बिहार के आर्थिक विकास में परिवहन की अहम भूमिका
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M v online Bihar news/बक्सर दिनांक 26 अक्टूबर 2021:- बिहार के आर्थिक विकास में परिवहन की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रही है। राज्य में बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ वाहनों के निबंधन में भी संख्यात्मक वृद्धि हो रही है। तीव्र शहरीकरण एवं मोटर वाहनों की संख्या में वृद्धि का प्रभाव वायु गुणवत्ता पर भी पड़ा है। वायु प्रदूषण देश एवं राज्य के लिए गंभीर पर्यावरणीय चिंता की विषय के साथ साथ मानवीय स्वास्थ्य के लिए भी घातक है वाहन के ईंधन जनित उत्सर्जन से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वाहनों के प्रदूषण जांच हेतु पेट्रोल पंप वाहन सर्विस सेंटर के अतिरिक्त सभी प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक मोटर वाहनों के प्रदूषण की सही जांच हो सके और आसानी से प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सके।
उद्देश्य: -
इसका उद्देश्य वाहन स्वामियों को प्रखंड स्तर पर वाहनों का प्रदूषण जांच कराने और प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराना है, ताकि सुविधाजनक रूप से अधिक से अधिक वाहनों का प्रदूषण जांच हो सके इससे वाहन जनित उत्सर्जन से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही प्रखंड स्तर पर रोजगार का भी सृजन होगा। योजन का नाम एवं विस्तार:- इस योजना का नाम प्रदूषण जांच केंद्र प्रोत्साहन योजना होगा। यह योजना पूरे बिहार राज्य के उन प्रखंडों के लिए मान्य होगा, जहां पेट्रोल पंप पर वाहन सर्विस सेंटर के अतिरिक्त एक भी मोटर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित नहीं है।
लाभुक की अहर्ता :- लाभुक उसी प्रखंड के स्थाई निवासी होंगे जिस प्रखंड में प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना की जानी है। आवेदक मोटर वाहनों के रख रखाव एवं उसकी सर्विसिंग आदि का व्यवसाय करता हो आवेदक स्वयं या उसका स्टॉफ मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल अथवा ऑटोमोबाइल अभियंत्रण में डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी हो अन्यथा इंटरमीडिएट 12 वीं कक्षा (विज्ञान के साथ) पास हो या मोटर वाहन से संबंधित किसी ट्रेड में आईटीआई पास हो।
प्रोत्साहन राशि:- इस योजना के अंतर्गत प्रखंड स्तर पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों के क्रय मूल्य की 50% राशि अथवा अधिकतम 3 लाख (तीन लाख रु०) मात्र प्रोत्साहन राशि अनुदान स्वरूप के रूप में संस्थापक (आवेदक) को भुगतेय होगी। क्रय मूल से अभिप्राय है प्रदूषण जांच करने हेतु उपयोग में अधिनियम एवं मानक अनुसार लाए जाने वाले उपकरण यथा स्मोक मीटर गैस एनालाइजर तथा डेक्सटॉप इंटरनेट के साथ प्रिंटर एवं यूपीएस का क्रय मूल्य (कर सहित)।
आवेदन एवं प्रोत्साहन राशि की प्रक्रिया:- प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु इच्छुक व्यक्ति जिला परिवहन कार्यालय में सभी कागजातों के साथ आवेदन देंगे जिला परिवहन पदाधिकारी प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु योग्य अभ्यर्थी का चयन उसका स्थाई पता एवं शैक्षिक योग्यता तथा तकनीकी अहर्ता के आधार पर किया जाएगा।
चयन एवं प्रोत्साहन राशि के भुगतान की प्रक्रिया निम्नवत होगी:-
प्रदूषण जांच केंद्र रहित प्रखंडों में इस योजना अंतर्गत प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु सर्वप्रथम परिवहन विभाग की वेबसाइट पर विज्ञापन प्रकाशित की जाएगी। प्रकाशित विज्ञापन तिथि के 15 दिनों के अंदर इच्छुक व्यक्ति विहित प्रपत्र (अनुलग्नक-1) में आवेदन पत्र संबंधित जिला परिवहन कार्यालय में समर्पित करेंगे। आवेदक को आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित कागजात संलग्न करना अनिवार्य होगा:-
