आर्सेनिक_प्रभावित_क्षेत्रों में होगी! गंगा जल की आपूर्ति सरकार ने दी आदेश 2 साल के अंदर तैयार होगा प्रोजेक्ट
by kapilmuni misra
M V ONLINE BIHAR NEWS बक्सर जिला के सबसे प्रभावशाली योजनाओं में से एक जो ब्रह्म्पुर विधानसभा क्षेत्र के आर्सेनिक प्रभावित इलाका सिमरी प्रखण्ड के केशोपुर गाँव में बहुग्रामिय पाईप जलापूर्ति योजना को बिहार कैबिनेट में पुनरीक्षित कर स्वीकृति कर दी गई है । वही एन डी ए गठबंधन बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय श्री नीतीश कुमार के द्वारा ये कार्य के लिए सिमरी पश्चिमी के जिला पार्षद श्री बिजय मिश्रा जी के द्वारा अथक प्रयास करने के बाद स्वीकृति का माँग माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कराया गया! इस योजना के लिए माननीय मिश्रा जी ने कितनी बार बिहार के राज्यपाल,और माननीय मुख्यमंत्री जी से मिले ! उसके बाद
बक्सर आर्सेनिक प्रभावित इलाकों में पिछले दस सालों से शुद्ध पेयजल आपूात पर छाया काले बादल का गतिरोध खत्म हो गया । जब की इस कोरोना भरी संकट के बीच राज्य कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए जिले के सिमरी प्रखंड के अंतर्गत केशोपुर गांव में वर्षो से बंद पड़ा जलशोध संस्थान के निर्माण के लिए सरकार ( 163.3 करोड़ रुपये ) की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को दो सालों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है।-
आपको बताते चलें कि यह परियेाजना लगभग दस साल पुरानी है ! और वर्ष 2010 में ही इस पर काम शुरू हुआ था। तब इस परियोजना की लागत सौ करोड़ रुपये आंकी गई थी। कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी हैदराबाद की एक निर्माण कंपनी को दी गई। जब कंपनी ने काम शुरू कर दिया, लेकिन इस बीच जहां पानी को शुद्ध करने के लिए संयंत्र लगना था, वहां भूमि अधिग्रहण पर कुछ लोग कोर्टअपनी याचिका दिएर करने चले गए। इससे परियोजना में देर हो गई! और नामित कंपनी को पुन: दो साल का एक्सटेंशन भी मिला। लेकिन प्राक्कलन खर्च में बढ़ोतरी नहीं होने से एजेंसी ने आगे काम करने से मना कर दिया। पिछले साल लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने इस स्थल का निरीक्षण कर नए सिरे से कार्य का मूल्यांकन करने का आदेश दिया !
आर्सेनिक प्रभावित गांवों में होनी है जलापूति :-
केशोपुर में निर्माणाधीन जलशोध संस्थान से पाइप लाइन के जरिए आर्सेनिक प्रभावित गांवों में शुद्ध पानी की आपूति होनी है। जल शोध संयंत्र गंगा के किनारे बन रहा है! और संयंत्र में पाइप के जरिए गंगा का पानी लाया जाएगा।और क्षेत्र में कुल 87 गांव में इसका सप्लाई किया जायेगा । बताया जाता है कि पहले वाली परियोजना में जलशोध संस्थान के माध्यम से 51 गांवों में पानी की आपूíत होनी थी।-लेकिन इस योजना के तहत कुछ और गांव को भी शामिल किया गया है !
आर्सेनिक जल ग्रहण करने से बढ़ रहे कैंसर के मरीज:-
आर्सेनिक पानी ग्रहण करने से लोग कैंसर सहित चर्म रोगों से ग्रसित हो रहे है। इसका खुलासा हाल ही में महावीर कैंसर संस्थान द्वारा क्षेत्र के कई गांवों में किए गए जांच के आधार पर किया गया है। पिछले साल महावीर कैंसर संस्थान की टीम ने तिलक राय के हाता, बकुलहापट्टी, रामोपट्टी सहित अन्य गांवों में डोर-टू-डोर जाकर आर्सेनिक प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनके खान-पान, रहन-सहन एवं जल सेवन से होनेवाली परेशानियों के बारे में बात की। और इस सर्वे में कुछ लोगों में कैंसर के लक्षण भी पाए गए थे।-
आर्सेनिक जल के सेवन से होनेवाली बीमारी:-
आर्सेनिक युक्त पानी का सेवन से चर्म रोग, श्वांस रोग, खून की कमी, हार्मोन संबंधी, पेट की बीमारी, नपुंसकता, थायराइड आदि बीमारी होने की आशंका है। चिकित्सकों का कहना है कि अधिक गहराई वाले पानी में आर्सेनिक की मात्रा कम है। करीब (तीन सौ फीट ) गहरे चापाकल का पानी ही यहां के ग्रामीणों को पीना चाहिए। वहीं, प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को खाना में दही, हरी सब्जी, फल, अधिक मात्रा में हल्दी, तुलसी दल का पत्ता और आंवला का सेवन करना चाहिए।
कैबिनेट की बैठक में आर्सेनिक प्रभावित सिमरी क्षेत्र के केशोपुर गाँव में बहुग्रमिय पाईप जलापूर्ति योजना को पुनरीक्षित कर स्वीकृति कर दी गई ! माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा ये कार्य के लिए क्षेत्रिय जिला पार्षद श्री बिजय मिश्रा जी को और माननीय मुख्यमंत्री जी के इस कार्य को पुनः सुरु करने की अनुमति देने देने के लिए ! क्षेत्रवासी ने तह दिल से बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहे की इस आर्सेनिक जल से क्षेत्र को मुक्ति मिली !
