राज्यपाल ने किया सिमरी में 9 दिवसीय रामकथा का उद्घाटन भाजपा नेता प्रदीप राय रहे मौजूद
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M V ONLINE BIHAR NEWS
बक्सर/सिमरी। शारदीय नवरात्र के पहले ही दिन सिमरी प्रखंड मुख्यालय और आसपास का इलाका भक्ति और श्रद्धा के सागर में डूब गया। मां काली मंदिर परिसर से सटे पंडाल में रविवार से नौ दिवसीय भव्य रामकथा का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विशेष तौर पर सिमरी पहुंचकर कथा का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि रामकथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम है।
इस आयोजन में विशेष आकर्षण रहे भाजपा के कद्दावर नेता प्रदीप राय। राज्यपाल के बगल में मंच पर विराजमान राय ने जहां आयोजन समिति का उत्साह बढ़ाया, वहीं श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए समाजसेवा और धार्मिक परंपराओं को आगे बढ़ाने की अपील की। उनके पहुंचने से सभा स्थल पर मौजूद लोगों में खासा उत्साह देखा गया।
मां काली सेवा समिति के सदस्यों ने बताया कि 22 सितंबर से शुरू हुई रामकथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक चलेगी। प्रसिद्ध कथावाचक राजन जी महाराज अपनी मधुर वाणी में श्रीराम के चरित्र, मर्यादा और आदर्शों का वर्णन करेंगे। भक्तगण जहां रामकथा के संदेश से भाव-विभोर होंगे, वहीं भजन-कीर्तन की रसधारा में भी सराबोर होंगे। आयोजन समिति ने यह भी जानकारी दी कि कथा का प्रसारण कई चैनलों के माध्यम से भी होगा, ताकि दूर-दराज के लोग भी इसका लाभ उठा सकें
कथा समापन के अगले दिन, यानि दो अक्टूबर को सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन होगा। यह विवाह पूर्णतः दहेज रहित होगा, जो समाज में सकारात्मक संदेश देने के साथ-साथ गरीब परिवारों के लिए राहत साबित होगा। समिति के सदस्यों का कहना है कि कथा केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने का माध्यम भी बनेगी।
प्रदीप राय की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
कथा उद्घाटन के दौरान राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही वर्गों की भागीदारी दिखी। खासकर प्रदीप राय की मौजूदगी ने कार्यक्रम को नई ऊर्जा दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि धर्म और समाज सेवा साथ-साथ चलने चाहिए। राय ने युवाओं से आह्वान किया कि वे रामकथा से प्रेरणा लेकर समाज में एकता, सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करें।
लाखो की संख्या में पहुचे श्रद्धालु
रामकथा के पहले ही दिन दूर-दराज़ गांवों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। महिलाओं और बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला। पूरा क्षेत्र भक्ति गीतों और मंत्रोच्चारण से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने राज्यपाल और प्रदीप दुबे का स्वागत जोरदार तालियों और जयकारों के साथ किया सिमरी की यह रामकथा धार्मिक आस्था, सामाजिक सुधार और जनभागीदारी का अद्भुत संगम बनकर सामने आई है। उद्घाटन दिन की गरिमा में जहां राज्यपाल की मौजूदगी ने चार चांद लगाए, वहीं प्रदीप राय की सक्रिय उपस्थिति ने आयोजन को नई दिशा और मजबूती दी। आने वाले दिनों में कथा और सामूहिक विवाह समारोह निश्चित ही इलाके की पहचान को और भी ऊंचा उठाएंगे।