anish क्या कहुं कैसे बताऊं,मैं बिहार हूँ ! - . "body"

    hedar kana

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क्या कहुं कैसे बताऊं,मैं बिहार हूँ !



BY ADMIN

M V ONLINE BIHAR NEWS/बिहार की भूमि कभी शिक्षा और ज्ञान की भूमि थी । इस भूमि ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाँ को ज्ञान, लोकतंत्र और न जाने कितने महापुरुष दिए। गाँधी को महात्मा बनाया  और यहाँ के वीरो ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ाई लड़ी। 

कभी बिहार पूरी दुनियाँ में अपना दबदबा बनाया था आज वो  एक लेबर स्टेट की भूमिका तक सिमट चुका हैं। यहाँ के विश्वविद्यालयो में शिक्षा बस डिग्री तक सिमट गई । रोजगार के शून्य हो गया ,कल कारखाने बंद हो गए ।  जिस बिहार ने देश को राजेन्द्र बाबू और जगजीवन राम दिया वो बिहार आज अपने अस्तित्व को तलाश रहा हैं। 

 आज अगर बिहार बर्बाद हो गया तो उसके पीछे यहाँ के राजनेताओं का अहम योगदान रहा हैं। मैं किसी एक को इसका जिम्मेदार नहीं बना सकता । 

                               

 लालूजी की लाठी व जातिवादी राजनीति ने युवाओं को नाकाम किया तो वही नीतीश बाबू की कुर्मी -कोईरी राजनीति और शराब बंदी जैसे बेतुके फैसले बिहार को रसातल में डुबो दिया। जिसने भी बिहार की गद्दी संभाली उसने कभी मुख्य समस्याओं पर ध्यान नही दिया।  अगड़े पिछड़े की राजनीति करके बिहार के युवा पीढ़ी को निकम्मा बना दिया जो लोग संविधान का स नही समझ पाते वो भी संविधान बचाने निकल गए। गरीबों की राजनीति के नाम पर नेताओं ने जनता को मूर्ख बनाया और युवाओं को लेबर बनाकर दूसरे राज्यों में पलायन के लिए मजबूर बना दिया।90 के दशक से जो नेता पैदा हुवे वो सभी आज अच्छे अच्छे जगह पर पहुँच गए ,अरबो की सम्पति खड़ा कर ली और बदले में यहाँ के लोगों को जाति का झुनझुना पकड़ा दिया।नीतीश बाबू ने शिक्षा क्रांति के नाम पर लॉलीपॉप देने की योजना लाई और पढ़ाई लिखाई को पैसा बनाने की फैक्ट्री बना डाला । बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्रों के जीवन को बेकार करने के अलावे अब कुछ नहीं होता । 3 साल की डिग्री 5 साल में देकर उनकी जिंदगी को चौपट कर दिया जाता हैं। 

 सत्ता की उठा -पटक झेलता हुवा बिहार आज दुनियाँ के समक्ष सवाल पूछ रहा हैं कि आखिर कौन जिम्मेदार हैं इस दुर्गति का। सवाल उनसे भी हैं जो कई सालों तक राज किये और कर रहें हैं। बेटे का राजनीति तो सेट कर लिए लेकिन ये नहीं देखे कि उन्होंने इस मिट्टी के साथ कितनी गद्दारी की ।

 कभी किसी ने झूठा पैकेज का ऐलान किया तो किसी ने समाज सुधारक बनने के चक्कर में गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों की जेब पर हमला कर दिया । किसी ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को हम सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाएंगे लेकिन हकीकत यह हैं कि ये जुमले फेक कर बस सबने अपनी कुर्सी बचाई।  

 सवाल उनसें भी हैं जो परिवर्तन के नाम पर इन नेताओं को वोट दिए और बदले में इन नेताओं ने पीढ़ियों को निकम्मा व मजदूर बना दिया।  बूढ़े माँ -बाप अपनी संतानों को दूर भेजने पर मजबूर हो जाते हैं और अंतिम वक्त तक भी उनकी औलाद रोटी कमाने के लिए उनसे दूर रहने को मजबूर रहता हैं। 


 बिहारी के नाम पर जब अन्य राज्यों में मार पीट की जाती हैं तब बिहार के रहनुमाओं से सवाल बनता हैं कि आखिर क्यों रोजगार हमारे यहाँ नही हैं ? आखिर कब तक लेबर स्टेट बनके रहना होगा ? कब बिहार पुनः अपनी पहचान को वापिस पाएगा।  स्व० मिश्रा जी , लालू जी और नीतीश बाबू आप इसकी जिम्मेदारी ले या न ले लेकिन ये सच हैं कि आप सबों ने बिहार को सिर्फ यूज़ किया हैं । भाजपा/ कांग्रेस /जदयू /राजद -अगड़ी /पिछड़ी के अलावा आपने बिहार को कुछ दिया हैं तो वो बस बर्बादी हैं । शिक्षा धूमिल हो गई रोजगार शून्य हो गया महंगाई चरम सीमा पर पहुँच गईं और नीतीश जी आपने शराब बंदी लागू करके जनता पर टैक्स का जुल्म ढा दिया ।  

 बिहार की मिट्टी आप सभी से सवाल कर रहीं हैं ।आप सब जिम्मेदार है और जिम्मेदार वो भी हैं जो आप जैसे नेताओं पर विश्वास किये।  बिहार की अस्मिता को वापस लाइये वरना आपको पीढियां माफ नही करेंगी। 🙏रंजन कुमार 

क्या कहुं कैसे बताऊं,मैं बिहार हूँ !