by kapilmuni misra
M V ONLINE BIHAR NEWS बक्सर जिला के सबसे प्रभावशाली योजनाओं में से एक जो ब्रह्म्पुर विधानसभा क्षेत्र के आर्सेनिक प्रभावित इलाका सिमरी प्रखण्ड के केशोपुर गाँव में बहुग्रामिय पाईप जलापूर्ति योजना को बिहार कैबिनेट में पुनरीक्षित कर स्वीकृति कर दी गई है । वही एन डी ए गठबंधन बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय श्री नीतीश कुमार के द्वारा ये कार्य के लिए सिमरी पश्चिमी के जिला पार्षद श्री बिजय मिश्रा जी के द्वारा अथक प्रयास करने के बाद स्वीकृति का माँग माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कराया गया! इस योजना के लिए माननीय मिश्रा जी ने कितनी बार बिहार के राज्यपाल,और माननीय मुख्यमंत्री जी से मिले ! उसके बाद
बक्सर आर्सेनिक प्रभावित इलाकों में पिछले दस सालों से शुद्ध पेयजल आपूात पर छाया काले बादल का गतिरोध खत्म हो गया । जब की इस कोरोना भरी संकट के बीच राज्य कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए जिले के सिमरी प्रखंड के अंतर्गत केशोपुर गांव में वर्षो से बंद पड़ा जलशोध संस्थान के निर्माण के लिए सरकार ( 163.3 करोड़ रुपये ) की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को दो सालों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है।-
आपको बताते चलें कि यह परियेाजना लगभग दस साल पुरानी है ! और वर्ष 2010 में ही इस पर काम शुरू हुआ था। तब इस परियोजना की लागत सौ करोड़ रुपये आंकी गई थी। कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी हैदराबाद की एक निर्माण कंपनी को दी गई। जब कंपनी ने काम शुरू कर दिया, लेकिन इस बीच जहां पानी को शुद्ध करने के लिए संयंत्र लगना था, वहां भूमि अधिग्रहण पर कुछ लोग कोर्टअपनी याचिका दिएर करने चले गए। इससे परियोजना में देर हो गई! और नामित कंपनी को पुन: दो साल का एक्सटेंशन भी मिला। लेकिन प्राक्कलन खर्च में बढ़ोतरी नहीं होने से एजेंसी ने आगे काम करने से मना कर दिया। पिछले साल लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने इस स्थल का निरीक्षण कर नए सिरे से कार्य का मूल्यांकन करने का आदेश दिया !
आर्सेनिक प्रभावित गांवों में होनी है जलापूति :-
केशोपुर में निर्माणाधीन जलशोध संस्थान से पाइप लाइन के जरिए आर्सेनिक प्रभावित गांवों में शुद्ध पानी की आपूति होनी है। जल शोध संयंत्र गंगा के किनारे बन रहा है! और संयंत्र में पाइप के जरिए गंगा का पानी लाया जाएगा।और क्षेत्र में कुल 87 गांव में इसका सप्लाई किया जायेगा । बताया जाता है कि पहले वाली परियोजना में जलशोध संस्थान के माध्यम से 51 गांवों में पानी की आपूíत होनी थी।-लेकिन इस योजना के तहत कुछ और गांव को भी शामिल किया गया है !
आर्सेनिक जल ग्रहण करने से बढ़ रहे कैंसर के मरीज:-
आर्सेनिक पानी ग्रहण करने से लोग कैंसर सहित चर्म रोगों से ग्रसित हो रहे है। इसका खुलासा हाल ही में महावीर कैंसर संस्थान द्वारा क्षेत्र के कई गांवों में किए गए जांच के आधार पर किया गया है। पिछले साल महावीर कैंसर संस्थान की टीम ने तिलक राय के हाता, बकुलहापट्टी, रामोपट्टी सहित अन्य गांवों में डोर-टू-डोर जाकर आर्सेनिक प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनके खान-पान, रहन-सहन एवं जल सेवन से होनेवाली परेशानियों के बारे में बात की। और इस सर्वे में कुछ लोगों में कैंसर के लक्षण भी पाए गए थे।-
आर्सेनिक जल के सेवन से होनेवाली बीमारी:-
आर्सेनिक युक्त पानी का सेवन से चर्म रोग, श्वांस रोग, खून की कमी, हार्मोन संबंधी, पेट की बीमारी, नपुंसकता, थायराइड आदि बीमारी होने की आशंका है। चिकित्सकों का कहना है कि अधिक गहराई वाले पानी में आर्सेनिक की मात्रा कम है। करीब (तीन सौ फीट ) गहरे चापाकल का पानी ही यहां के ग्रामीणों को पीना चाहिए। वहीं, प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को खाना में दही, हरी सब्जी, फल, अधिक मात्रा में हल्दी, तुलसी दल का पत्ता और आंवला का सेवन करना चाहिए।
कैबिनेट की बैठक में आर्सेनिक प्रभावित सिमरी क्षेत्र के केशोपुर गाँव में बहुग्रमिय पाईप जलापूर्ति योजना को पुनरीक्षित कर स्वीकृति कर दी गई ! माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा ये कार्य के लिए क्षेत्रिय जिला पार्षद श्री बिजय मिश्रा जी को और माननीय मुख्यमंत्री जी के इस कार्य को पुनः सुरु करने की अनुमति देने देने के लिए ! क्षेत्रवासी ने तह दिल से बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहे की इस आर्सेनिक जल से क्षेत्र को मुक्ति मिली !




