बक्सर के चुरामनपुर में खुला नेचर वाइल्डलाइफ केयर सेंटर, लावारिस पशु एवं घायल पक्षियों को बचाने का करेगा काम
नेचर वाइल्ड लाइफ केयर सेंटर के शुभारंभ में उपस्थित रहे कई गणमान्य व्यक्ति
By admin
M v online bihar news/बक्सर/जिले का एक ऐसा एकलौता सक्स जिसको लोग स्नेक मैन से जाना करते हैं, हालांकि वह व्यक्ति परिचय का मोहताज नहीं है। जी हां हम बात कर रहे हैं बक्सर जिले के दलसागर गांव के रहने वाले हरिओम चौबे की जो सांपों और जंगली जीव तथा पंछियों से उनका बहुत ही लगाव है। और इनकी रक्षा करना एवं सेवा करना इनका काम है। जिले के किसी भी गांव में अगर किसी को भयानक सांप दिख जाए तो सबसे पहले वह हरिओम चौबे को ही याद करते हैं। हालांकि इस बक्सर के होनहार युवक ने जंगली जानवरों तथा पंछियों के लिए एक नेचर वाइल्डलाइफ केयर सेंटर का शुभारंभ चुरामन पुर में किया. जिसमें जिले के किसी भी गांव या क्षेत्र में जंगली जानवर या पक्षी घायल अवस्था या लावारिस हालत में दिखे तो हरिओम चौबे को इसकी जानकारी दें जिसके बाद यह उन जंगली जानवरों तथा पक्षियों को लेकर के इस सेंटर में आएंगे और उनका देखभाल और सही उपचार करके उन्हें पुनः प्रकृति की गोद में छोड़ देंगे, हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह बिहार का पहला वाइल्डलाइफ सेंटर है।
सेंटर के शुभारंभ में उपस्थित रहे गणमान्य व्यक्ति
बताते चलें कि इस सेंटर के उद्घाटन समारोह में राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष हरेंद्र तिवारी, कांग्रेस नेता कामेश्वर पांडेय, बजरंगी मिश्रा, गिट्टू तिवारी सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए. सभी ने हरिओम चौबे की इस पहल पर उनकी प्रशंसा की.लोगों ने अपने उद्बोधन में हरिओम चौबे की इस पहल में अपना भी सहयोग देने की बात कही.
कहते हैं चौबे
वह इस सेंटर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए हरिओम चौबे ने बताया कि यह सेंटर बिहार का पहला ऐसा सेंटर है जहां लावारिस पशुओं तथा घायल पक्षियों का इस सेंटर में इलाज किया जाएगा तत्पश्चात उन्हें प्रकृति की गोद में छोड़ दिया जाएगा। यह भी कहा कि अगर इन जंगली जानवरों तथा पक्षियों की देखभाल करना हमारा फर्ज है अगर हम इन्हें बचाएंगे तो प्राकृतिक को भी बचा सकते हैं अन्यथा प्रकृति को बचाना एक विशाल कहां है चट्टान को तोड़ने के समान हो जाएगा इस सेंटर को खोलने में माता-पिता है एवं मित्रों समेत क्षेत्रवासियों, जिले वासियों का भरपूर सहयोग रहा जिसके बदौलत यह सेंटर मैं खोल पाया हू।