सक्षम पदाधिकारी द्वारा निर्गत आवासीय प्रमाण पत्र की स्वअभिप्रमाणित प्रति, प्रदूषण जांच केंद्र स्थापना हेतु स्वयं या स्टाफ की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता से संबंधित स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति, अपने बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की स्वअभिप्रमाणित प्रति, आधार कार्ड की स्व अभिप्रमाणित छायाप्रति। जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदनों में से चयन शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जाएगा। किसी प्रखंड के लिए एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में उच्चतर शैक्षणिक योग्यता को प्राथमिकता दी जाएगी। दो आवेदन के शैक्षणिक योग्यता समान होने पर अधिक उम्र के अभ्यर्थी का चयन किया जाएगा। योग्य अभ्यर्थियों के चयन हेतु आवेदक की उच्चतर शैक्षणिक योग्यता मान्य होगी। आवेदक के स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता पर इस हेतु विचार नहीं किया जाएगा। चयन के उपरांत जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा चयनित अभ्यर्थी का सत्यापन करना अनिवार्य होगा सत्यापन के पश्चात संतुष्ट होने के उपरांत आवेदक को लिखित रूप से इस योजना हेतु उनके चयन की सूचना (स्वयं पत्र) भेजी जाएगी जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा आवेदक के चयन की सूचना पत्र के माध्यम से जिला पदाधिकारी को दी जाएगी। आवेदक द्वारा लिखित रूप में योजना के लिए चयन संबंधी सूचना प्राप्त होने के एक महीने के अंदर केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम एवं नियमावली/ बिहार मोटर गाड़ी नियमावली (यथा संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना संचालन की अनुज्ञप्ति हेतु अनुज्ञापन प्राधिकार के समक्ष अनुसार दस्तावेजों के साथ एलटीएसए अथवा एलटीएसआर में ऑनलाइन अनुज्ञापन प्राधिकार को निर्धारित श्री के साथ आवेदन समर्पित किया जाएगा। बिहार मोटर गाड़ी निंबावली यथा संशोधित के अनुज्ञापन प्राधिकार नियम 163 ड (i) के अधीन आवेदन प्राप्त होने पर तथा इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक ने इस नियम के उप नियम दो एवं तीन की अध्यापेक्षाओ को पूरा कर दिया गया है अनुज्ञप्ति दे सकता है। यदि आवेदक उपयुक्त शब्द पूरा करने में सक्षम नहीं हो तो अनुज्ञप्ति प्राधिकारी द्वारा आवेदक के अन्य नियम संगत अहर्ता से संतुष्ट होकर अनुज्ञप्ति स्वीकृति हेतु औपबंधिक सहमति प्रदान की जा सकती है। आवेदक औपबंधिक सहमति पत्र प्राप्त होने की तिथि से 1 माह अथवा अधिकतम 3 माह के अंतर्गत अपेक्षित उपकरण स्मोकमीटर या गैस एनालाइजर (या अन्य कोई अपेक्षित उपकरण जो आवश्यक हो) अपने व्यापार परिसर में स्थापित कर सकेगा। चयनित आवेदक द्वारा प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु उपकरणों का क्रय एवं इसकी स्थापना से संबंधित सूचना लिखित रूप में जिला परिवहन कार्यालय को समर्पित किया जाएगा। आवेदक से लिखित सूचना प्राप्त होने के उपरांत जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा मोटरयान निरीक्षक के माध्यम से प्रदूषण जांच केंद्र में सभी उपकरणों का भौतिक निरीक्षण कराया जाएगा जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा भौतिक निरीक्षण से संबंधित सूचना पत्र के माध्यम से जिला पदाधिकारी को भी दी जाएगी। आवेदक द्वारा प्रदूषण जांच केंद्र का सक्षम प्राधिकार से अनुज्ञप्ति प्राप्त करने तथा प्रदूषण केंद्र संचालन हेतु सभी उपकरणों का अधिस्थापन के उपरांत सभी संबंधित मूल कागजतो की स्व अभिप्रमाणित प्रति के साथ जिला परिवहन कार्यालय में प्रोत्साहन राशि हेतु आवेदन समर्पित किया जाएगा। कंडिका (xi) में सभी कागजातो