anish सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में ग्राम गौरव संस्था ने किया झंडोतोलन - . "body"

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सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में ग्राम गौरव संस्था ने किया झंडोतोलन

* आईपीएस की डिग्री छोड़ भारत को आजाद करने का लिए थे सपना

बक्सर :- सिमरी प्रखंड के डुमरी पंचायत के मंगनु ब्रह्मबाबा के प्रांगण में ग्राम गौरव संस्था के बैनर तले सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में झंडोतोलन कार्यक्रम किया गया जहां सुभाष चंद्र बोस और भारत मां के तैलिय चित्र पर पुष्प अर्पित के साथ दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपेंद्र भाई त्यागी ( प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख बिहार ) एवं अति विशिष्ट अतिथि डाॅ स्वामीनाथ तिवारी ( संस्थापक ग्राम गौरव संस्था ) के द्वारा संयुक्त रूप से शुरुआत की गई. व्हाई इस कार्यक्रम में गांव से लेकर जिला और प्रदेश के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे

याद किए गए सुभाष चंद्र बोस

इस कार्यक्रम में सुभाष चंद्र बोस के जीवन के कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाली गई वहीं कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी देते हुए ग्राम गौरव संस्था के जिला अध्यक्ष तेज नारायण कुंवर ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस के द्वारा आज ही के दिन यानी 21 अक्टूबर को आजाद भारत का घोषणा किया गया था जो एक ऐतिहासिक दिन है जैसे हम 15 अगस्त और 26 जनवरी मानते हैं वैसे ही 21 अक्टूबर के दिन भी झंडो तोलन करके सुभाष चंद्र बस के सपने को साकार करें और हमारा ग्राम गौरव का मकसद यही है कि गांव के विलुप्त होती पुरानी परंपरा और पुरानी सभ्यता के साथ पुराने लोगों से मिलना और उनकी विचारधारा को नए युवा पीढ़ी तक पहुंचाना.

सुभाष चंद्र बोस की कहानी

कार्यक्रम के दौरान उपेंद्र त्यागी ने अपने वक्तव्य में बताया कि आज के समय जो आईएएस होते हैं. लेकिन अपने समय में सुभाष चंद्र बोस जी आईएस थे जब उन्होंने आईपीएस की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद वह डिग्री अपने पिता के चरणों में समर्पित कर दिए नहीं बने ips और अंग्रेजों के शासन से भारत को मुक्त कराने के लिए निकल पड़े थे।


उन्होंने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि आप उनको खून ही दो नहीं उनका कहना था की खून यानी ब्लड का रिश्ता एक दूसरे के साथ जोड़ना उन्होंने यह नारा दिया था कि हम सब एक हैं और एक साथ रहेंगे तो इन गोरे लोगों का सामना कर पाएंगे हालांकि उनकी हमारा काफी प्रसिद्ध थी जो आज भी आपको सुनने को मिल ही जाती है इस कार्यक्रम में सूबेदार मिश्रा अनुज कुमार आशुतोष कुमार धर्मराज पहलवान रवि कुमार अमित कुमार संजीत कुमार के साथ-साथ गांव के लोग मौजूद थे


सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में ग्राम गौरव संस्था ने किया झंडोतोलन

सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में ग्राम गौरव संस्था ने किया झंडोतोलन

* आईपीएस की डिग्री छोड़ भारत को आजाद करने का लिए थे सपना

बक्सर :- सिमरी प्रखंड के डुमरी पंचायत के मंगनु ब्रह्मबाबा के प्रांगण में ग्राम गौरव संस्था के बैनर तले सुभाष चंद्र बोस के प्रथम भारत आजाद उद्घोषणा के उपलक्ष में झंडोतोलन कार्यक्रम किया गया जहां सुभाष चंद्र बोस और भारत मां के तैलिय चित्र पर पुष्प अर्पित के साथ दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपेंद्र भाई त्यागी ( प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख बिहार ) एवं अति विशिष्ट अतिथि डाॅ स्वामीनाथ तिवारी ( संस्थापक ग्राम गौरव संस्था ) के द्वारा संयुक्त रूप से शुरुआत की गई. व्हाई इस कार्यक्रम में गांव से लेकर जिला और प्रदेश के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे

याद किए गए सुभाष चंद्र बोस

इस कार्यक्रम में सुभाष चंद्र बोस के जीवन के कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाली गई वहीं कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी देते हुए ग्राम गौरव संस्था के जिला अध्यक्ष तेज नारायण कुंवर ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस के द्वारा आज ही के दिन यानी 21 अक्टूबर को आजाद भारत का घोषणा किया गया था जो एक ऐतिहासिक दिन है जैसे हम 15 अगस्त और 26 जनवरी मानते हैं वैसे ही 21 अक्टूबर के दिन भी झंडो तोलन करके सुभाष चंद्र बस के सपने को साकार करें और हमारा ग्राम गौरव का मकसद यही है कि गांव के विलुप्त होती पुरानी परंपरा और पुरानी सभ्यता के साथ पुराने लोगों से मिलना और उनकी विचारधारा को नए युवा पीढ़ी तक पहुंचाना.

सुभाष चंद्र बोस की कहानी

कार्यक्रम के दौरान उपेंद्र त्यागी ने अपने वक्तव्य में बताया कि आज के समय जो आईएएस होते हैं. लेकिन अपने समय में सुभाष चंद्र बोस जी आईएस थे जब उन्होंने आईपीएस की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद वह डिग्री अपने पिता के चरणों में समर्पित कर दिए नहीं बने ips और अंग्रेजों के शासन से भारत को मुक्त कराने के लिए निकल पड़े थे।


उन्होंने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि आप उनको खून ही दो नहीं उनका कहना था की खून यानी ब्लड का रिश्ता एक दूसरे के साथ जोड़ना उन्होंने यह नारा दिया था कि हम सब एक हैं और एक साथ रहेंगे तो इन गोरे लोगों का सामना कर पाएंगे हालांकि उनकी हमारा काफी प्रसिद्ध थी जो आज भी आपको सुनने को मिल ही जाती है इस कार्यक्रम में सूबेदार मिश्रा अनुज कुमार आशुतोष कुमार धर्मराज पहलवान रवि कुमार अमित कुमार संजीत कुमार के साथ-साथ गांव के लोग मौजूद थे