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    hedar kana

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पंचकोसी परिक्रमा की हुई शुरुआत जाने इसका महत्व

मां अहिल्या के पूजन कर शुरू हुआ पंचकोसी परिक्रमा

BY ADMIN 

M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर :- भगवान राम की शिक्षास्थली एवं भगवान वामन की जन्मस्थली तथा महर्षि विश्व मित्र की नगरी के साथ-साथ मिनी काशी के रूप में जाने जाने वाला बक्सर जहां की पंचकोशी यात्रा की शुरुआत रामरेखा घाट पर गंगा स्नान कर आरती पूजन के पश्चात प्रथम पड़ाव की शुरुआत अहिरौली मां अहिल्या के मंदिर में पूजन करके हुआ जलाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ इकट्ठा हुई साथ में कई महान संतो का भी दर्शन हुआ।


 कहा जाता है कि गौतम ऋृषि के श्राप से पत्थर बनी माता अहिल्या का इसी यात्रा के दौरान भगवान श्रीराम ने उद्धार किया था। संतों का काफिला रविवार को पंचकोश यात्रा के दूसरे दिन नदांव के लिए प्रस्थान करेगा, जहां नारद कुंड की परिक्रमा की जाएगी। वहा लगे मेला में दूर-दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। अहिरौली गांव पूरी तरह से मेला के रूप में तब्दील हो गया था। 


कहा जाता है कि गंगा स्नान के बाद गौतम ऋषि के आश्रम में पूजा अर्चना करने के पश्चात श्रद्धालुओं के द्वारा पुआ का प्रसाद ग्रहण किया जाता है उसके बाद पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे पड़ाव की तरफ भजन कीर्तन करते हुए निकल चलते हैं। हालांकि इस यात्रा में देश के कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं और पंचकोशी परिक्रमा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं बताते चलें कि देश के कई महान संतों का भी दर्शन इस पंचकोसी परिक्रमा में देखने को मिल जाती है।


पंचकोसी परिक्रमा की हुई शुरुआत जाने इसका महत्व

पंचकोसी परिक्रमा की हुई शुरुआत जाने इसका महत्व

मां अहिल्या के पूजन कर शुरू हुआ पंचकोसी परिक्रमा

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M V ONLINE BIHAR NEWS/बक्सर :- भगवान राम की शिक्षास्थली एवं भगवान वामन की जन्मस्थली तथा महर्षि विश्व मित्र की नगरी के साथ-साथ मिनी काशी के रूप में जाने जाने वाला बक्सर जहां की पंचकोशी यात्रा की शुरुआत रामरेखा घाट पर गंगा स्नान कर आरती पूजन के पश्चात प्रथम पड़ाव की शुरुआत अहिरौली मां अहिल्या के मंदिर में पूजन करके हुआ जलाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ इकट्ठा हुई साथ में कई महान संतो का भी दर्शन हुआ।


 कहा जाता है कि गौतम ऋृषि के श्राप से पत्थर बनी माता अहिल्या का इसी यात्रा के दौरान भगवान श्रीराम ने उद्धार किया था। संतों का काफिला रविवार को पंचकोश यात्रा के दूसरे दिन नदांव के लिए प्रस्थान करेगा, जहां नारद कुंड की परिक्रमा की जाएगी। वहा लगे मेला में दूर-दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। अहिरौली गांव पूरी तरह से मेला के रूप में तब्दील हो गया था। 


कहा जाता है कि गंगा स्नान के बाद गौतम ऋषि के आश्रम में पूजा अर्चना करने के पश्चात श्रद्धालुओं के द्वारा पुआ का प्रसाद ग्रहण किया जाता है उसके बाद पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे पड़ाव की तरफ भजन कीर्तन करते हुए निकल चलते हैं। हालांकि इस यात्रा में देश के कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं और पंचकोशी परिक्रमा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं बताते चलें कि देश के कई महान संतों का भी दर्शन इस पंचकोसी परिक्रमा में देखने को मिल जाती है।