के प्रति जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा प्राप्त होने के तुरंत बाद लीड एजेंसी के कार्यालय को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के भुगतान हेतु प्रावधानों के अनुसार अधियाचना भेजी जाएगी। लीड एजेंसी तत्पश्चात नियमानुसार जिला सड़क सुरक्षा समिति को आवंटन उपलब्ध कराएंगे। आवंटन प्राप्त होने के उपरांत जिला परिवहन पदाधिकारी जिला पदाधिकारी सो अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति से स्वीकृति प्राप्त कर नियमानुसार भुगतेय प्रोत्साहन राशि सीधे लाभ के खाते में अंतरित करेंगे।
योजना की अन्य शर्तें
इस योजना के अंतर्गत प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु शर्त निम्नवत है:- मोटर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र हेतु अनुज्ञप्ति का निग्रमण एवं नवीकरण यथा संशोधित केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली एवं बिहार मोटर गाड़ी नियमावली के आलोक में होगी। प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना के निमित प्रोत्साहन प्राप्त करने वाले चयनित आवेदकों को इस आशय का शपथ पत्र देना होगा कि प्रोत्साहन प्राप्त करने के पश्चात आगामी न्यूनतम 3 वर्षों तक वे प्रदूषण जांच केंद्र संचालित करेंगे तथा केंद्र की अनुज्ञपति का नवीनीकरण नियमानुसार करवाते रहेंगे। यदि किसी विशेष परिस्थिति में उन्हें इसका संचालन 3 वर्ष के पूर्व बंद करना हो तो अनुज्ञप्ति प्राधिकार को कारण सहित पूर्व सूचना देते हुए जिला सड़क सुरक्षा समिति को भी अवगत कराएंगे और प्रोत्साहन की राशि जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति में बैंक खाते में जमा करेंगे। यह योजना चलंत प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु मान्य नहीं होगा। यह योजना पेट्रोल पंप एवं वाहन सर्विस सेंटर के परिसर में मोटर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने हेतु मान्य नहीं होगा। योजना का लाभ लेने वाले व्यक्तियों को योजना अंतर्गत दोनों प्रकार के वाहन यथा पेट्रोलियम डीजल वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट निर्गत करने हेतु स्मोकमीटर एवं गैस एनालाइजर दोनों का क्रय कर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करना होगा।
प्रोत्साहन राशि एवं बजट का प्रावधान
इस योजना के अंतर्गत प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हेतु प्रोत्साहन राशि का भुगतान सड़क सुरक्षा निधि से किया जाएगा यह राशि जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा प्राप्त अधिया चना के आधार पर जिला सड़क सुरक्षा समिति को आवंटित की जाएगी। तत्पश्चात यह प्रोत्साहन राशि प्रदूषण जांच केंद्र के संस्थापक के बैंक खाते में जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा सीधे अंतरित की जाएगी।
जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति
जिला स्तर पर इस योजना का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी द्वारा जिला सड़क सुरक्षा समिति के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना की निरंतर समीक्षा एवं इससे संबंधित विवाद, प्रत्याशित एवं अप्रत्याशित घटना, विवाद की सुनवाई, प्रोत्साहन की राशि का वितरण, प्रदूषण जांच केंद्र के संस्थापकों द्वारा प्रोत्साहन की राशि प्राप्त करने के पश्चात उपकरणों का विक्रय प्रदूषण जांच केंद्र को बंद करने के आदी के लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकार होंगे। जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा लिए गए निर्णय को ही अंतिम निर्णय माना जाएगा। इस योजना के किसी भी कंडिका के विवेचन हेतु परिवहन विभाग सक्षम प्राधिकार होंगे।
अन्यान्य
परिवहन विभाग इस योजना को संशोधित करने हेतु सक्षम प्राधिकार होगा।