anish प्रथम पुण्यतिथि पर याद किए गए समाजसेवी परशुराम पाठक - . "body"

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प्रथम पुण्यतिथि पर याद किए गए समाजसेवी परशुराम पाठक


By admin

M v online bihar news/बक्सर/कहा जाता है की यादें किसी की सिमटती नही है। बल्कि उनकी यादों में लोग खोए रहते है। इसे ही एक व्यक्ति को परिवार तथा समाजसेवियों के द्वारा सिमरी प्रखंड के नियाज़ीपुर महेश पाठक के डेरा में एक समाज सेवी व्यक्ति स्वर्गीय परशुराम पाठक की प्रथम पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें उनके स्वजनों, रिश्तेदारों, मित्रों व गांव के लोगो ने उपस्थित होकर के उनके तैल चित्र पर नम आंखों से पुष्प अर्पित की. मौके पर लोगों ने कहा कि स्व परशुराम पाठक अपने पूरे जीवन काल में नौजवानों के लिए समर्पित रहे. 


कहते हैं लोग

कहा जाता है की श्री पाठक ने अपने जीवन काल में युवाओं के लिए खेलकूद, दंगल कराते थे। ताकि क्षेत्र के युवाओं में शारीरिक विकास हो सके। वही घोड़ा दौड़ का भी आयोजन कई वर्षों से अपने गांव में कराया करते थे. इसके अतिरिक्त सैकड़ों नौजवानों को उन्होंने फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी और वॉलीबॉल जैसे खेलों के लिए प्रोत्साहित किया तथा उन्हें खेलकूद की सामग्री भी समय-समय पर उपलब्ध कराते रहे. उनकी यह सोच थी कि नौजवानों में स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूकता बनी रहे. इतना ही नहीं स्व परशुराम पाठक अपने गांव में स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और शिक्षा के प्रति भी सदैव आवाज बुलंद करते रहे. उन्होंने सदा यह प्रयास किया कि अपने अधिकारों के प्रति लोग जागरूक रहे साथ साथ ही साथ परिवारों में बिखराव ना हो तथा गांव के बुजुर्ग व्यक्तियों को उनके घरों में उचित सम्मान मिले.


प्राकृतिक से था प्रेम

 श्री पाठक के पुत्र मनोज पाठक ने बताया की पिता जी को समाज तथा युवायो से काफी जुड़ाव था लेकिन प्राकृतिक से और जानवरों से भी लगाव काफी था। जिसे बचाने के लिए उनके द्वारा दियारांचल के कई प्रमुख जगहों पर पेड़ तथा पशु पक्षियों के खाने और पानी पीने की भी वेवस्था किया करते थे ताकि हमारे प्राकृतिक की सुंदरता बढ़ने वाले पक्षियों को बचाया जा सके। इनके नही रहने पर आज उस खेल के मैदान में जहा इनके द्वारा युवाओं को शारीरिक विकास की शिक्षा दि जाती आज वो मैदान सुना पड़ा हुआ है।

प्रथम पुण्यतिथि पर याद किए गए समाजसेवी परशुराम पाठक

प्रथम पुण्यतिथि पर याद किए गए समाजसेवी परशुराम पाठक


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M v online bihar news/बक्सर/कहा जाता है की यादें किसी की सिमटती नही है। बल्कि उनकी यादों में लोग खोए रहते है। इसे ही एक व्यक्ति को परिवार तथा समाजसेवियों के द्वारा सिमरी प्रखंड के नियाज़ीपुर महेश पाठक के डेरा में एक समाज सेवी व्यक्ति स्वर्गीय परशुराम पाठक की प्रथम पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें उनके स्वजनों, रिश्तेदारों, मित्रों व गांव के लोगो ने उपस्थित होकर के उनके तैल चित्र पर नम आंखों से पुष्प अर्पित की. मौके पर लोगों ने कहा कि स्व परशुराम पाठक अपने पूरे जीवन काल में नौजवानों के लिए समर्पित रहे. 


कहते हैं लोग

कहा जाता है की श्री पाठक ने अपने जीवन काल में युवाओं के लिए खेलकूद, दंगल कराते थे। ताकि क्षेत्र के युवाओं में शारीरिक विकास हो सके। वही घोड़ा दौड़ का भी आयोजन कई वर्षों से अपने गांव में कराया करते थे. इसके अतिरिक्त सैकड़ों नौजवानों को उन्होंने फुटबॉल, क्रिकेट, कबड्डी और वॉलीबॉल जैसे खेलों के लिए प्रोत्साहित किया तथा उन्हें खेलकूद की सामग्री भी समय-समय पर उपलब्ध कराते रहे. उनकी यह सोच थी कि नौजवानों में स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूकता बनी रहे. इतना ही नहीं स्व परशुराम पाठक अपने गांव में स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और शिक्षा के प्रति भी सदैव आवाज बुलंद करते रहे. उन्होंने सदा यह प्रयास किया कि अपने अधिकारों के प्रति लोग जागरूक रहे साथ साथ ही साथ परिवारों में बिखराव ना हो तथा गांव के बुजुर्ग व्यक्तियों को उनके घरों में उचित सम्मान मिले.


प्राकृतिक से था प्रेम

 श्री पाठक के पुत्र मनोज पाठक ने बताया की पिता जी को समाज तथा युवायो से काफी जुड़ाव था लेकिन प्राकृतिक से और जानवरों से भी लगाव काफी था। जिसे बचाने के लिए उनके द्वारा दियारांचल के कई प्रमुख जगहों पर पेड़ तथा पशु पक्षियों के खाने और पानी पीने की भी वेवस्था किया करते थे ताकि हमारे प्राकृतिक की सुंदरता बढ़ने वाले पक्षियों को बचाया जा सके। इनके नही रहने पर आज उस खेल के मैदान में जहा इनके द्वारा युवाओं को शारीरिक विकास की शिक्षा दि जाती आज वो मैदान सुना पड़ा हुआ है।