क्या कहुं कैसे बताऊं,मैं बिहार हूँ !



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M V ONLINE BIHAR NEWS/बिहार की भूमि कभी शिक्षा और ज्ञान की भूमि थी । इस भूमि ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाँ को ज्ञान, लोकतंत्र और न जाने कितने महापुरुष दिए। गाँधी को महात्मा बनाया  और यहाँ के वीरो ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ाई लड़ी। 

कभी बिहार पूरी दुनियाँ में अपना दबदबा बनाया था आज वो  एक लेबर स्टेट की भूमिका तक सिमट चुका हैं। यहाँ के विश्वविद्यालयो में शिक्षा बस डिग्री तक सिमट गई । रोजगार के शून्य हो गया ,कल कारखाने बंद हो गए ।  जिस बिहार ने देश को राजेन्द्र बाबू और जगजीवन राम दिया वो बिहार आज अपने अस्तित्व को तलाश रहा हैं। 

 आज अगर बिहार बर्बाद हो गया तो उसके पीछे यहाँ के राजनेताओं का अहम योगदान रहा हैं। मैं किसी एक को इसका जिम्मेदार नहीं बना सकता । 

                               

 लालूजी की लाठी व जातिवादी राजनीति ने युवाओं को नाकाम किया तो वही नीतीश बाबू की कुर्मी -कोईरी राजनीति और शराब बंदी जैसे बेतुके फैसले बिहार को रसातल में डुबो दिया। जिसने भी बिहार की गद्दी संभाली उसने कभी मुख्य समस्याओं पर ध्यान नही दिया।  अगड़े पिछड़े की राजनीति करके बिहार के युवा पीढ़ी को निकम्मा बना दिया जो लोग संविधान का स नही समझ पाते वो भी संविधान बचाने निकल गए। गरीबों की राजनीति के नाम पर नेताओं ने जनता को मूर्ख बनाया और युवाओं को लेबर बनाकर दूसरे राज्यों में पलायन के लिए मजबूर बना दिया।90 के दशक से जो नेता पैदा हुवे वो सभी आज अच्छे अच्छे जगह पर पहुँच गए ,अरबो की सम्पति खड़ा कर ली और बदले में यहाँ के लोगों को जाति का झुनझुना पकड़ा दिया।नीतीश बाबू ने शिक्षा क्रांति के नाम पर लॉलीपॉप देने की योजना लाई और पढ़ाई लिखाई को पैसा बनाने की फैक्ट्री बना डाला । बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्रों के जीवन को बेकार करने के अलावे अब कुछ नहीं होता । 3 साल की डिग्री 5 साल में देकर उनकी जिंदगी को चौपट कर दिया जाता हैं। 

 सत्ता की उठा -पटक झेलता हुवा बिहार आज दुनियाँ के समक्ष सवाल पूछ रहा हैं कि आखिर कौन जिम्मेदार हैं इस दुर्गति का। सवाल उनसे भी हैं जो कई सालों तक राज किये और कर रहें हैं। बेटे का राजनीति तो सेट कर लिए लेकिन ये नहीं देखे कि उन्होंने इस मिट्टी के साथ कितनी गद्दारी की ।

 कभी किसी ने झूठा पैकेज का ऐलान किया तो किसी ने समाज सुधारक बनने के चक्कर में गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों की जेब पर हमला कर दिया । किसी ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को हम सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाएंगे लेकिन हकीकत यह हैं कि ये जुमले फेक कर बस सबने अपनी कुर्सी बचाई।  

 सवाल उनसें भी हैं जो परिवर्तन के नाम पर इन नेताओं को वोट दिए और बदले में इन नेताओं ने पीढ़ियों को निकम्मा व मजदूर बना दिया।  बूढ़े माँ -बाप अपनी संतानों को दूर भेजने पर मजबूर हो जाते हैं और अंतिम वक्त तक भी उनकी औलाद रोटी कमाने के लिए उनसे दूर रहने को मजबूर रहता हैं। 


 बिहारी के नाम पर जब अन्य राज्यों में मार पीट की जाती हैं तब बिहार के रहनुमाओं से सवाल बनता हैं कि आखिर क्यों रोजगार हमारे यहाँ नही हैं ? आखिर कब तक लेबर स्टेट बनके रहना होगा ? कब बिहार पुनः अपनी पहचान को वापिस पाएगा।  स्व० मिश्रा जी , लालू जी और नीतीश बाबू आप इसकी जिम्मेदारी ले या न ले लेकिन ये सच हैं कि आप सबों ने बिहार को सिर्फ यूज़ किया हैं । भाजपा/ कांग्रेस /जदयू /राजद -अगड़ी /पिछड़ी के अलावा आपने बिहार को कुछ दिया हैं तो वो बस बर्बादी हैं । शिक्षा धूमिल हो गई रोजगार शून्य हो गया महंगाई चरम सीमा पर पहुँच गईं और नीतीश जी आपने शराब बंदी लागू करके जनता पर टैक्स का जुल्म ढा दिया ।  

 बिहार की मिट्टी आप सभी से सवाल कर रहीं हैं ।आप सब जिम्मेदार है और जिम्मेदार वो भी हैं जो आप जैसे नेताओं पर विश्वास किये।  बिहार की अस्मिता को वापस लाइये वरना आपको पीढियां माफ नही करेंगी। 🙏रंजन कुमार