विश्वामित्र यादव यह ऐसा शख्स हैं जो घर-घर जाकर नांव से खाना पहुंचा रहे हैं एवं गरीबों का हाल-चाल जान रहे हैं उन लोगों से पूछ रहे हैं कि कोई दिक्कत हो तो हमारा नंबर पर सफर कर सकते हैं दुनिया में अपने लिए सब जीते हैं लेकिन दूसरे के लिए जिया जाए तो उसी को इंसान कहते हैं इनकी सेवा से गरीब परिवार आज खुशहाल की जिंदगी जी रहे हैं उनका कहना है कि जेल पुलिस में नौकरी में थे लेकिन नौकरी छोड़ दिए क्योंकि गरीब की सेवा से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है लोग कहते हैं हम भगवान पूछते हैं 


भगवान भी कहते हैं कि गरीबों का सेवा करो और गरीब को सेवा करते हो तो हम वहां भी आपका पूजा ले सकते है मोंटू सिंह और मंतोष चौबे विश्वामित्र के संग में घूम घूम कर नांव पर खाना पहुंचा रहे हैं सोनू चौबे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विश्वामित्र यादव 2003 से हैं गरीबों का सेवा करते आ रहे हैं अभय चौबे ने कहा आज तक ना हम लोग ऐसे समाजसेवी जवही दीयर गांव में नहीं देखे थे नहीं देखेंगे आने वाला पीढ़ी क्या कहेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जिस तरह से जवही दीयर गांव के समाजसेवी विश्वामित्र यादव कोरोना काल में गरीब परिवारों के लिए भगवान साबित हुए थे वही आज बाढ़ में भी गरीब परिवारों को मुफ्त में खाना खिला रहे हैं जो आज तक एक हजार ग्रामीणों को खाना खिला चुके हैं इस मौके पर लक्ष्मण यादव भरत यादव प्रभुनाथ यादव संजय यादव सोनू चौबे मंटू चौबे बिट्टू सिंह प्रेम चौबे श्रीनिवास रामलाल बाबू संतोष जागा बहादुर श्री प्रसाद यादव सुरेश यादव धनजी यादव गोपाल यादव गणेश मास्टर पवन शर्मा ज्योति ओझा वीरेंद्र चौबे अजय चौबे तमाम ग्रामीणों का इसमें सहयोग रह रहा है